कहा- ये नहीं रखते पद की योग्यता, राजनीतिक दबाव में हुई नियुक्ति
इलाहाबाद (ब्यूरो)। हाईकोर्ट ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के तीन सदस्यों रामवीर सिंह यादव, रूदल यादव और अनिल सिंह की नियुक्ति को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने माना कि इनकी नियुक्ति राजनीतिक प्रभाव में की गई है। ये तीनों सदस्य पद की योग्यता नहीं रखते।
मुख्य न्यायमूर्ति डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि आयोग के सदस्यों की सर्च कमेटी बनाकर नए सदस्यों की नियुक्ति की जाए।
•चयन नीति नहीं तो क्या किसी को भी सदस्य बना देंगे
हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि आयोग में सदस्यों की नियुक्ति के लिए कोई प्रक्रिया नहीं होने का अर्थ यह नहीं है कि किसी को भी सदस्य बना दिया जाए। सदस्यों की जिम्मेदारी उच्च शिक्षण संस्थाओं में अध्यापकों का चयन करना है। इस पद पर अयोग्य लोगों के बैठने से छात्रों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
तीनों सदस्यों पर कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी
रामवीर सिंह यादव :
अनुभवी अध्यापक हैं मगर और कोई विशेषता नहीं है।
रूदल यादव :
सिर्फ अध्यापन का ही अनुभव है।
अनिल सिंह :
पहले एसोसिएट प्रोफेसर, फिर असिस्टेंट प्रोफेसर और उसके बाद प्रधानाचार्य बने।
(कोर्ट ने कहा कि तीनों सदस्यों को शिक्षा के क्षेत्र में अनुभव है। मगर इसका अर्थ यह नहीं कि ये सदस्य बनने के भी योग्य हैं।
कमेटी बनाकर नए सिरे से नियुक्ति करने का आदेश
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
इलाहाबाद (ब्यूरो)। हाईकोर्ट ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के तीन सदस्यों रामवीर सिंह यादव, रूदल यादव और अनिल सिंह की नियुक्ति को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने माना कि इनकी नियुक्ति राजनीतिक प्रभाव में की गई है। ये तीनों सदस्य पद की योग्यता नहीं रखते।
मुख्य न्यायमूर्ति डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि आयोग के सदस्यों की सर्च कमेटी बनाकर नए सदस्यों की नियुक्ति की जाए।
•चयन नीति नहीं तो क्या किसी को भी सदस्य बना देंगे
हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि आयोग में सदस्यों की नियुक्ति के लिए कोई प्रक्रिया नहीं होने का अर्थ यह नहीं है कि किसी को भी सदस्य बना दिया जाए। सदस्यों की जिम्मेदारी उच्च शिक्षण संस्थाओं में अध्यापकों का चयन करना है। इस पद पर अयोग्य लोगों के बैठने से छात्रों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
तीनों सदस्यों पर कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी
रामवीर सिंह यादव :
अनुभवी अध्यापक हैं मगर और कोई विशेषता नहीं है।
रूदल यादव :
सिर्फ अध्यापन का ही अनुभव है।
अनिल सिंह :
पहले एसोसिएट प्रोफेसर, फिर असिस्टेंट प्रोफेसर और उसके बाद प्रधानाचार्य बने।
(कोर्ट ने कहा कि तीनों सदस्यों को शिक्षा के क्षेत्र में अनुभव है। मगर इसका अर्थ यह नहीं कि ये सदस्य बनने के भी योग्य हैं।
कमेटी बनाकर नए सिरे से नियुक्ति करने का आदेश
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