पिछले आठ साल में पहली बार रेलवे बोर्ड ने नई परिसंपत्तियों के अनुपात में भारतीय रेल में नए पदों के सृजन करने की पहल की है। नई ट्रेनें और मालगाड़ियां, नई रेल लाइनें, सेमी हाई स्पीड पर ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम, टक्कररोधी नई तकनीक कवच, विद्युतीकरण आदि के रख रखाव, मरम्मत और सुरक्षित ट्रेन परिचालन के लिए भारतीय रेल में 80 हजार से अधिक नए पदों का सृजन हो सकता है।
भारतीय रेल में 61,529 खाली पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया दिसंबर, 2024 तक कर ली जाएंगी। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, विभाग में अधिकांश नए पदों का सृजन रेल संरक्षा वर्ग में किया जाएगा। इसमें प्रमुख रूप से सिग्नल एंड टेलीकॉम, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रिकल-रोलिंग स्टॉक (ट्रेन इंजन, वर्कशॉप, लोको शेड), ट्रैफिक (ट्रेन परिचालन), मैकेनिकल (कोच) आदि विभाग में पदों का सृजन किया जाएगा। गैंगमैन, कीमैन, ट्रॉलीमैन, हेल्पर, प्वांइटमैन, सहायक स्टेशन मास्टर, पोर्टर, सिग्नल-इलेक्ट्रिकल इंजीनियर आदि नए पदों का सृजन कर नियुक्तियां की जाएंगी।
हर साल तिमाही भर्ती प्रक्रिया रेलवे बोर्ड के दस्तावेज के अनुसार भारतीय रेल में 61,529 खाली पदों पर भर्ती चल रही है। जनवरी-मार्च 2024 में सहायक लोको पॉयलेट के 18,799 रिक्त पदों पर भर्ती चल रही है। जुलाई-सितंबर के दौरान जूनियर इंजीनियर के 7951 पदों, नॉन टेक्निकल पॉपलुर कैटगरी (लेवल-4,5,6) में 16,154 और पैरामेडिकल कैटगरी में 1376 खाली पदों पर भर्ती करने का फैसला किया है.
वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा
अधिकारी ने बताया, 21 सितंबर, 2016 को रेल बजट को आम बजट में विलय कर दिया गया। इसके बाद रेलवे में नए पदों के सृजन के लिए वित्त मंत्रलाय से अनुमति लेनी होती है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन व सीईओ सतीश कुमार ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है।
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