वर्तमान परिवेश में महिलाओं और बच्चियों के साथ छेड़खानी की घटनाएं आम हो
गई है। आए दिन अखबारों व समाचार चैनलों पर छोटी बच्चियों के साथ रेप और
महिलाओं के साथ बदसलूकी की खबरें सुनने और देखने को मिलती हैं।
जब तक महिलाओं को पूरी सुरक्षा नहीं मिलती, तब तक देश का माहौल सुधरने की संभावना नहीं हैं।
सरकार को उनकी शिक्षा, सुरक्षा व अधिकारों के लिए प्रति और भी अधिक सोचना होगा। कुछ ऐसी ही बातें बुधवार को हिन्दुस्तान की ओर से आयोजित आओ राजनीति करें, अब नारी की बारी कार्यक्रम में महिलाओं ने रखीं। बुधवार को बहादुरगंज में हिन्दुस्तान ने कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें रमन गुप्ता ने कहा कि सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए हेल्पलाइन नंबर चलाती है। उनके आत्मसुरक्षा के लिए प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है।
इसके बाद भी वह सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए सरकार को पुख्ता इंतजाम करने होंगे। जब तक महिलाओं को पूरी सुरक्षा नहीं मिलती देश, प्रदेश व जिले का माहौल सुधरने वाला नहीं है। इसके साथ समाज की सोच भी बदलने की जरूरत है। अंजली ने कहा कि स्त्री और पुरुष दोनों को शिक्षा के अधिकार प्राप्त है, लेकिन देखने में आया है कि बच्चियों को पूरी शिक्षा नहीं दिलाई जाती। उन्हें उच्च शिक्षित करने के लिए कदम उठाए जाए।
शिक्षकों की कमी महिला शिक्षा में बाधा
नीतू गुप्ता कहती हैं कि सरकार को शिक्षा की तरफ ध्यान देने की जरूरत है। कई प्राथमिक विद्यालयों में देखा गया है कि वहां पर शिक्षकों की कमी है। उनकी भर्तियां नहीं हो रहीं, ऐसे में बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पाती। शिक्षकों की कमी महिला शिक्षा में बाधा उत्पन्न कर रही है। उनका मानना है कि सरकार को शिक्षा की बेहतरी के लिए नौकरियां निकालकर शिक्षकों की भर्ती करनी चाहिए।
महिलाओं के अधिकारों की होती अनदेखी
शिल्पी गुप्ता ने कहा कि हमेशा से महिलाओं के अधिकारों की अनदेखी होती है। चाहे वह राजनीतिक क्षेत्र हो या फिर सामाजिक, आर्थिक व नौकरी आदि। उनके लिए वह चीजें नहीं मिल पाती जिसकी उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत होती है। वह कहती है कि अगर सरकार महिलाओं को राजनीति में आगे बढ़ाया जाए, तो वह समाज की सेवा अच्छे ढंग से कर सकेगी। नौकरियों में भी उन्हें प्राथमिकता मिलें।
महिला संस्थाओं को प्रोत्साहित किया जाए
रजनी गुप्ता का कहना है कि सरकार को महिलाओं की संस्थाओं को भी सपोर्ट करना चाहिए। इससे महिलाओं के लिए काम करने वाली संस्थाएं उनके लिए और भी बेहतर करने को प्रोत्साहित होगीं। उन्होंने महिला संस्थाओं को कुछ अलग से अधिकार दिए जाने की वकालत भी की है। जिसका उपयोग उनको आगे बढ़ाने के लिए किया जा सके। कहा कि अभी संस्थाएं किसी की मदद आपसी सहयोग से करतीं हैं।
महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी
डा. आंचल कौशल कहती हैं कि वर्तमान परिवेश में महिलाओं का शिक्षित होना बहुत जरूरी है। अब महिलाएं अपने परिवार को चलाने के साथ ही दूसरे क्षेत्रों में भी आगे बढ़ रहीं है। अगर महिला शिक्षित होगी, तो पूरा परिवार पढ़ा-लिखा होगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में खड़े होने वाले प्रत्याशियों से महिलाओं की शिक्षा के लिए अच्छी योजनाएं चलाने का वादा लें।
