तलाक नहीं तो पहली पत्नी ही पेंशन की हकदार

 तलाक नहीं तो पहली पत्नी ही पेंशन की हकदार


प्रयागराज,
 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि गुजारा भत्ते पर समझौता होने से यह नहीं कहा जा सकता कि पत्नी ने पति की मृत्यु के बाद सेवानिवृत्ति परिलाभ का दावा छोड़ दिया है। कोर्ट ने कहा कि पति से अलग रहने के बावजूद सेवापंजिका में वह नामित है और दोनों के बीच तलाक न होने के कारण वह पत्नी है। कानूनन मृतक कर्मचारी के सेवा परिलाभ उसके वारिस को पाने का हक है। इसलिए पत्नी ही पति की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन आदि की हकदार है। कोर्ट ने स्वयं को पत्नी की तरह साथ रहने वाली महिला को राहत देने से इनकार करते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी है।


यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने रजनीरानी की याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि उसके पति भोजराज 30 जून 2021 को सेवानिवृत्त हुए और उसी वर्ष उनकी मृत्यु हो गई। भोजराज की पहली पत्नी बहुत पहले घर छोड़कर चली गई थी।