संक्षिप्त सारांश - मा० मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

मा० सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर शिक्षामित्रों से सम्बंधित विचाराधीन समस्त याचिकाओं के निस्तारण हेतु मा० मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय की अध्यक्षता में गठित पूर्ण पीठ द्वारा पारित आदेशों के अनुसार:-
1. 26 मई 1999 व 01 जुलाई 2011 को शासकीय आदेश के माध्यम से आरम्भ हुयी शिक्षामित्र योजना को, संविधान के आर्टिकल 309 के तहत निर्मित
बेसिक एजुकेशन एक्ट-1972 व उसमें सन्निहित विधिक प्राविधानों/नियमों के प्रतिकूल मानते हुए अवैध करार दिया हैं!

2. अधिवक्ता श्री आनंद नन्दन द्वारा दिए गये सुप्रीमकोर्ट के 12 साइटेशन और अन्य साइटेशन को उल्लेखित करते हुए मा० न्यायाधीश ने स्पष्ट किया हैं कि विधि की नजरों में अवैध प्रक्रिया के तहत हुयी नियुक्तियों/संविदा को किसी भी अन्य प्रक्रिया( अर्थात ट्रेनिंग इत्यादि) देकर वैध नहीं बनाया जा सकता हैं!
3. कोर्ट ने शिक्षामित्रों को "अनट्रेंड टीचर" नहीं माना व NCTE द्वारा अपने काउंटर एफिडेविट में स्वतः स्वीकारोक्ति कि "शिक्षामित्र" अनट्रेंड टीचर की श्रेणीं में नहीं आते के फलस्वरूप दि० 14 जनवरी 2011 को NCTE द्वारा "अनट्रेंड टीचर" को डी.एल.एड. ट्रेनिंग हेतु दिए गये अप्रूवल लेटर स्वतः निष्प्रभावी हो जाता हैं! परन्तु स्टेट द्वारा ट्रेनिंग हेतु प्रेषित रिक्वेस्ट को बगैर जांच-पड़ताल के एप्रूव्ड कर देने से नाराज कोर्ट ने, NCTE को ही अपने अप्रूवल लेटर को NCTE के संविधानिक प्राविधानों के तहत वापस लेने हेतु प्रेरित किया हैं! अन्यथा अवैधता को ही पोषित करेगा!
4. NCTE द्वारा अपनी गलती के स्व-स्वीकरोक्ति के फलस्वरूप ट्रेनिंग अवैध हैं जिसके फलस्वरूप उपरोक्त ट्रेनिंग प्राप्त प्रतिवादी, टेट परीक्षा में प्रतिभाग नहीं कर सकते! अन्यथा की स्थिति में आप किसी भी समय NCTE के काउंटर और उपरोक्त आदेश के माध्यम से प्रतिवादियों को टेट परीक्षा में प्रतिभाग करने से कोर्ट द्वारा रोक सकते हैं! क्योंकि आर्डर में illegality रोकने की विस्तृत व्याख्या हैं!
5. प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम शैक्षिक अर्हताओं में शिथिलता प्रदान करने के उद्देश्य से UPRTE एक्ट के नियम 16 (क) व टीचर्स सर्विस रूल्स-1981 में किये गए समस्त संशोधन को अवैध व असंवैधानिक घोषित करते हुए शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर समायोजन के उद्देश्य से वर्ष 2012 से जारी होने वाले समस्त शासनादेशों को रद्द कर दिया गया हैं! अर्थात शिक्षामित्र समायोजन रद्द!
6. प्राथमिक स्कूलों में शिक्षण कार्य हेतु TET परीक्षा को अत्यावश्यक एवं अनिवार्य माना हैं! क्योंकि प्राथमिक शिक्षा में पढ़ाने के साथ साथ बाल मनोविज्ञान का ज्ञान अत्यावश्यक होता हैं! टेट परीक्षा के माध्यम से शिक्षक के बाल-मनोविज्ञान के ज्ञान का परीक्षण भी होता हैं अतः टेट परीक्षा के महत्व पर विस्तृत प्रकाश डाला गया हैं!
7. आर्डर के ऑपरेशनल पार्ट लिखाने से पूर्व न्यायाधीश महोदय ने पैरा C 12 में स्पष्ट कर दिया हैं कि प्रदेश सरकार द्वारा वोट बैंक की राजनीति के उद्देश्य से शिक्षामित्र विशेष वर्ग के अवैध समायोजन की वजह से याचियों (यथा बी०एड० एवं बी०टी० सी० दोनों) का अहित हुवा हैं! एतव वर्तमान में समस्त बी०एड० एवं बी०टी० सी० प्रशिक्षित एवं टेट परीक्षा उत्तीर्ण व्यक्ति प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक बनने हेतु पात्र/अर्ह हैं!

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