*शिक्षा मित्र*
मैने एक पोस्ट पढ़ी जिसमे शिक्षा मित्रो की शिक्षक होने की अवकात नही है एसा कहा गया था! जिसने भी वह पोस्ट लिखा था व पढा था और जो शिक्षा मित्र का विरोध करते हैं उनके लिये मैं नीचे कुछ लिखा हूँ ध्यान से पढे !
15 वर्ष के अनुभव व मेहनत के बाद जब 35000 हजार मिलने लगा तो भाजपा सरकार व बीएड योग्यता रखने वालो का पेट मरोड़ने लगा !
मुझे ये बताओ कि 80-85 प्रतिशत शिक्षा मित्र उम्र के आखरी पडाव मे है वो अब कहा जायेगें उनके साथ उनके परिवार का भविष्य अधर में है उनका क्या होगा!
मैं ये मानता हूं कि जो भी जिस तरह की योग्यता रखता है वह सरकार से अपनी योग्यता के अनुसार नौकरी मॉगे या माग सकता है उसमे कोई बुराई नही है लेकिन दुसरो के साथ अन्याय हो और आप उस बात की खुशी मनाये ये बात समझ मे नही आती !
60 - 65 सालो मे पहली बार कोई भर्ती सही अनुपात मे हुई थी जो सवर्ण 15 प्रतिशत को नहीं पचा भर्ती नियम और योग्यता का हवाला देके वो भी छीन लिया गया ये बात 85 प्रतिशत को समझ मे नहीं आयेगा!
जो शिक्षा मित्रों के विरोध में पोस्ट लिखते है वो ये जान ले की 90 से 95 प्रतिशत सुप्रीम कोर्ट का फैसला केन्द्र सरकार के पक्ष मे आता है ! इसका मतलब साफ है कि केन्द्र सरकार सपा सरकार को बदनाम करना चाहती थी अगर केन्द्र की सरकार मे सपा सरकार की हिस्सेदारी होती तो फैसला कुछ और होता !
जो शिक्षा मित्र को गलत ठहरा रहा है वो एन सी ई आर टी से कोई सवाल क्यो नही करता है !
क्यो शिक्षा मित्रो को बी टी सी करने का आदेश दी थी! एन सी ई आर टी की गलत निति को सपा सरकार की गलती बताकर शिक्षा मित्रो को सजा क्यो दी जा रही हैं!
2009 आरटीई शिक्षा का अधिकार अधिकार लागू हुआ उसी समय क्यों नही अनटेन्ड शिक्षक को हटाने का काम किया या फिर निश्चित सिमा के अन्दर अनटेन्ड शिक्षको को शिक्षक की पूर्ण योग्यता पुरा करने के आदेश दिये गये ?
शिक्षा मित्रो के विरोध मे जो पोस्ट लिखा था उसके व सुप्रीम कोर्ट के अनुसार शिक्षा मित्र नियन से नहीं थे पोस्ट लिखने वाला मुझे ये बताये कि नियन बनाने का अधिकार किसे है?
1. देश में एसा नियम है कि बारहवीं पास देश की शिक्षा मंत्री बन सकती है !
2. नियम संशोधन कर बी एड धारको को 6 माह के अतिरिक्त प्रशिक्षण देकर प्राथमिक विद्यालय मे टिचर बनाया जा सकाता है !
3. तीन साल के बाद प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक उच्च माध्यमिक विद्यालय मे प्रमोशन कर सकता है !
4. अम्बेडकर विद्यालय के शिक्षको को एक साल की अतिरिक्त ट्रेनिंग दे कर शिक्षक का दर्जा मिल सकता है !
5. दश साल के अनुभव के बाद वकील जज की योग्यता पूर्ण कर लेता है जज बन सकता है !
क्या एन सी ई आर टी एसा नियम नही बना सकती जिससे शिक्षा मित्रो को दश से पन्द्रह साल के अनुभव को आधार मानकर टेट से छुट देते हुए स्नातक बी टी सी को प्रमोटेड कर सहायक अध्यापक बना सकें !
