22 Feb : अब की 22 बहुत कुछ कहेगी , सुनबाई हुई तो बहुत कुछ क्लियर हो जाएगा

अब की मामले को गंभीर समझते हुए दीपक मिश्रा एक जिम्मेदार जज की भूमिका निभाते हुए 4347 केस का फाइनल आर्डर दें भले ही लगातार सुनबाई करनी पड़े , और उन सारी निराधार बातों को गलत साबित करें जो
आजकल लोगों के दिमाग मे बैठ गयी हैं , जैसे सुनबाई नहीं होगी , एक लंबी डेट मिलेगी , दीपक मिश्रा शिक्षा मित्रों को बचा रहे , आदि आदि , एक बात और अबकी डेट पर सुनबाई हुई तो बहुत कुछ क्लियर हो जाएगा , उनकी सोच , उनकी रणनीति , और ये भी कि अभी तक क्या क्या है जो उनको पता भी है कि नहीं , वर्ना वही कि जब सुनना ही नहीं तो टैग ही क्यों करते हैं , जब एक बार टैग कर दिया तो उसको डी टैग करने का क्या मतलब , या तो सुनें वर्ना टैग डी टैग और लंबी डेट का खेल न खेलें , वर्ना जो धारणा ऊपर बनी है उसी को बल मिलेगा , और न्यायपालिका से अविश्वाश , फिर सब यही कहेंगे कि कहीं वाकई मे सरकार और दीपक मिश्रा की कोई सेटिंग्स तो नहीं इन शिक्षा मित्रों को बचाने मे , और अपने लिए एक नाकाबिल जज होने का ठप्पा , अबकी 22 बहुत कुछ कहेगी ।
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