अगर शिक्षामित्र बाहर नही होते तो किस स्थित में याचि की नियुक्त कराएंगे............

★★★बिग न्यूज़★★★शिक्षामित्र मुद्दे पर अभी किसी का पड़ला भारी नही पर हाई कोर्ट के फैसला पलटना भी नामुमकिन है।कोई नेता अभी तक संतुष्ट जबाब के स्तिथ में नही,अगर sm बाहर नही होते तो किस स्थित में याचि की नियुक्त कराएंगे।
प्यारे नेताजी sm के बाहर होने पर हर हाल में टेट2011 को नियुक्ति करना पड़ेगा,जो भी जैसा बकील करना हो करे ,sm का समायोजन अवैध् कराने के साथ उनका प्रशिक्षण भी निरस्त करावे।रही बात खुली प्रतियोगिता का तो कितनी बार खुली प्रतियोगिता होगी।होगी तो sm उसमे नही होना चाहिए।हम तैयार है प्रतियोगिता के लेकिन हमारा सीट की संख्या भी तय हो।कल हर हाल में sm को बाहर करवाने के लिए जो भी करना हो कर उसके बाद बची सीट पर अपना टेट 2011 का दावा करे और आगे के सभी भर्ती में सत्र वाइज हमे नियुक्ति कर समयोजन करवाने का आग्रह करें।याची की नियुक्ति मुख्य है इसके लिए क्या करना है नेता जी जानते है उनसे पैसे लिए गए है सारा लड़ाई इन्ही के पैसों पर लड़ा जा रहा है तो इनको प्राथमिकता में सबसे पहले रखे,इनके पैसों और याची के विस्वास को मत तोड़े,ऐसा आरोप भी लग रहे है कि याची के पैसे से आप अपनी हित की सोच रहे है न कि याची की।तो आप से निवेदन है कि टॉप मोस्ट कल के लिए वकील को रखें, sm को बाहर कराकर प्राशिक्षण भी अवैध् कराए,उनको टेट भी न दिए जाय, खुली भर्ती के लिए भी तैयार पर हमारा पदों की संख्या निर्धारित हो,और सभी को खुली भर्ती में बैठे चाहे वह 72825 भी क्यो न हो।समस्त rte एक्ट के अनुसार रिक्त पद +sm के पद टेट 2011 से ही भरे जय ऐसा कोर्ट को कन्वेंस करे,याचि को तत्काल लाभ दिलाये नही तो याचिओ का दिमाग कल के बाद क्या करेगा वह नेता जी लोग जानते है।टेट की वेलडीटी मुख्य है।उसको कोर्ट के पटल पर रखे और समस्त याची का कल्याण करे।कल का ही दिन शेष है।अगर कोर्ट sm को किसी प्रकार का दया कोर्ट दिखाती है या सरकार की गलती बताई जाती है तो तत्काल अपने वकील को भी बताए उसी सरकार के हम भी सताए हुए याची है हमे भी दया की आवश्कता है हमे भी तत्काल नियुक्त करें।अगर sm को कुछ भी मिला तो टेट 2011 को चाहिए।कल का दिन सेष आप अपना सब कुछ sm को बाहर कराने में लगा दे।और समस्त टेट 2011 की नियुक्त करवाने का प्रयाश करे।अभी बहुत से मुद्दे सेष है जो अभी किसी को समझ से बाहर है कोर्ट न्याय करेगा कि समझौता यह पता लगाना मुश्किल है।कल कुछ भी करे याची मुद्दा जरूर रखे इसके अलावा कोई मुद्दा वकील को न कहने दे ।रही बात खुली प्रतियोगिता की और उसमें कोर्ट sm को किसी प्रकार का वरिष्टता देने के लिए बोले तो आप नेता जी खारिज करवाये और जब sm को लाभ मिले उतने ही वरिष्टता टेट 2011 को भी मिले नही तो किसी को नही।हालांकि इसका विरोध् करे sm को पूरी तरह वाहर करे जो नियम में अवैध् हो उसको प्रतियोगिता में कैसे बैठ सकता है उसे ऐसी किसी भी प्रतियोगिता में बैठने से रोके।कोर्ट से मांग कर जो संबिधान के खिलाफ हो तो उसे बाहर करे मौका क्यो दे।या हमे टेट 2011 के लिए हमारे पद को आरक्षित कर दे।रही बात प्रतियोगिता तक sm के पद पर बने रहने की तो हमे टेट 2011 वालो याची को भी एडहॉक पर नियुक्त दे कर प्रतियोगिता करा लें तब होगी बराबरी वाली बात।धन्यवाद
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