नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को उच्च शिक्षा क्षेत्र में बड़ा सुधार करते हुए यूजीसी, एआईसीटीई और एनसीटीई जैसे मौजूदा नियामक निकायों की जगह एक एकीकृत उच्च शिक्षा नियामक स्थापित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है।
यह प्रस्तावित विधेयक पहले भारत का उच्च शिक्षा आयोग (HECI) विधेयक के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब इसका नाम बदलकर “विकसित भारत शिक्षा अधीक्षण विधेयक” कर दिया गया है।
एकल नियामक की व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था होगी सरल
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत प्रस्तावित यह एकल नियामक—
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✔ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)
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✔ अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE)
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✔ राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE)
की जगह लेगा।
अधिकारियों के अनुसार, इससे उच्च शिक्षा के विनियमन में दोहराव खत्म होगा और नीतिगत निर्णय अधिक प्रभावी हो सकेंगे।
मेडिकल और लॉ कॉलेज बाहर रहेंगे
प्रस्तावित आयोग को उच्च शिक्षा का एकल नियामक बनाया जाएगा, लेकिन—
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❌ मेडिकल कॉलेज
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❌ लॉ कॉलेज
इसके दायरे में शामिल नहीं होंगे।
आयोग के तीन प्रमुख कार्य
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विनियमन (Regulation)
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मान्यता (Accreditation)
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व्यावसायिक मानक निर्धारण (Standards Setting)
हालांकि, वित्त पोषण (Funding) को फिलहाल इस आयोग के अधीन लाने का प्रस्ताव नहीं है।
71 पुराने कानून होंगे खत्म
कैबिनेट ने एक अन्य अहम फैसले में 71 अप्रासंगिक कानूनों को निरस्त करने वाले विधेयक को भी मंजूरी दी है।
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🔹 65 संशोधन कानून
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🔹 6 मूल कानून
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🔹 इनमें ब्रिटिश काल का एक कानून भी शामिल
सरकार का कहना है कि इससे कानून व्यवस्था सरल, आधुनिक और व्यावहारिक बनेगी।
भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौते को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को भी हरी झंडी दे दी है।
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📌 औपचारिक वार्ता: नवंबर 2023 में शुरू
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📌 वार्ता पूर्ण: 2025 में
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📌 हस्ताक्षर की संभावना: 17-18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओमान यात्रा के दौरान
इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और रोजगार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
कोयला नीति में सुधार को भी मंजूरी
इसके अलावा कैबिनेट ने—
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✔ कोयला लिंकेज नीति में सुधार
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✔ कोल-एसईटीयू (Coal SETU) को नीतिगत मंजूरी
भी प्रदान की है, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ेगी।