सरकार ने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए एनपीएस वात्सल्य योजना की शुरुआत कर दी है। यह योजना माता-पिता को अवसर उपलब्ध कराएगी कि वो अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए कुछ पैसा इसमें निवेश कर सकें। इस योजना के माध्यम से नाबालिगों के बचपन से लेकर उनकी 60 वर्ष की आयु तक अच्छा खासा कोष बनाया जा सकता है। इससे उन्हें मजबूत वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
एनपीएस वात्सल्य योजना राष्ट्रीय पेंशन योजना का विस्तारित रूप है, जिसे 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए डिजाइन किया गया है। यह योजना बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने का काम करेगी। वात्सल्य खाता नाबालिग के नाम पर खोला जाता है और अभिभावक द्वारा संचालित किया जाता है तथा नाबालिग इसका एकमात्र लाभार्थी होता है। इस योजना के माध्यम से सरकार ने बच्चों को भी सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की कोशिश की है। इसमें सारे पक्षों का ध्यान रखा गया है। इस योजना में किए जाने वाले निवेश पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलेगा। खाते की देखरेख पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा की जाएगी।
वात्सल्य और म्यूचुअल फंड में कौन बेहतर
निवेश विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों निवेश योजना एक दूसरे से अलग हैं और निवेश का विकल्प बच्चों के वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम और टैक्स छूट पर निर्भर करता है। एनपीएस इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों में विविधता लाता है, जबकि म्यूचुअल फंड के मामले में निवेशक के पास अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर योजनाओं को चुनने का विकल्प होता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में उच्च जोखिम तो है लेकिन वहां उच्च रिटर्न मिलने की संभावना भी रहती है।
वहीं, राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों में अलग-अलग विकल्प के अनुसार मिश्रित निवेश होता है, जहां न्यूनतम औसत रिटर्न मिलने के आसार बने रहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, लंबी अवधि में तगड़ा कोष तैयार करने के लिए दोनों ही अच्छे विकल्प हैं लेकिन निवेश करने से पहले जोखिम लेने और उसे सहन करने की क्षमता का आकलन जरूर करना चाहिए।
ऐसे बनेगा करोड़ों का तगड़ा कोष
सालाना योगदान : 10,000
शुरुआत निवेश अवधि : 18 वर्ष
ऑनलाइन तरीके से ऐसे खोलें वात्सल्य खाता
● सबसे पहले eNPS के पोर्टल (https://enps.nsdl.com/) पर जाएं। होमपेज पर नीचे की ओर स्क्रॉल करें और एनपीएस वात्सल्य (नाबालिग) विकल्प में जाकर रजिस्टर नाऊ बटन पर क्लिक करें।
● इससे शुरुआती पंजीकरण फॉर्म खुल जाएगा। यहां माता और पिता या कानूनी संरक्षक को अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे जन्मतिथि, पैन नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी दर्ज करनी होगी।
● इससे ईमेल और मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा। इन्हें अलग-अलग दर्ज कर मोबाइल नंबर और ईमेल को सत्यापित करें।
● इसके बाद तीन केंद्रीय रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसियों में से एक को चुनना होगा। ओटीपी सत्यापन के बाद मांगी गई निजी जानकारियां देनी होंगी। इसके अभिभावक की केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
● इसके बाद नाबालिग का पंजीकरण फॉर्म खुलेगा। यहां उसका नाम, आधार या पैन कार्ड नंबर और अन्य विवरण दर्ज करने होंगे। इन्हें भी सत्यापित करें।
● इसके बाद अभिभावक को अपने हस्ताक्षर की स्कैन कॉपी को अपलोड करनी होगी। पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्थायी सेवानिवृत्त खाता संख्या (प्रान) दी जाएगी।
● इसके बाद न्यूनतम 1000 रुपये का भुगतान करने के बाद खाता शुरू हो जाएगा।
60 साल की आयु होने पर
2.75 करोड़ रुपये
(10 का अनुमानित रिटर्न)
5.97 करोड़ रुपये
(11.59 का अनुमानित रिटर्न)
11.05 करोड़ रुपये
(12.86 का अनुमानित रिटर्न)
● (नोट : एनपीएस कैलकुलेटर की गणना के मुताबिक, आंकड़ों में बदलाव संभव है)
ऑफलाइन खाता खोलने की प्रक्रिया
● इसके लिए नजदीकी प्वाइंट ऑफ प्रजेंस (पीओपी) को सर्च करना होगा। ये बैंक, पोस्ट ऑफिस और सरकारी दफ्तर हो सकते हैं। इनकी सूची पीएफआरडीए की वेबसाइट से हासिल की जा सकती है।
●आप बैंक या डाकघर में किसी का भी चयन कर सकते हैं, जहां खाता खुलवाना चाहते हैं। वहां जाकर फॉर्म भरें और केवाईसी पूरी करें।
● खाता खुलवाने के लिए
1000 रुपये जमा करने होंगे। इसके बाद प्रान नंबर जारी कर दिया जाएगा।
योजना से जुड़े जरूरी सवाल-जवाब
1. खाता खुलवाने के लिए कौन पात्र है?
