कासगंज। शिक्षकों की भर्ती में हुए फर्जीबाडे़ का जिन्न फिर से बाहर निकल
आया है। वर्ष 2004-05 में डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएड करने
के बाद बने शिक्षक शासन के निशाने पर हैं। बेसिक शिक्षा परिषद ने संदिग्ध
शिक्षकों की सीडी शिक्षा विभाग को भेजी है। इस सीडी के आने के बाद से विभाग
में खलबली मच गई है। विभाग ने मिली सीडी के आधार पर जांच प्रक्रिया शुरू
कर दी है।
डा. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय से वर्ष 2004-05 में बीएड करने के बाद बने
शिक्षकों की भर्ती में फर्जीबाड़े को देखते हुए शासन ने वर्ष 2017 में
संदिग्ध शिक्षकों की सूची शिक्षा विभाग को भेजी थी। इस सूची के आधार पर
जनपद में शिक्षकों की जांच की गई। जांच में उस समय 97 शिक्षक संदिग्ध पाए
गए। इन शिक्षकों को विभाग ने नोटिस भी जारी किए, लेकिन इसके बाद मामला
कोर्ट में चले जाने से संदिग्ध पाए गए शिक्षकों का मामला ठंडे बस्ते में
चला गया। न्यायालय से मिले दिशा निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा परिषद ने
फर्जी एंव टेंपर्ड अभ्यर्थियों की संशोधित सूची तैयार कराने के बाद फिर से
शिक्षा विभाग को भेज दी है। ताकि इस सूची के आधार पर जनपद में कितने
अभ्यर्थियों ने शिक्षक की नौकरी प्राप्त की है इसकी सत्यता की जांच की जा
सके और जिन अभ्यर्थियों ने फर्जी अंक तालिकाओं, डिग्री आदि के आधार पर
नौकरी प्राप्त की हो उनको कार्यवाही के घेरे में लाया जा सके।
जांच के लिए शिक्षकों से मांगे प्रमाणपत्र
परिषद से मिली सीडी के आधार पर शिक्षा विभाग ने डा. बीआर आंबेडकर
विश्वविद्यालय से बीएड करने के बाद शिक्षकों की नौकरी प्राप्त की है उनके
प्रमाण पत्र मांगे हैं, जिससे प्रमाण पत्रों की सत्यता की जांच कराई जा
सके।
बेसिक शिक्षा परिषद से वर्ष 2004-05 में डा. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय से
बीएड करने वाले अभ्यर्थियों की संशोधित सूची भेजी है। इस सूची के आधार पर
जनपद में कार्यरत शिक्षकों की जांच के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को
निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अंजली अग्रवाल जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
कासगंज।