मुरादाबाद। बीती 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा यूपी के शिक्षामित्रों के लिए दिए गए निर्णय के बाद सप्ताह भर के आंदोलन के बाद शिक्षामित्रों को एक बार फिर निराश हाथ लगी है। योगी सरकार से आश्वासन मिलने के बाद उन्हें उम्मीद जगी थी लेकिन बुधवार को वार्ता विफल हो गई।
आज से करेंगे आंदोलन
शिक्षामित्र संगठन के पदाधिकारी अर्जुन सिंह ने बताया की सरकार ने हमें धोखा दिया है, जिसके बाद आज से शिक्षामित्र शिक्षण कार्य नहीं करेंगे और वे आंदोलन करेंगे। हजारों परिवारों की रोजी-रोटी का सवाल है और सरकार सुप्रीमकोर्ट की आड़ में शिक्षा मित्रों के साथ अन्याय कर रही है। जनपद के करीब 1400-1500 शिक्षा मित्र सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रभावित हुए हैं। इससे शिक्षण कार्य भी प्रभावित हो रहा है। पिछली बार भी शिक्षा मित्रों ने अपने आंदोलन के दौरान न सिर्फ स्कूल बंद रखे बल्कि रोड जाम भी किया था, जबकि कई जगह तो हिंसा भी हो गई थी।
सरकार को लेना है निर्णय
उधर बीएसए सजाय सिंह ने भी प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाई के लिए हर संभव प्रयास की बात कही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्रों के मामले में सरकार को निर्णय लेना है, इसलिए उन्होंने भी कोई हिंसा न करने की अपील की और किसी हंगामे की स्थिति को देखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन से भी मदद की बात की है, क्योंकि शिक्षा मित्रों ने शिक्षण कार्य बंद करने की बात कही है। फिलहाल अब सभी की निगाहें आज के आंदोलन पर हैं और सरकार के सख्त तेवरों के बाद अब शिक्षा मित्रों के रुख पर निर्भर करेगा कि आगे क्या रणनीति होगी।
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आज से करेंगे आंदोलन
शिक्षामित्र संगठन के पदाधिकारी अर्जुन सिंह ने बताया की सरकार ने हमें धोखा दिया है, जिसके बाद आज से शिक्षामित्र शिक्षण कार्य नहीं करेंगे और वे आंदोलन करेंगे। हजारों परिवारों की रोजी-रोटी का सवाल है और सरकार सुप्रीमकोर्ट की आड़ में शिक्षा मित्रों के साथ अन्याय कर रही है। जनपद के करीब 1400-1500 शिक्षा मित्र सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रभावित हुए हैं। इससे शिक्षण कार्य भी प्रभावित हो रहा है। पिछली बार भी शिक्षा मित्रों ने अपने आंदोलन के दौरान न सिर्फ स्कूल बंद रखे बल्कि रोड जाम भी किया था, जबकि कई जगह तो हिंसा भी हो गई थी।
सरकार को लेना है निर्णय
उधर बीएसए सजाय सिंह ने भी प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाई के लिए हर संभव प्रयास की बात कही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्रों के मामले में सरकार को निर्णय लेना है, इसलिए उन्होंने भी कोई हिंसा न करने की अपील की और किसी हंगामे की स्थिति को देखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन से भी मदद की बात की है, क्योंकि शिक्षा मित्रों ने शिक्षण कार्य बंद करने की बात कही है। फिलहाल अब सभी की निगाहें आज के आंदोलन पर हैं और सरकार के सख्त तेवरों के बाद अब शिक्षा मित्रों के रुख पर निर्भर करेगा कि आगे क्या रणनीति होगी।
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