जागरण संवाददाता, मैनपुरी: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से समायोजित और असमायोजित शिक्षामित्रों में जश्न का माहौल है। उन्होंने फैसले पर खुशी जताई है।
पहले हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन को निरस्त कर दिया था। जिसके विरोध में शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सुबह से ही शिक्षामित्रों की धड़कनें बढ़ी रहीं। दोपहर बाद जैसे ही फैसला सुनाया गया, उनमें खुशी की लहर दौड़ गई। फैसले से जिले के सभी शिक्षामित्र सहमत नजर आए। सभी ने एकजुट होकर टीईटी पास करने की बात कही।
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ये है स्थिति
2157- जिले में कुल शिक्षामित्रों की संख्या
2004- समायोजित शिक्षामित्र
153- असमायोजित शिक्षामित्र
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संगठनों का कहना
- सुप्रीम कोर्ट ने जो भी फैसला लिया है, हम उसका सम्मान करते हैं। सभी शिक्षामित्रों को टीईटी की परीक्षा देने के लिए तैयार रहना चाहिए।
विनीत प्रताप ¨सह, ब्लॉक अध्यक्ष, आदर्श समायोजित शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन।
- सभी समायोजित शिक्षामित्र किसी भी मायने में सहायक अध्यापकों से कम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला ठीक है। प्रदेश सरकार को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए।
धर्मेंद्र कुमार, जिलाध्यक्ष, उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ।
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शिक्षामित्रों का कहना..
- शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया गया था। ऐसे में अगर टीईटी परीक्षा को आधार बनाया गया है, तो कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
अजय यादव, समायोजित शिक्षामित्र
- सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है। रही बात टीईटी की, तो सभी शिक्षक इसे पास करने की योग्यता रखते हैं।
शुभम शक्ति भदौरिया, समायोजित शिक्षामित्र
- जिन शिक्षकों का समायोजन सहायक अध्यापक के पद पर नहीं हुआ था। उनके बारे में भी सुप्रीम कोर्ट को सोचना चाहिए। बाकी कोर्ट के फैसले का सभी लोग सम्मान करते हैं।
शारदा देवी, असमायोजित शिक्षामित्र
- कुछ शिक्षामित्र समायोजन प्रक्रिया से छूट गए थे। सुप्रीम कोर्ट को इन शिक्षकों को भी टीईटी पास कर सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन का आदेश देना चाहिए था।
अवनीश कुमार, असमायोजित शिक्षामित्र
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पहले हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन को निरस्त कर दिया था। जिसके विरोध में शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सुबह से ही शिक्षामित्रों की धड़कनें बढ़ी रहीं। दोपहर बाद जैसे ही फैसला सुनाया गया, उनमें खुशी की लहर दौड़ गई। फैसले से जिले के सभी शिक्षामित्र सहमत नजर आए। सभी ने एकजुट होकर टीईटी पास करने की बात कही।
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ये है स्थिति
2157- जिले में कुल शिक्षामित्रों की संख्या
2004- समायोजित शिक्षामित्र
153- असमायोजित शिक्षामित्र
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संगठनों का कहना
- सुप्रीम कोर्ट ने जो भी फैसला लिया है, हम उसका सम्मान करते हैं। सभी शिक्षामित्रों को टीईटी की परीक्षा देने के लिए तैयार रहना चाहिए।
विनीत प्रताप ¨सह, ब्लॉक अध्यक्ष, आदर्श समायोजित शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन।
- सभी समायोजित शिक्षामित्र किसी भी मायने में सहायक अध्यापकों से कम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला ठीक है। प्रदेश सरकार को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए।
धर्मेंद्र कुमार, जिलाध्यक्ष, उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ।
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शिक्षामित्रों का कहना..
- शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया गया था। ऐसे में अगर टीईटी परीक्षा को आधार बनाया गया है, तो कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
अजय यादव, समायोजित शिक्षामित्र
- सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है। रही बात टीईटी की, तो सभी शिक्षक इसे पास करने की योग्यता रखते हैं।
शुभम शक्ति भदौरिया, समायोजित शिक्षामित्र
- जिन शिक्षकों का समायोजन सहायक अध्यापक के पद पर नहीं हुआ था। उनके बारे में भी सुप्रीम कोर्ट को सोचना चाहिए। बाकी कोर्ट के फैसले का सभी लोग सम्मान करते हैं।
शारदा देवी, असमायोजित शिक्षामित्र
- कुछ शिक्षामित्र समायोजन प्रक्रिया से छूट गए थे। सुप्रीम कोर्ट को इन शिक्षकों को भी टीईटी पास कर सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन का आदेश देना चाहिए था।
अवनीश कुमार, असमायोजित शिक्षामित्र
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