सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से झूमे शिक्षामित्र , आज के बाद उनकी नौकरी बहाल रहेगी या फिर..

ज्ञानपुर (भदोही) : परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित हुए शिक्षामित्रों को सर्वोच्च न्यायालय ने राहत दे दी।समायोजन को बहाल रखते हुए दो वर्ष में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीण करने के लिए दिए मौके के निर्णय से शिक्षामित्र झूम उठे।
फैसला आते ही शिक्षा मित्रों ने जहां मिठाई बांटकर व एक दूसरे का मुंह मीठा कराकर बधाई दी तो फैसले को ईमानदारी के साथ किए गए मेहनत का फल बताया। दरअसल, परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित शिक्षामित्रों के मामले में मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आना था। फैसले के बाद किसी भी स्थिति से निबटने के लिए एक ओर जहां प्रशासन अलर्ट रहा। वहीं शिक्षामित्रों से लेकर उनके परिजनों, रिश्तेदारों तक की निगाहें कोर्ट के फैसले की ओर लगी थी। हर किसी की बैचैनी बढ़ी हुई थी कि क्या होगा। आज के बाद उनकी नौकरी बहाल रहेगी या फिर..। यहां तक कि विद्यालय पहुंचे शिक्षामित्र पल-पल एक दूसरे से जानकारी लेते रहे।
हालांकि जैसे ही समायोजन को बहाल रखते हुए दो वर्ष में टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने के साथ प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें अनुभव के आधार पर वेटेज देने का फैसला आया उनमें खुशी की लहर दौड़ गई। सभी ने एक दूसरे को बधाई दी। दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षामित्रों ने नगर के हरिहरनाथ मंदिर पहुंचकर दर्शन पूजन किया। प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष रश्मिकांत द्विवेदी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से उन्हें उनकी मेहनत का फल मिला है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष प्रमोद पाठक, संजीव श्रीवास्तव, रत्नाकर तिवारी, विनोद उपाध्याय, संजय पांडेय, समरनाथ भारती, राजनारायण राव, अनुज शुक्ला, अनिल, राजेश आदि रहें।

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