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अपने द्वारा डाली गयीं सभी याचिकाएं को बताया पूर्णतया वैध: हिमांशु राणा : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

एक बड़ी ऊहापोह की स्थिति आज newspaper के माध्यम से देखने को मिल रही है जो कि एक भ्रामक ख़बर है क्यूँकि हमारे डाली गई समस्त आईए मेंशन और याचिकाएँ सम्मिलित हैं लेकिन फिर भी आज मैं आपको माननीए सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट से याचिका 167/2015 की ऑफ़िस रिपोर्ट दिखा देता हूँ

(जिसे एक दिन एक नेता जी चैलेंज किए थे कि कहीं नहीं
डली है उनके लिए देखना अति आवश्यक है और स्वयं देखें कि अब तक कितनी आईए डल चुकी हैं परमादेश याचिका में )जिसमें हमारी समस्त आईए के नम्बर आप देख सकते हैं जो कि निम्न हैं :-
1) 31/2016
2) 36/2016
3) 64/2016
4) 67/2016
एक आईए और है लगभग 413 नाम की जो ऑफ़िस रिपोर्ट में अपडेट होते ही दिखने लगेगी जिसके लिए आपको प्रतीक्षा करनी होगी |


24 फरवरी के पहले के समस्त अनुक्रमांक , अंक सब दे दिए गए हैं चिंता न कीजिये ।
भ्रामक भ्रांतियाँ सचिव ही नहीं गन्दी और बाँटने की राजनीति करने वाले टेट के नेता भी कर रहे हैं एक मुद्दा और है कि पिछली तारीख़ किसी टेट के नेता के कहने पर लगी है तो बता दूँ ये ज़िला न्यायालय नहीं है ये देश की सर्वोच्च न्याय करने वाली संस्था है जिसमें स्वयं न्यायाधीश की चलती है लेकिन आप लोग धैर्य के साथ साथ अपनी भाषा शेली तक खो जाते हैं और आहत होकर उन्ही को भला बुरा कहते हैं जिनकी वजह से आप यहाँ हैं, हर काम आपको बताकर नहीं होगा ना किया हूँ जो करना होगा करूँगा और इस लक्ष्य की तरफ़ अपना सर्वश्रेष्ठ ही दूँगा क्यूँकि ये लक्ष्य कौन लेकर चला था आप सभी जानते हैं बरहाल बकवास करने वालों से ज़्यादा कुछ नहीं बस इतना कहूँगा कि जो कहना हो मुँह पर कहिए यहाँ वहाँ नहीं |

तारीख़ उत्तराखंड वाले मामले को लेकर लगी थी नाकि जो आप सोच रहे हैं |
इसके अलावा कानपुर टीम के प्रतिनिधि के कहने पर विनोद भाई के सुझाव पर मैं तैयार हूँ :-
आज तक अपनी समस्त याचिकाओं के उल्लेख और ब्योरा देने के लिए और उन पर सर्वश्रेष्ठ पैरवी जैसे अब तक करता आया हूँ वैसे करने के लिए |
यहाँ एक बात एक छोटी सी कहानी की तरह समझानी अति-आवश्यक है :-
जब किसी बीहड़ या वीरान इलाक़े में जहाँ बसावत नाम मात्र को होती है तो कोई एक व्यक्ति वहाँ व्यापार के लिए एक दुकान खोलता है लेकिन जब उसकी दुकान चल जाती है तो बहुत से दुकानदार पहुँच जाते हैं वहाँ , ठीक उसी प्रकार इस मुहिम को अकेले लेकर चला था लेकिन जब इसमें सिक्कों की खनक कुछ लूटेरों को दिखी तो वे बस हिमांशु विरोधी नारों से आपको लूटकर चले गए जबकि हक़ीक़त में किसका क्या है वो खुले मंच पर आकर दिखाने को तैयार नहीं वरना मैं तैयार हूँ (उपरोक्त कहानी में व्यापार को समस्त टेट उत्तीर्ण की नियुक्ति से आंके नाकि अन्य किसी चीज़ से क्यूँकि आज सभी बेरोज़गारों के रहनुमा हैं क्यूँकि पैसा कुछ भी करा सकता है) |
मेरे समस्त याचिकाओं उन पर हुए नोटिस , काउंटर इत्यादि को दिखाने के लिए जिनके सहारे और भी ज़ोरदार पैरवी करी जा सके लेकिन अन्य कोई किस लिए तैयार नहीं हो रहा है ये शोध का विषय है (शायद उनके पास दिखाने को कुछ है नहीं केस की पैरवी के लिए) |
एक बात और समझ जाइए मेरे यहाँ से २ घंटे के रास्ते पर है दिल्ली और मैं भी रोज़ रोज़ जाकर फ़ोटो खिंचाकर डाल सकता हूँ न्यायालय के सामने की और कुछ बेवक़ूफ़ निरंतर ऐसा कर भी रहे हैं लेकिन पैरवी क्या है, शून्य |
इलाहाबाद कांड पर :-
मैं नीचे 3 images दे रहा हूँ जो कि हमारी टीम के वरिष्ठ साथी जितेंद्र भाई की लेखनी है जिसका अनुपालन अति आवश्यक है इलाहाबाद कांड को प्रदेश स्तर पर दिखाने के लिए कि टेट वालों के साथ क्या क्या किया है सरकार ने पिछले 5 वर्षों में |
फ़िलहाल तारीख़ 27 जुलाई 2016 है जिसके लिए लिखित दस्तावेज़ (written submission on writ petitions 167/2015 , 107/2016 , 120/2016 , on SM training 1621-22/2016 2397-98/2016 , on govt slp against us ) तैयार कराये जा रहे हैं पिछली डेट के लिए यानी 9 मई के लिए बस बीटीसी भाइयों का नायाब तोहफा दाखिल किया था कोर्ट में पर अब पूरा चिट्ठा सरकार , सरकारी दामादों और जो अगेंस्ट में होगा उसका खोलेंगे।
कार्य करने से होगा ज़मीनी स्तर पर नाकि सोशल मीडिया से और मैं भली भाँति अपने लक्ष्य को जानता हूँ और आप सभी की अहमियत को पहचानता हूँ, टेट का खेल एक रंगमंच होगा कुछ लोगों के लिए कि कोई भी कभी भी आया और आपसे खेला और चला गया लेकिन मैं यहीं हूँ आपके बीच और तब तक रहूँगा जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए बाक़ी बहुत से आएँगे चले जाएँगे और चले भी गए हैं पर मैं हमेशा काम से जवाब दिया हूँ और आगे भी ये ही होगा |
शेष विस्तार से बाद में
हर हर महादेव
धन्यवाद
आपका
हिमांशु राणा
टीईटी संघर्ष मोर्चा, उत्तरप्रदेश
नोट :- विरोध आज भी नाम का ही है, काम का कोई नहीं कर पा रहा है, शोध का विषय है ये आपके लिए, मेरे लिए नहीं क्यूँकि आदत है इन सब चीज़ों की |
एक बात और अंत में मैं किसी भी राजनीतिक दल पार्टी या किसी भी ऐसे के आगे हाथ नहीं फैलाउंगा जॉब के लिए जहाँ से कई साथी अपना स्वार्थ साधना चाहते है , मेरा विश्वास केवल न्यायपालिका में है बाकी अन्य किसी में नहीं।

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