नियन कानून इन्सान के बेहतरी के लिए है न कि किसी को आत्महत्या कर लेने पर मजबूर कर देने के लिये हाई कोर्ट के फैसले के बाद 68 शिक्षा मित्र मरे थे और सुप्रीम कोर्ट के बाद 36 उनका दोष क्या था यही न की 3500 सौ पर काम करने वाला 35000 क्यो ले लिया काम वही फिर दाम वही लेने लगे तो दिकत होने लगी!
अंधा कानून
जिस इनसान ने शिक्षा मित्रों के विरोधे मे पोस्ट लिखा था उस व्यक्ति की मानिसक तर्क शक्ति छिण हो गयी है
उसे ये पता नहीं है कि 2011 के पहले के शिक्षक कोई टेट पास नहीं है !
2001 के पहले के शिक्षक बारहवीं व बीटीसी है तो क्या वह शिक्षक के लायक नही है
जिसे घमंड है की मै टेट पास हूँ शिक्षक के योग्य हूँ वह पन्द्रह साल तक प्राथमिक विद्यालय मे पठन पाठन का कार्य करे उसके बाद टेट पास करके दिखाये !
तब किसकी क्या औकात है पता चल जायेगा!
*कृपया कर के पोस्ट को ज्यदा से ज्यादा सेयर करे ताकि जिन लोगो के बीच मे शिक्षा मित्रो को लेकर भ्रम बना है उन लोग को सही मायने मे सही क्या है इसकी पहचान कर सके! धन्यवाद*
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
मैने एक पोस्ट पढ़ी जिसमे शिक्षा मित्रो की शिक्षक होने की अवकात नही है एसा कहा गया था! जिसने भी वह पोस्ट लिखा था व पढा था और जो शिक्षा मित्र का विरोध करते हैं उनके लिये मैं नीचे कुछ लिखा हूँ ध्यान से पढे !
- समायोजन मात्र टेट के कारण निरस्त नही हुआ है, समायोजन निरस्त होने के जो प्रमुख कारण है वो इस प्रकार है.............
- शिक्षामित्रों के केस मामले में रिव्यू , उसी में लिखी गई कुछ पंक्तियाँ : Himanshu rana
- 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में एकेडमिक अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में डाली पुनर्विचार याचिका
- टी. ई. टी 2017 परीक्षा की तैयारी सिर्फ शि. मि. के लिए
- सुप्रीम कोर्ट आर्डर का गहनता पूर्वक अध्ययन , निम्नलिखित खामियां आई नजर
15 वर्ष के अनुभव व मेहनत के बाद जब 35000 हजार मिलने लगा तो भाजपा सरकार व बीएड योग्यता रखने वालो का पेट मरोड़ने लगा !
मुझे ये बताओ कि 80-85 प्रतिशत शिक्षा मित्र उम्र के आखरी पडाव मे है वो अब कहा जायेगें उनके साथ उनके परिवार का भविष्य अधर में है उनका क्या होगा!
मैं ये मानता हूं कि जो भी जिस तरह की योग्यता रखता है वह सरकार से अपनी योग्यता के अनुसार नौकरी मॉगे या माग सकता है उसमे कोई बुराई नही है लेकिन दुसरो के साथ अन्याय हो और आप उस बात की खुशी मनाये ये बात समझ मे नही आती !
60 - 65 सालो मे पहली बार कोई भर्ती सही अनुपात मे हुई थी जो सवर्ण 15 प्रतिशत को नहीं पचा भर्ती नियम और योग्यता का हवाला देके वो भी छीन लिया गया ये बात 85 प्रतिशत को समझ मे नहीं आयेगा!
