Breaking Posts

Top Post Ad

शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण पर सुनामी का खतरा.......भूकम्प का केंद्र- दिल्ली (NCTE & SCI)

शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण पर सुनामी का खतरा.......भूकम्प का केंद्र- दिल्ली (NCTE & SCI): भूकम्प के कारण- WPC 915 और मेरा एप्लीकेशन! सितम्बर 2015 में हाईकोर्ट द्वारा निर्गत आदेश व NCTE एक्ट,रेगुलेशन एवं काउंटर एफिडेविट का अध्ययन कर, मैंने, NCTE को हाईकोर्ट द्वारा निर्देशित आदेश के तहत शिक्षामित्रों के
दूरस्थ बीटीसी प्रशिक्षण को एक्ट एवं रेगुलेशन के वैधानिक शर्तों के अनुरूप रद्द करने की प्रार्थना की थी!
सनद रहे कि NCTE स्वयं अपने एफिडेविट में स्वीकार चुका हैं कि शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण एक्ट एवं रेगुलेशन के वैधानिक शर्तों के अनुरूप नहीं हैं अर्थात अवैध हैं!
परन्तु विगत एक वर्ष तक पत्राचार करने के बावजूद NCTE ने मेरे पत्र को दबाये रखा, क्योंकि यदि पत्र पर विचार कर जवाब देती तो उसे स्वयं के द्वारा दिए गये प्रशिक्षण अनुमति को अवैध घोषित करना पड़ता और सम्बंधित अनुमति प्रदाता अधिकारियों को सजा देनी होती!
मित्रों आपको अवगत कराना चाहूँगा कि हाईकोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन अवैध घोषित करने के पश्चात्, राज्य सरकार ने शिक्षामित्रों को शिक्षक पद से लाभान्वित करने के लिए नियमित नियुक्तियों का सहारा लिया और उनके प्रशिक्षण अवैध होने के बावजूद न सिर्फ उन्हें टेट कराकर 15,000 एवं 16000 बीटीसी भर्तियों में नियुक्ति प्रदान की बल्कि उन्हें व्यापक स्तर पर टेट कराकर बीटीसी भर्तियों में नियमित नियुक्ति की कार्ययोजना तैयार कर ली थी!
चुंकि पद विशेष पाठ्यक्रम होने की वजह से प्राथमिक शिक्षक पदों पर बीटीसी को बीएड पर तरजीह दिए जाने के विचार NCTE द्वारा व्यक्त किये गये हैं अतः यदि शिक्षामित्रों का बीटीसी प्रशिक्षण बचा रहता हैं तो न्यायालय से आदेश होने के बावजूद भी बीएड वालों की नियुक्ति संभव नहीं होती!
इन्हीं अत्यावश्यक बिन्दुवों एवं अपने बीएड साथियों के हितों को मद्देनजर रखते हुए, हमारी टीम ने डब्ल्यूपीसी 915/2016 दाखिल कर न सिर्फ उनके प्रशिक्षण को अवैध घोषित करने की मांग की वरन उनके प्रशिक्षण के आधार पर टेट कराकर नियमित भर्तियों को रोकने एवं रद्द करने की भी मांग की!
दि० 07 दिसम्बर 2016 को मा० सर्वोच्च न्यायालय ने हमारी याचिका को सुनकर न सिर्फ राज्य को शिक्षामित्रों की शिक्षक पद पर की जा रही किसी भी प्रकार की नियुक्ति (यथा नियमित अथवा समायोजन) पर तत्काल रोक लगा दी वरन राज्य द्वारा कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर की गयी ऐसी नियुक्तियों का ब्यौरा भी तलब कर लिया! अर्थात अब ऐसी नियुक्तियां स्वतः निष्प्रभावी हो जाएँगी!
मा० सर्वोच्च न्यायालय में हमारी याचिका दाखिल होते ही प्रशिक्षण के मामले पर मेरे पत्र से NCTE में भी हडकंप मच गया हैं और मेरे पत्र को अत्यावश्यक मानते हुए NCTE चेयरपर्सन ( DELHI HEADQUARTER) को तत्काल निस्तारित करने की प्रक्रिया भी द्रुतगामी गति से आरम्भ हो गयी हैं! अर्थात ड्रीम प्रोजेक्ट पर चौतरफा वार!
आशा ही नहीं वरन मुझे पूर्ण विशवास हैं कि मैं और मेरी पूरी टीम,अपने समस्त बीएड टेट उत्तीर्ण साथियों के विश्वास एवं हितों के संरक्षण में सफल होगी! धन्यवाद्
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

No comments:

Post a Comment

Facebook