शिक्षा को बेचने के लिए तैयार की जा रही योजना धीरे -धीरे आगे बढ़ रही है.....

शिक्षा को बेचने के लिए तैयार की जा रही योजना धीरे -धीरे आगे बढ़ रही है.....
जनवरी 2016 मे खबर थी कि शिक्षकों की कमी की बजह से 90% सरकारी स्कूल बन्द होंगे....

और आज की खबर है कि निजी स्कूल संचालकों से करायेंगे सरकारी स्कूल का संचालन.......
लेकिन हकीकत सिर्फ इतनी नहीं है हकीकत ये है कि आर्थिक मंदी के चलते हमारे देश के पूंजीपतियों का व्यापार पारंपरिक धंधों में कमजोर हो गया है उनके द्वारा बनाया गया सामान देश की जनता खरीदने में समर्थ नहीं है जनता के पास क्रय शक्ति नहीं है इसलिए ये पूंजीपति लोग जीवन के लिए बहुत जरूरी रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा ,स्वास्थ्य ,परिवहन जैसे सेवा क्षेत्रों में निवेश कर रहे हैं किसने सोचा था कि बहुराष्ट्रीय कम्पनी रिलायंस, रिलायंस फ्रेस में सब्जी बेचेगी ,.......
इसीलिए हमारे देश की सरकारें एसे कारपोरेट घरानों को खुली छूट देने के लिए तमाम सेवा क्षेत्रों को निजी हाथों में धीरे -धीरे सोंप रहीं हैं....
सावधान हो जाइए क्योंकि यह सरकारें सभी सेवा क्षेत्रों को धीरे-धीरे B B B के मोड पर लाकर बंद कर रही हैं BBB से आशय है कि सबसे पहले यह किसी सेवा क्षेत्र को #बर्बाद करते हैं फिर #बदनाम करते हैं और फिर उसके बाद उस व्यवस्था को #बंद कर देते हैं ताकि आम जनता के द्वारा किसी भी तरह का प्रतिरोध ना हो मध्य प्रदेश के सभी नागरिक भली-भांति जानते हैं कि सरकार ने 90 के दशक में राज्य परिवहन निगम को एक षड़यंत्र के तहत बंद कर दिया था | वह षड़यंत्र था कि सबसे पहले निगम को फंड देना बंद करके उसे बर्बाद कर दिया...... कई महीनों तक निगम कर्मचारियों को बेतन नहीं दिया गया फलस्वरूप कुछ उदाहरण कर्मचारियों की लापरवाही के मिलने लगे जिससे जनता में यह प्रचार कर बदनाम किया गया कि निगम कर्मचारी भ्रष्ट हैं | उसके बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने राज्य परिवहन निगम को बंद किया तब जनता के द्वारा कोई प्रतिरोध नहीं किया गया......
आज इतिहास फिर दोहराया जा रहा है अब यह कारनामा प्रदेश के 90% सरकारी स्कूलों को बंद कर किया जा रहा है स्कूली शिक्षा को बर्बाद करने के लिए सबसे पहले कक्षा एक से लेकर आठवी तक सरकारी स्कूलों में पास-फैल सिस्टम हटा दिया, बच्चों को बिना कुछ सीखे ही आठवी पास करा दिया तो जब बच्चे समाज में शिक्षा के मानकों पर खरे नहीं उतरे तो जनता में प्रचार कर शिक्षकों को बदनाम किया गया हौ।*कि सरकारी शिक्षक विद्यालय में ठीक से नहीं पढ़ाते इसलिए सरकारी स्कूलों को निजी हाथों मे दिया जा रहा है इसलिए हमारा सभी शिक्षक भाइयों,बहिनो से करबद निवेदन है की शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता विद्यालयों का भौतिक परिवेश पब्लिक स्कूलों की तुलना में अच्छा करने का प्रयास करें ताकि हमारा वह हमारी आने वाली पीढ़ियों का रोजगार अच्छा रहे तथा अपने शिक्षक संगठनों में गुटबाजी खत्म कर एक मजबूर शिक्षक संगठन बनाने का प्रयास करें हम अच्छे शिक्षक बने तथा शिक्षा शत्रु का दर्जा किसी भी हालत में अपने ऊपर ना लगने दे जो पूरी तरीके से पूजींपतियो की पक्षपाती मीडिया चाहती है* जय शिक्षक जय शिक्षक समाज