18 वर्ष से कम उम्र के नाबालिगों के नाम से खाता खुलवाया जा सकता है। उनके नाम पर पैन कार्ड और आधार कार्ड होना अनिवार्य है। एक बच्चे के लिए केवल एक ही खाता खोला जा सकता है।
2. माता-पिता और अभिभावकों की भूमिका क्या होगी?
नाबालिग बच्चों की तरफ उनके माता-पिता या कानूनी अभिभावकों को आवेदन करना होगा। जब तक बच्चा बालिग नहीं हो जाता, वे ही खाते को संचालित करेंगे।
3. खाते में न्यूनतम कितना योगदान कर सकते हैं?
शुरुआत में खाता खोलने के लिए न्यूनतम 1000 रुपये देने होंगे। उसके बाद हर साल न्यूनतम 1,000 का वार्षिक योगदान देना होगा। अधिकतम योगदान की सीमा तय नहीं की गई है।
4. खाता खुलने के बाद क्या होगा?
जुड़ने वाले नाबालिग सदस्यों को 12 अंकों का प्रान नंबर (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या ) जारी किया जाएगा। यह नंबर पहचान के रूप में काम करेगा और जीवनभर के लिए सक्रिय रहेगा।
5. कहां खुलवा सकते हैं वात्सल्य खाता?
● ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों ही माध्यम से खाता खुलवाया जा सकता है। ऑनलाइन तरीके में अधिकृत बैंक की वेबसाइट या ई-एनपीएस पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
● वहीं, ऑफलाइन तरीके में बैंक की शाखा, डाकघर या विभिन्न पॉइंट्स ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) पर व्यक्तिगत रूप से जाकर फॉर्म भरना होगा।
● इन बैंकों में सुविधा : आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एक्सिस बैंक, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ महाराष्ट्र
6. कौन-कौन से दस्तावेज देने होंगे?
● नाबालिग के लिए : आयु का प्रमाण, पहचान पत्र- आधार कार्ड, पैन कार्ड,
● अभिभावक के लिए : पहचान का प्रमाण - आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस आदि, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
● पते का प्रमाण : कोई भी आधिकारिक दस्तावेज, जो वर्तमान पते की पुष्टि करता है
7. 18 साल से पहले कितनी रकम निकाल सकते हैं?
यह योजना तीन साल की लॉक-इन अवधि के साथ आती है। यह अवधि खत्म होने के बाद अगर बच्चे की उम्र 18 साल से कम है तो उसकी शिक्षा, बीमारी और विकलांगता जैसी परिस्थितियों में कुल योगदान का 25 तक पैसा निकाला जा सकता है। 18 साल से पहले अधिकतम तीन बार पैसे निकाले जा सकते हैं।
8. ब्ाच्चे के 18 साल पूरे होने पर क्या होगा?
1. नियमित खाता होगा
खाताधारक के बालिग होने पर वात्सल्य खाता नियमित एनपीएस खाते (टियर-1) में बदल जाएगा और उसके नाम पर हस्तातंरित हो जाएगा। अब खाताधारक चाहे तो वह नियमित खाते को 60 साल की उम्र तक जारी कर सकता है। 18 साल पूरे होने पर तीने महीने के भीतर केवाईसी करानी होगी।
2. खाता बंद करने का विकल्प भी होगा?
खाताधारक के पास खाते को बंद करने का विकल्प भी होगा लेकिन इसके लिए शर्त रखी गई है। खाताधारक को कुल जमा राशि के 80 फीसदी हिस्से से एन्यूटी खरीदनी होगी, जबकि शेष 20 फीसदी रकम को एकमुश्त निकाला जा सकेगा। हालांकि, जिन खाताधारकों की कुल जमा राशि 2.5 लाख रुपये से कम होगी, वे समूची रकम को एकमुश्त निकाल सकेंगे।
9. किसी तरह की अनहोनी होने पर क्या होगा?
1. खाताधारक की मृत्यु होने पर : समूची जमा रकम (निवेशित राशि तथा अर्जित ब्याज) नॉमिनी माता-पिता अथवा कानूनी संरक्षक को लौटा दी जाएगी।
3. दोनों माता-पिता की मृत्यु होने पर : इस स्थिति में बच्चे के कानूनी संरक्षण को जिम्मेदारी मिलेगी। वह बिना कोई निवेश किए तब तक खाते को जारी रख सकता है, जब तक खाताधारक 18 वर्ष का न हो जाए।
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