जब तक महिलाओं को पूरी सुरक्षा नहीं मिलती, तब तक देश का माहौल सुधरने की संभावना नहीं हैं।
सरकार को उनकी शिक्षा, सुरक्षा व अधिकारों के लिए प्रति और भी अधिक सोचना होगा। कुछ ऐसी ही बातें बुधवार को हिन्दुस्तान की ओर से आयोजित आओ राजनीति करें, अब नारी की बारी कार्यक्रम में महिलाओं ने रखीं। बुधवार को बहादुरगंज में हिन्दुस्तान ने कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें रमन गुप्ता ने कहा कि सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए हेल्पलाइन नंबर चलाती है। उनके आत्मसुरक्षा के लिए प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है।
इसके बाद भी वह सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए सरकार को पुख्ता इंतजाम करने होंगे। जब तक महिलाओं को पूरी सुरक्षा नहीं मिलती देश, प्रदेश व जिले का माहौल सुधरने वाला नहीं है। इसके साथ समाज की सोच भी बदलने की जरूरत है। अंजली ने कहा कि स्त्री और पुरुष दोनों को शिक्षा के अधिकार प्राप्त है, लेकिन देखने में आया है कि बच्चियों को पूरी शिक्षा नहीं दिलाई जाती। उन्हें उच्च शिक्षित करने के लिए कदम उठाए जाए।
शिक्षकों की कमी महिला शिक्षा में बाधा
नीतू गुप्ता कहती हैं कि सरकार को शिक्षा की तरफ ध्यान देने की जरूरत है। कई प्राथमिक विद्यालयों में देखा गया है कि वहां पर शिक्षकों की कमी है। उनकी भर्तियां नहीं हो रहीं, ऐसे में बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पाती। शिक्षकों की कमी महिला शिक्षा में बाधा उत्पन्न कर रही है। उनका मानना है कि सरकार को शिक्षा की बेहतरी के लिए नौकरियां निकालकर शिक्षकों की भर्ती करनी चाहिए।
महिलाओं के अधिकारों की होती अनदेखी
शिल्पी गुप्ता ने कहा कि हमेशा से महिलाओं के अधिकारों की अनदेखी होती है। चाहे वह राजनीतिक क्षेत्र हो या फिर सामाजिक, आर्थिक व नौकरी आदि। उनके लिए वह चीजें नहीं मिल पाती जिसकी उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत होती है। वह कहती है कि अगर सरकार महिलाओं को राजनीति में आगे बढ़ाया जाए, तो वह समाज की सेवा अच्छे ढंग से कर सकेगी। नौकरियों में भी उन्हें प्राथमिकता मिलें।
महिला संस्थाओं को प्रोत्साहित किया जाए
रजनी गुप्ता का कहना है कि सरकार को महिलाओं की संस्थाओं को भी सपोर्ट करना चाहिए। इससे महिलाओं के लिए काम करने वाली संस्थाएं उनके लिए और भी बेहतर करने को प्रोत्साहित होगीं। उन्होंने महिला संस्थाओं को कुछ अलग से अधिकार दिए जाने की वकालत भी की है। जिसका उपयोग उनको आगे बढ़ाने के लिए किया जा सके। कहा कि अभी संस्थाएं किसी की मदद आपसी सहयोग से करतीं हैं।
महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी
डा. आंचल कौशल कहती हैं कि वर्तमान परिवेश में महिलाओं का शिक्षित होना बहुत जरूरी है। अब महिलाएं अपने परिवार को चलाने के साथ ही दूसरे क्षेत्रों में भी आगे बढ़ रहीं है। अगर महिला शिक्षित होगी, तो पूरा परिवार पढ़ा-लिखा होगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में खड़े होने वाले प्रत्याशियों से महिलाओं की शिक्षा के लिए अच्छी योजनाएं चलाने का वादा लें।