विधि संवाददाता, लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति पर अब हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई होगी। न्यायालय ने लखनऊ बेंच के सीनियर रजिस्ट्रार को मामले से
संबंधित सभी दस्तावेज इलाहाबाद से मंगाने के निर्देश दिए हैं।
न्यायालय ने
यह आदेश मोतीलाल यादव की जनहित याचिका पर दिए। राज्य सरकार और दोनों
सदस्यों को भी 16 मई तक जवाब देने के आदेश दिए गए हैं।
याचिका में कहा गया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में अभिलाषा
मिश्र की एक याचिका में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की तत्कालीन
अध्यक्ष अनीता यादव व दो सदस्यों आशालता सिंह और ललित कुमार की नियुक्ति को
चुनौती दी गई थी। याचिका में दावा किया गया था कि ये सभी उत्तर प्रदेश
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 में निर्धारित योग्यता को
पूरा नहीं करते।
याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो जजों की
खंडपीठ ने पिछले साल छह जुलाई, पांच अक्टूबर और आठ अक्टूबर को कई अंतरिम
आदेश भी पारित किए, जिसमें उपरोक्त तीनों के काम करने पर रोक लगाई गई व
नियमों का पालन न करने पर न्यायालय ने सख्त टिप्पणियां भी कीं, लेकिन 12
अप्रैल को इस मामले में याची के अधिवक्ता ने याचिका को वापस लेने की
प्रार्थना की। इस कारण याचिका को खारिज कर दिया गया और प्रक्रिया समाप्त हो
गई।
मोतीलाल यादव की याचिका पर 21 अप्रैल को सुनवाई करते हुए
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति राजन रॉय की
खंडपीठ ने इसे जनहित का महत्वपूर्ण मुद्दा माना। न्यायालय ने वरिष्ठ
अधिवक्ता जेएन माथुर को सुनवाई के दौरान सहयोग के लिए नियुक्त किया।
वहीं राज्य सरकार के स्थाई अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि
तत्कालीन अध्यक्ष अनीता यादव फिलहाल बोर्ड की सदस्य के तौर पर हैं और ललित
कुमार भी सदस्य के तौर पर बने हुए हैं, जबकि आशालता सिंह सेवानिवृत्त हो
चुकी हैं। इस पर न्यायालय ने राज्य सरकार समेत अनीता यादव व ललित कुमार को
16 मई तक जवाब देने के निर्देश दिए।
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