जो शिक्षा मित्रों के विरोध में पोस्ट लिखते है वो ये जान ले की 90 से 95 प्रतिशत सुप्रीम कोर्ट का फैसला केन्द्र सरकार के पक्ष मे आता है ! इसका मतलब साफ है कि केन्द्र सरकार सपा सरकार को बदनाम करना चाहती थी अगर केन्द्र की सरकार मे सपा सरकार की हिस्सेदारी होती तो फैसला कुछ और होता !
जो शिक्षा मित्र को गलत ठहरा रहा है वो एन सी ई आर टी से कोई सवाल क्यो नही करता है !
क्यो शिक्षा मित्रो को बी टी सी करने का आदेश दी थी! एन सी ई आर टी की गलत निति को सपा सरकार की गलती बताकर शिक्षा मित्रो को सजा क्यो दी जा रही हैं!
2009 आरटीई शिक्षा का अधिकार अधिकार लागू हुआ उसी समय क्यों नही अनटेन्ड शिक्षक को हटाने का काम किया या फिर निश्चित सिमा के अन्दर अनटेन्ड शिक्षको को शिक्षक की पूर्ण योग्यता पुरा करने के आदेश दिये गये ?
शिक्षा मित्रो के विरोध मे जो पोस्ट लिखा था उसके व सुप्रीम कोर्ट के अनुसार शिक्षा मित्र नियन से नहीं थे पोस्ट लिखने वाला मुझे ये बताये कि नियन बनाने का अधिकार किसे है?
1. देश में एसा नियम है कि बारहवीं पास देश की शिक्षा मंत्री बन सकती है !
2. नियम संशोधन कर बी एड धारको को 6 माह के अतिरिक्त प्रशिक्षण देकर प्राथमिक विद्यालय मे टिचर बनाया जा सकाता है !
3. तीन साल के बाद प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक उच्च माध्यमिक विद्यालय मे प्रमोशन कर सकता है !
4. अम्बेडकर विद्यालय के शिक्षको को एक साल की अतिरिक्त ट्रेनिंग दे कर शिक्षक का दर्जा मिल सकता है !
5. दश साल के अनुभव के बाद वकील जज की योग्यता पूर्ण कर लेता है जज बन सकता है !
क्या एन सी ई आर टी एसा नियम नही बना सकती जिससे शिक्षा मित्रो को दश से पन्द्रह साल के अनुभव को आधार मानकर टेट से छुट देते हुए स्नातक बी टी सी को प्रमोटेड कर सहायक अध्यापक बना सकें !
नियन कानून इन्सान के बेहतरी के लिए है न कि किसी को आत्महत्या कर लेने पर मजबूर कर देने के लिये हाई कोर्ट के फैसले के बाद 68 शिक्षा मित्र मरे थे और सुप्रीम कोर्ट के बाद 36 उनका दोष क्या था यही न की 3500 सौ पर काम करने वाला 35000 क्यो ले लिया काम वही फिर दाम वही लेने लगे तो दिकत होने लगी!
अंधा कानून
जिस इनसान ने शिक्षा मित्रों के विरोधे मे पोस्ट लिखा था उस व्यक्ति की मानिसक तर्क शक्ति छिण हो गयी है
उसे ये पता नहीं है कि 2011 के पहले के शिक्षक कोई टेट पास नहीं है !
2001 के पहले के शिक्षक बारहवीं व बीटीसी है तो क्या वह शिक्षक के लायक नही है
जिसे घमंड है की मै टेट पास हूँ शिक्षक के योग्य हूँ वह पन्द्रह साल तक प्राथमिक विद्यालय मे पठन पाठन का कार्य करे उसके बाद टेट पास करके दिखाये !
तब किसकी क्या औकात है पता चल जायेगा!
*कृपया कर के पोस्ट को ज्यदा से ज्यादा सेयर करे ताकि जिन लोगो के बीच मे शिक्षा मित्रो को लेकर भ्रम बना है उन लोग को सही मायने मे सही क्या है इसकी पहचान कर सके! धन्यवाद*
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