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डी.वाई.चंद्रचूड़ के ऑर्डर पर स्टेट कोई जवाब देने पर असमर्थ : गणेश शंकर दीक्षित

साथियों, शत् शत् वन्दे ईश नमन् , आज सुबह 11.30 कोर्ट बैठी।अपना मामला 11.45 सीरियल नम्बर 20 पर टेकअप हुआ।सबसे पहला नीरज राय का PG बेस स्टार्ट हुआ जिसमे सीनियर एडवोकेट वी.मोहना जी ने बहुत अच्छी बहस की और PG बेस के 160 की संख्या को लाभान्वित किया।
इसके बाद शिक्षामित्र 12.45 पर केस स्टार्ट हुआ।लंच के बाद शिक्षामित्र लगातार चलता रहा।शिक्षामित्र की तरफ से सबसे पहले स्टेट की तरफ से AAG ने बहस किया।जस्टिस यू.यू.ललित और ए.के.साहेब पूरी तरह से तैयारी से थे।जस्टिस यू.यू.ललित ने कहा 1999 आपको 10,000 पदों के लिए आपने रिलक्सेशन लिया और वो पद बढ़कर 1,72000 कैसे हो गए और आपने सबका समायोजन भी कर दिया।आपने खुली प्रतियोगिता के द्वारा सबको अवसर देकर पदों को क्यों नही भरा?उसके बाद हाईकोर्ट डी.वाई.चंद्रचूड़ के ऑर्डर को कोर्ट में पढा गया जिस ऑर्डर के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर स्टेट का ध्यान केंद्रित कराया गया जिस पर स्टेट कोई जवाब देने पर असमर्थ था।तब श्री यू.यू.ललित साहेब ने कहा कि आप खुली प्रतियोगिता के द्वारा इन सभी पदों को क्यो नही भर रहे?इसके बाद शिक्षामित्र की तरफ से रामजेठमलानी और कपिल सिब्बल ने भी बहस की किन्तु कोर्ट उनसे भी असन्तुष्ट रही।साथियों यह तो निश्चित हैं योग्यता का सम्मान करते हुए ncte के नार्म्स को फुलफिल करने वाले योग्य अभ्यर्थियों से प्रदेश के सभी पदों को भरा जाएगा।कल पुनः शिक्षामित्र केस लगातार लगा है,इसके अतिरिक्त AOR अमित पवन के द्वारा यह भी ज्ञात हुआ कि वर्गीकरण का मुद्दा मेंशन कराया गया जिसको कल शिक्षामित्र मामले के बाद सुनने के लिए कहा गया।इसकी पूरी डिटेल्स ज्ञात होते ही आपको सूचित किया जाएगा।
"सन्घेय शक्ति सर्वदा"
आपका गणेश शंकर दीक्षित
टी ई टी संघर्ष मोर्चा उ.प्र.

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