68500 सहायक अध्यापक भर्ती कॉपी बदले जाने की बात सामने आने के बाद परीक्षार्थियों में आक्रोश, कहा निरस्त हो परीक्षा

शिक्षक भर्ती के मूल्यांकन में हर कदम पर हुआ गोलमाल
इलाहाबाद। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गोलमाल की बात सामने आने के बाद अब परीक्षार्थियों का गुस्सा बढ़ गया है।
परीक्षार्थियों का कहना है कि जिस अभ्यर्थी ने गड़बड़ी का दावा किया, उसकी कॉपी सामने आने पर सचिव परीक्षा नियामक की पोल खुल गई है। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीड में एक परीक्षार्थी की कॉपी तलब किए जाने के बाद पता चला कि उस अभ्यर्थी की कॉपी बदल दी गई है। मूल्यांकन के लिए सामने आई उत्तर पुस्तिका और कार्बन कॉपी दोनों अलग-अलग पाए जाने पर कोर्ट ने इस परीक्षार्थी के लिए एक सीट रिजर्व करने का निर्देश दिया था। शिक्षक भर्ती का गोलमाल सामने आने के बाद परीक्षार्थियों ने इस शिक्षक भर्ती को निरस्त करने तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पूरी भर्ती परीक्षा की सीबीआई जांच कराने की मांग की गई। मांग करने वालों में शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल अश्वनी तिवारी, संतोष मिश्र, रेनू मिश्रा, अराधना शुक्ला रहे। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि मूल्यांकन में हर स्तर पर गड़बड़ी की गई है। कापियों के जांचने में बहुत गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया गया। सचिव की ओर से कॉपी दिखाने के लिए दो हजार का भारी भरकम शुल्क इसीलिए लगाया गया है कि जिससे सभी परीक्षार्थी कॉपी न देख सकें।
‘‘उत्तर पुस्तिकाएं दिखाना गोपनीय कार्य है, इसके लिए पूरी सुरक्षा के बीच कॉपी निकाली जाती है, उसको स्कैन कराए जाने की प्रक्रिया के दौरान कोई डॉटा लीक न हो इसकी सावधानी जरूरी है। परीक्षार्थियों की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच करवाई जा सकती है।’’
डॉ. सुत्ता सिंह, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी, उत्तर प्रदेश