शिक्षक दिवस पर भी नहीं मिली शिक्षा मित्रों को राहत

बिजनौर। शिक्षक दिवस पर भी शिक्षामित्रों के हाथ रहे खाली। शिक्षक पदों से हटने के सवा महीने बाद भी शासन ने शिक्षा मित्रों के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया हैं।
इसे लेकर शिक्षामित्रों में आक्रोश है। कहना है यदि उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन का आदेश जारी नहीं किया गया तो फिर आंदोलन करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को शिक्षामित्रों का शिक्षक पदों पर समायोजन निरस्त कर दिया था। इसे लेकर 26 जुलाई से शिक्षामित्रों ने पूरे प्रदेश में आंदोलन शुरू कर दिया। एक सप्ताह आंदोलन चला। शिक्षामित्रों ने शासन से समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग की। शासन स्तर पर 15 दिन के भीतर उनकी समस्या का निस्तारण करने का आश्वासन दिया गया, पर बात नहीं बनी। शिक्षामित्रों ने दूसरे चरण में 16 अगस्त से फिर से आंदोलन किया तथा लखनऊ में भी धरना प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने जल्द ही शिक्षामित्रों की मांगों को लेकर समाधान निकालने का आश्वासन दिया था। शिक्षा मित्रों को उम्मीद थी कि शिक्षक दिवस से पूर्व ही उनकी मांग पूरी हो जाएगी। सरकार ने शिक्षामित्रों को टीईटी कराने को आवेदन पत्र तो निकाल दिए हैं। वर्तमान में उन्हें कितना वेतन मिलेगा? इसके लिए कोई आदेश जारी नहीं होने से शिक्षा मित्र परेशान हैं।
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय प्रभारी सौरभ चौधरी ने बताया कि शासन को संगठन ने मांग पत्र दिया था। जिसमें समान कार्य के लिए समान वेतन और आश्रम पद्धति के तहत वेतन दिलाने की मांग की गई है। अभी तक कोई आदेश जारी नहीं होने से शिक्षा मित्र परेशान हैं। उनकी मांग नहीं मानी जाती तो पूरे प्रदेश में फिर से आंदोलन किया जाएगा।
उप्र प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के मंडल प्रभारी सुचित मलिक, शिक्षामित्र दीपक कुमार, तुषार चंद्र साना, मनोज कुमार आदि का कहना है कि शासन को जल्द से जल्द उनकी मांग पूरी करनी चाहिए। यदि उनके साथ वादाखिलाफी की गई तो शिक्षा मित्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।
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