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17 नवम्बर की सुनवाई में शिक्षामित्रों के भी दो बड़े सवाल हल होंने की सम्भावना है

1. एनसीटीई की वैधानिक स्थिति और उससे जुडी उसकी न्यूनतम अर्हता तै करने की शक्ति स्पष्ट होगी।
2. दूसरी बात शिक्षामित्रों के सब से बड़े विरोधी का सफाया हो जायेगा अर्थात बीएड अभ्यर्थियों का लोकस समाप्त हो जायेगा। इस लिये 17 नवम्बर का शिक्षामित्रों को बेसब्री से इंतज़ार है। दूसरी तरफ एडहॉक नियुक्ति के अध्याय की समाप्ति की घोषणा होना भी अवश्यसंभावी है।
एडहॉक याचियों को कोर्ट सिर्फ इस लिए नियुक्त कराती रही ताकि उसे अपने मानक अनुसार 72825 शिक्षक मिल सकें। ये एडहॉक नियुक्ति मात्र कोर्ट का फाइनल डिसिजन आने तक ही है। जिन्हें संदेह हो वो सिर्फ अधिकतम एक माह इंतज़ार कर लें। अब अगर याची की एडहॉक नियुक्ति होती है तो ये आरटीई एक्ट और संविधान के अनुच्छेद 21A और अनुच्छेद 14 व् 16 का उल्लंघन होगा। वर्तमान नियुक्तियों को तो कोर्ट एक मैकेनिज्म का नाम दे के आदेश देती रही है लेकिन अपने फैसले में इनको नियुक्ति देना आरटीई एक्ट और संवैधानिक व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करना हो जायेगा। ऐसा देश की सब से बड़ी अदालत कभी नहीं करेगी। और वैसे भी बीएड धारकों का बेसिक स्कुल में नौकरी पाना एक अवैध घुसपैठ है। और ये घुसपैठ कब कब और कैसे हुई आइये इस की पड़ताल करते हैं। बीएड घुसपैठिये बेसिक शिक्षा में वर्ष 1998 में पहली बार एक छोटी सुरंग से दाखिल हुए। इस के बाद देश में वर्ष 2001-2 एसएसए आ गया और राज्य सरकार ने शिक्षकों की कमी बता कर बीएड भर्ती की एनसीटीई से अनुमति मांगी इस तरह Special B.T.C. 2004, 2007-08 and 2010. में आये। अब बताते हैं हम इसे घुसपैठ क्यों कह रहे हैं? क्योंकि *केंद्र और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार बीएड को बेसिक स्कुल में भर्ती की इज़ाज़त नहीं थी। क्योकि इन्हें प्राथमिक कक्षा शिक्षण योग्य नहीं माना गया। बस इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने बीएड को बेसिक में भर्ती करने को लेकर क़ानूनी डिक्शनरी में जितने भी घटिया शब्द है सब प्रयुक्त किये।
हम अगर अपनी भाषा में कहें तो इनको ..........की तरह दुत्कारा है।* B.Ed is not a substitute for basic teachers training programme. Hence the qualification prescribed for the post of PRT extent or bachelor degree and B.Ed is illegal, unconstitutional and invalid. आरटीई लागू हो जाने के बाद फिर इनपर राजनैतिक अनुकम्पा हुई और वर्ष 2012 में इन को 72825 के रूप में फिर घुसपैठ कराई गई। वर्तमान में इनकी घुसपैठ अंतिम है। 72825 को इंट्री मिल गई है इससे ज़्यादा एक भी बीएड धारक बेसिक शिक्षा विभाग में घुसपैठ नहीं कर सकेगा। मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप बीएड बीटीसी बेरोज़गारों के दिवा स्वप्न कभी पुरे न होने देने का हम वचन देते हैं। इनका का वास्ता अब उनसे पड़ा है जो उनसे दस कदम आगे हैं।
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