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एस. के. पाठक,72825 भर्ती के विलेनिक हीरो हैं या हीरोइक विलेन यह मंथन का विषय

पा+ठग(पाया हुआ ठग)अर्थात एस. के. पाठक,72825 भर्ती के विलेनिक हीरो हैं या हीरोइक विलेन यह मंथन का विषय है।अभी ज़रूरी बात यह है कि ये महाशय सुल्तानपुर के ऐसे सुल्ताना है जिनका गैंग पूरे प्रदेश में सक्रिय है।
इनके गैंग में शामिल होने की न्यूनतम योग्यता यह है कि आप थोड़े बुड़बक टाइप इंसान हों,यह आदिगुरु शंकराचार्य की तरह किसी भी भर्ती का भर्ता बनाने के लिये लग जाते हैं।
इन्ही के घर अर्थात 72825 में अधिकाँश चयनित जब इनके चाल,चलन,चरित्र और चपलता के बारे में जान गये तो तत्काल इन्हें इनकी चंदा मामा वाली जिद से इन्हें दूर कर दिया और कमान अन्य लोगों ने थाम ली।इसे इनका धैर्य और पराक्रम ही कहेंगे कि जब भी इनकी पेट्रोलिंग सप्लाई इराक से बन्द होती है यह तत्काल सऊदी की ओर रुख कर लेते हैं।आज कल जिस तरह मॉल कल्चर में एक ही छत के नीचे जीने से लेकर मरने तक की पूरी खरीददारी सम्भव है ठीक उसी तरह इनके पास भी सभी मुकदमों का समाधान है,यह बात अलहदा है कि यह अभी तक अपनी बर्खास्तगी को बहाल नही करा पाये हैं।इन्ही शिव जी की पार्वती भौजी भी 72825 में एक सीट हथियाये हैं और जब भी घर की गुल्लक टूटती है तो शिव जी हमेशा पार्वती भौजी से ज्यादा रकम इकट्ठी कर देते हैं,जिन शिव जी के माथे पे मयंक अर्थात चंद्रमा है इनके तो चोटी से लेकर लँगोटी तक में 'चंदा'अर्थात चंद्रमा है।72825 में इनके नाम की याचिका भले ही हो किन्तु वहाँ इनकी शाख उतनी ही बची है जितनी कि आज नोट बंदी के बाद बाज़ार में पुराने एक हज़ार के नोट की,इनके पास यदि कोई चीज़ विलक्षण है तो वह है "आइडिया" जिसमें कि इन्होंने आदित्य बिरला ग्रुप वालों को भी मात दे रखी है,लूटने का आइडिया फिर चाहें वह 1992 के बी एड वाले बुजुर्ग हों या 2015 वाले नौनिहाल बी टी सी,बताते हैं इनके पास ऐसी कोई बीन है जिसे निकालते ही भुजंग विषधर इनकी जेब में आकर बैठ जाता है।

भले ही यह खुद को सबसे बड़ा टी ई टी मेरिट भक्त बताते रहे हों किन्तु ज्यूँ ही अकादमिक वालों ने याची लाभ हासिल किया शिव जी भी तुरन्त अपने कार्तिकेय और गणेश को लेकर विश्वभृमण पर निकल पड़े और अपने चमत्कारी त्रिशूल से 2500 याचियों को हलाल कर दिया,हलाल इसलिये क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में इनके द्वारा याची लाभ हेतु दाखिल याचिका या आई ए पर अभी तक कोई वकील नही खड़ा हुआ,इसे इनका चमत्कार ही कहेंगे कि अकादमिक पैरवी से मिली याचियों की राहत में भी इन्होंने आर्थिक लाभ की संभावनाये तलाश लीं।

हाल ही में हाईकोर्ट से जूनियर भर्ती में भी इन्होंने अपने गणों को चुतियम सल्फेट की पुड़िया पकड़ा दी जो बेचारे पूरे राज्य में घूम घूम कर उसे बेंच रहे हैं।जोखिम उठाने की सीमा तो देखो 72825 विरोधी अर्थात अकादमिक समर्थकों का समर्थन इन्होंने उस समय किया जब इन्हें 2500×2000=पचास लाख का गुणा गणित किया!शाकाहारी और मांसाहारी होना इनकी सुविधा के मुताबिक़ ही होता है,कभी यह टेट समर्थक बन जाते हैं तो कभी अकादमिक!आजकल बुंदेलखंड के एक भोले भाले यादव को यह वैसे ही प्रशिक्षण दे रहे हैं जैसे कि आतंकवादी कैम्पो में युवाओं को दिया जाता है।अभी यह प्राथमिक विद्यालय में चमत्कार के बाद जूनियर में यलगार बोलेंगे और भोले भाले याचियों को दोनों विद्यालयों के वेतन में फर्क के साथ याची बना डालेंगे,इनसे कोई पूँछ ले प्राइमरी वालों का क्या हुआ?

अब भक्त तो भक्त ठहरे,कुछ एक बेचारे इनका झोला उठाते उठाते खुद ही उठने वाली अवस्था में पहुँच रहे हैं किंतु इनकी व्यवस्था में कोई कमी कमजोरी नही चाहते।सुविधा की दृष्टि से शिव जी के साधकों को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है 1.शैव सम्प्रदाय 2.अघोरी सम्प्रदाय,दूसरे नम्बर के समर्थक प्रायः शाम होते ही सक्रिय से दिखते हैं,अघोरी वाले सम्प्रदाय में कुछ एक ऐसे टपोरी भी हैं जो प्रायः अपने ईष्ट को प्रत्यक्ष रूप से गरियाते देखे जाते हैं किन्तु अप्रत्यक्ष रूप से उनके लूट की ज़मीन भी बनाते हैं,उनका नाम शलभ तिवारी कदापि नही है।जूनियर भर्ती में याची बनकर रोजगार की संभावना तलाश रहे साथियों से आग्रह है कि इन बाबा से बचें,और यदि 72825 में चयनित कोई भी आपका रिश्तेदार आपको इन के माध्यम से इनके ऊपर नारियल स्वरूप चढ़ाना चाहता है तो ध्यान रखना आप की हालत भी उसी नारियल की तरह होगी जो मंदिर दुकान,दुकान मंदिर के हजारों चक्कर लगा चुका होता है किंतु अंत तक अपनी मंजिल तय नही कर पाता।हर जिले,मंडल में लूट की बिसातें बिछ चुकी हैं,फाटक खुल चुका है बस इंतज़ार है कुछ ऐसे पगलैट जूनियर मार्कशीट धारकों का जिनके पास नई वाली 2 हज़ार की नोट हो! #हरि_बोल_शिव_बोल
नोट: 16 वें संसोधन से नौकरी पा चुके 90 हज़ार लोगों को उच्चतम न्यायालय में बचाने के लिये भी यदि इनका कोई चेला देखा जाये तो उसमें आश्चर्य चकित न हों क्योंकि यह बड़े ही भले,भोले बाबा हैं इनका दिल दरिया और न जाने क्या क्या समंदर है अतः ऐसा कोई मुकदमा नहीं जहाँ इनका दखल न हो!दखलंदाज़ी वाले गैंग में दाख़िला कब लेंगे?
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