इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 12460 सहायक
अध्यापक भर्ती से वह अभ्यर्थी पहली सूची से बाहर होंगे, जिन्होंने एक साथ
कई जिलों में दावेदारी की है। प्रदेश के कई बेसिक शिक्षा अधिकारियों की
रिपोर्ट पर परिषद सचिव संजय सिन्हा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
बीएसए का कहना है कि एक ही अभ्यर्थी के कई जिलों में दावेदारी से उसी जिले
के अभ्यर्थियों के हित प्रभावित हो रहे हैं। 1परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में
का विज्ञापन 2016 में जारी हुआ। उसके लिए 28 दिसंबर 2016 से ऑनलाइन आवेदन
लिए गए। इस भर्ती में प्रदेश के 51 जिलों को ही पद आवंटित हुए थे, बाकी 24
जिलों में पद शून्य थे। इसको ध्यान में रखकर परिषद ने यह निर्देश दिया था
कि जिन जिलों में पद नहीं हैं वहां से प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी आसपास के
जिलों में आवेदन कर सकते हैं। इस आदेश की आड़ में अभ्यर्थियों ने एक नहीं
कई-कई जिलों में आवेदन कर दिए। इससे जिलों में बनी पहली वरीयता सूची में उस
जिले से प्रशिक्षण पाने वाले काफी नीचे चले गए। हालांकि बीते एक मई को जिन
जिलों में नियुक्ति पत्र वितरित किया गया, उसमें दूसरे जिले से प्रशिक्षण
पाने वाले अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र न देने का आदेश दिया गया था। यह भी
निर्देश था कि गैर जिले के अभ्यर्थियों की सीटें सुरक्षित रखी जाएं। इसी
बीच कई बीएसए ने सचिव परिषद को पत्र भेजकर सूचित किया कि शून्य रिक्त वाले
जिले के कई ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने एक नहीं कई जिलों में दावेदारी कर
रखी है। उनकी नियुक्ति किस तरह की जाए, इसका मार्गदर्शन दिया जाए। यह भी
अवगत कराया कि इस कार्य से उनके जिले से प्रशिक्षण पाने वाले पहली सूची में
काफी नीचे पहुंच गए हैं, जबकि उसी जिले के अभ्यर्थियों ने अपने जिले में
ही दावेदारी की है।
सचिव परिषद ने इसका संज्ञान लेकर निर्देश दिया है कि जिन अभ्यर्थियों ने कई
जिलों में दावेदारी की है, उन्हें पहली वरीयता सूची से बाहर कर दिया जाए।
वहीं, द्वितीय काउंसिलिंग सभी अभ्यर्थियों के लिए उपलब्ध होगी। जिस जिले
में पद उपलब्ध होंगे वहां होने वाली द्वितीय काउंसिलिंग में ही ऐसे
अभ्यर्थियों के अभ्यर्थन पर विचार किया जाए।