बदायूं : बेसिक शिक्षा परिषद में समायोजित होकर गुरु जी बन गए शिक्षामित्रों के दस्तावेजों पर उठी अंगुली के बाद कई अन्य शिक्षकों के दस्तावेजों को लेकर भी महकता सशंकित है। यही वजह है कि सात शिक्षामित्रों के अलावा भी समायोजित किए गए शिक्षामित्रों के दस्तावेज भी रडार पर लिए गए हैं।
अब समायोजित कई अन्य शिक्षक भी घबरा गए हैं और बेसिक शिक्षा के जिम्मेदारों ने जांच तेज कर दी है। माना जा रहा है कि अब जांच का दायरा काफी व्यापक हो सकता है।
गत दिवस प्राथमिक विद्यालयों में फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी करने का मामला प्रकाश में आया था। इसके बाद से समायोजित शिक्षामित्रों में खलबली है। वृंदावन के गुरूकुल विवि ने सात समायोजित शिक्षामित्रों के प्रमाण पत्र फर्जी होने की पुष्टि की थी। यही वजह रही कि शुक्रवार को समायोजित शिक्षामित्रों ने कार्यालय पहुंच कर अपने अपने सत्यापन की जानकारी ली।
हालांकि बीएसए के जनपद से बाहर होने के कारण अब तक इस मामले में अग्रिम कार्यवाही नहीं हुई है। प्राथमिक विद्यालय में दूसरे बैच के 1568 शिक्षामित्रों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। संबंधित बोर्ड विवि को उनके प्रमाण पत्र भेजे गए हैं। जिसमें लगभग एक हजार समायोजित शिक्षामित्रों के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट व स्नातक तीनों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन हो चुका है, जबकि लगभग चार सौ के दो सत्यापन विभाग को प्राप्त हुए हैं। विभाग को धीरे-धीरे सत्यापन प्राप्त हो रहे हैं। वृंदावन स्थिति गुरूकुल विश्वविद्यालय में सत्यापन को भेजे गए प्रमाण पत्रों में गत दिनों जावेद अली, सबिता सक्सेना, रश्मि मिश्रा, अनीता यादव, मनोज कुमार के प्रमाण पत्र फर्जी होने की सूचना विभाग को प्राप्त हुई। जिसके बाद गुरूवार को दो अन्य संतोष पटेल व कमरूल हसन के प्रमाण पत्र भी फर्जी होने की सूचना प्राप्त हुई। विवि ने बताया है कि इन समायोजित शिक्षामित्रों से संबंधित डाटा विश्वविद्यालय के पास नहीं है। इन सभी को सेवा समाप्ति का नोटिस दिया गया है। इधर कई अन्य के दस्तावेजों पर शक होने के कारण उनकी भी जांच की जा रही है।
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अब समायोजित कई अन्य शिक्षक भी घबरा गए हैं और बेसिक शिक्षा के जिम्मेदारों ने जांच तेज कर दी है। माना जा रहा है कि अब जांच का दायरा काफी व्यापक हो सकता है।
गत दिवस प्राथमिक विद्यालयों में फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी करने का मामला प्रकाश में आया था। इसके बाद से समायोजित शिक्षामित्रों में खलबली है। वृंदावन के गुरूकुल विवि ने सात समायोजित शिक्षामित्रों के प्रमाण पत्र फर्जी होने की पुष्टि की थी। यही वजह रही कि शुक्रवार को समायोजित शिक्षामित्रों ने कार्यालय पहुंच कर अपने अपने सत्यापन की जानकारी ली।
हालांकि बीएसए के जनपद से बाहर होने के कारण अब तक इस मामले में अग्रिम कार्यवाही नहीं हुई है। प्राथमिक विद्यालय में दूसरे बैच के 1568 शिक्षामित्रों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। संबंधित बोर्ड विवि को उनके प्रमाण पत्र भेजे गए हैं। जिसमें लगभग एक हजार समायोजित शिक्षामित्रों के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट व स्नातक तीनों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन हो चुका है, जबकि लगभग चार सौ के दो सत्यापन विभाग को प्राप्त हुए हैं। विभाग को धीरे-धीरे सत्यापन प्राप्त हो रहे हैं। वृंदावन स्थिति गुरूकुल विश्वविद्यालय में सत्यापन को भेजे गए प्रमाण पत्रों में गत दिनों जावेद अली, सबिता सक्सेना, रश्मि मिश्रा, अनीता यादव, मनोज कुमार के प्रमाण पत्र फर्जी होने की सूचना विभाग को प्राप्त हुई। जिसके बाद गुरूवार को दो अन्य संतोष पटेल व कमरूल हसन के प्रमाण पत्र भी फर्जी होने की सूचना प्राप्त हुई। विवि ने बताया है कि इन समायोजित शिक्षामित्रों से संबंधित डाटा विश्वविद्यालय के पास नहीं है। इन सभी को सेवा समाप्ति का नोटिस दिया गया है। इधर कई अन्य के दस्तावेजों पर शक होने के कारण उनकी भी जांच की जा रही है।
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