यहां तो परीक्षा की साख ही दांव पर : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest updates

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में भी तीन सदस्य अधर में
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की तर्ज पर ही माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के तीन सदस्यों ललित श्रीवास्तव, आशालता सिंह व अनीता यादव के कामकाज पर हाईकोर्ट रोक लगा चुका है।

इस मामले की सुनवाई जारी है। वहां भी कोरम का अभाव था, लेकिन विधि विशेषज्ञों व सरकार के निर्देश पर कुछ दिन पहले ही टीजीटी-पीजीटी 2013 का परीक्षा परिणाम जारी हुआ है।

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : हाईकोर्ट के फैसले की गूंज दूर तलक सुनाई पड़ेगी। न्यायालय के आदेश से सिर्फ उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के तीन सदस्यों की नियुक्ति ही रद नहीं हुई है बल्कि असिस्टेंट प्रोफेसर की पूरी भर्ती परीक्षा की साख ही दांव पर लग गई है। अब सवाल यह खड़ा होगा कि आखिर अयोग्य लोगों के निर्देशन में यह परीक्षा विश्वसनीय कैसे रहेगी।

उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग प्रदेश के महाविद्यालयों के लिए योग्य शिक्षकों का चयन करता है। यहां पर अब तक चयन प्रक्रिया मेरिट आदि तरीके से होती रही है। पहली बार आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर की लिखित परीक्षा पूरी तैयारी के साथ कराई। एक नहीं 45 विषयों की परीक्षा सात दिसंबर 2014, 11 जनवरी, 14 फरवरी व 22 मार्च को कराई गई। इसमें लाखों अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। परीक्षा के कुछ सवालों, आंसर शीट व फाइनल आंसर शीट पर सवाल जरूर उठे, लेकिन ऐसी नौबत नहीं आई कि आयोग को मुंह छिपाना पड़े।

इसी बीच आयोग के तीन सदस्यों रामवीर यादव, डा. रूदल यादव व एके सिंह की योग्यता को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। इसमें सुनवाई करते कोर्ट ने सोमवार को तीनों की नियुक्ति कर दी है। इन्हीं सदस्यों ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती करीब 1652 पदों के लिए पूरी योजना तैयार की थी। ऐसे में सवाल है कि क्या पूरी परीक्षा अब कटघरे में होगी। उसका परिणाम माना जाएगा या नहीं? कुछ दिन बाद होने वाली भर्ती की प्रक्रिया भी आयोग ने पूरी कर ली थी। वह भी क्या अब हो पाएगी? ये सवाल अभी अनुत्तरित ही हैं। इनका वाजिब जवाब देने से हर कोई बच रहा है।

परीक्षा परिणाम अधर में लटका

उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की असिस्टेंट भर्ती परीक्षा का परिणाम 15 सितंबर के पहले जारी करने की तैयारी थी। इसके लिए कॉपियों एवं कार्बन कॉपी आदि का मूल्यांकन हो चुका था और वह जारी ही होने वाला था, लेकिन सोमवार के आदेश से परिणाम फिलहाल जारी नहीं हो सकेगा, क्योंकि आयोग में अध्यक्ष लालबिहारी पांडेय व सदस्य रामेंद्र चतुर्वेदी ही बचे हैं।

ऐसे में कोरम का अभाव है यदि एक सदस्य की सरकार आनन फानन में तैनाती कर देगी तो परिणाम जारी हो जाएगा। यहां पर वैसे छह सदस्य एवं एक अध्यक्ष का पद है, लेकिन इस समय चार सदस्य और एक अध्यक्ष तैनात थे।

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