सड़क पर अभ्यर्थी-शिक्षक, अटकी हैं हजारों नियुक्तियां

लखनऊ. साल 2017 चुनाव से पहले बीजेपी ने अभ्यर्थी व शिक्षकों के मुद्दों को जोर-शोर से उठाया था। अब सरकार बने डेढ़ साल हो गए लेकिन न अभ्यर्थियों के हाल सुधरे , न शिक्षकों के। बल्कि दोनों ही आंदोलनरत हैं। एक तरफ हजारों नियुक्तियां अटकी हैं तो दूसरी तरफ गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं।
हाल ही में हुई शिक्षक भर्ती भी संदेह के घेरे में है। बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के 68500 पदों के लिए हुई लिखित परीक्षा में कई गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुत्ता सिंह को सस्पेंड किया गया। उनकी जगह अनिल चतुर्वेदी नए सचिव बने। वहीं बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा हटाकर रूबी सिंह को चार्ज दिया गया।। ऐसे में बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा है कि वे मामले की जांच कराएंगी और दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।
सात दिन में मांगी रिपोर्ट
दरअसल 68500 शिक्षकों की भर्ती परीक्षा के रिजल्ट में कुछ अनुपस्थित अभ्यर्थियों को भी परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने 86 और 75 अंक दे दिए। इतना ही नहीं जिस अभ्यर्थी को परीक्षा में सिर्फ 2 अंक मिले थे उसके अंक 91 करके चयनित अभ्यर्थियों की सूची में डाल दिया गया। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने उन अभ्यर्थियों का भी चयन कर दिया जिनको सिर्फ 2 या 7 अंक मिले थे। जब इसे लेकर अभ्यर्थियों ने हंगामा किया तो जाकर सच्चाई सामने आनी शुरू हुई है।इस मामले में अब शासन ने राज्य परियोजना निदेशक डॉक्टर वेदपति मिश्र की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन कर 7 दिन में रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि इससे पहले परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने टेट 2017 में गलत प्रश्न देकर भी काफी किरकिरी कराई थी. इसकी वजह से शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा को भी देर से कराना पड़ा था।फिलहाल अभी तक 23 अभ्यर्थियों की नियुक्ति रोकने के आदेश दिए गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, रिजल्ट और नियुक्ति के लिए अधिकारीयों ने बड़े खेल किए हैं। एब्सेंट बताकर जिस मो. सहून की नियुक्ति रोकी है पहले रिजल्ट में उसे 86 नंबर दिए थे। एब्सेंट बताकर जिस मीना देवी की नियुक्ति रोकी पहले रिजल्ट में 75 नंबर दिए थे। 2 नंबर पाने वाले अरुण कुमार को 91 और 7 नंबर पाने वाली शबाना को 85 नंबर दिए थे।सोनिका देवी नाम की अभ्यर्थी की आंसर शीट ही बदल डाली, जिसकी पोल कोर्ट में खुली।व हीं मामले की जांच के लिए प्रमुख सचिव, गन्ना की अध्यक्षता में एक हाईपॉवर 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। चौंकाने वाली बात ये रही कि जैसे ही इस कार्रवाई की खबरें आईं, इलाहाबाद में परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से घोटाले के सबूत मिटाने के लिए अभ्यर्थियों की कॉपियां जलाने का मामला सामने आ गया. इसका वीडियो भी वायरल हो गया। अब कॉपी जलाने की जांच के लिए एक 3 सदस्यीय टीम को इलाहबाद भेजा गया है।

शिक्षा मित्रों, वित्तहीन शिक्षकों का मामला भी फंसा
पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे शिक्षा मित्र, बीएड-टीईटी -2011 पास अभ्यर्थी व आशा बहुओं की समस्याओं को सुलझाने के लिए योगी सरकार ने तीन उच्चस्तरीय समिति बनाने का फैसला किया था जिसकी रिपोर्ट का इंतजार है। योगी सरकार ने शिक्षामित्रों की समस्याओं के निराकरण के लिए उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी बनाई है। इस समिति में वित्त, बेसिक शिक्षा व न्याय विभाग के प्रमुख सचिव सदस्य होंगे।इस समिति को शिक्षामित्रों की समस्याओं के हल के संबंध में सरकार को अपनी रिपोर्ट देनी होगी। मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों की तरह बी.एड और टीईटी पास अभ्यर्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए भी समिति का गठन किया है। इस समिति में प्रमुख सचिव न्याय अध्यक्ष तथा अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा और प्रमुख सचिव गृह शामिल किए गए हैं। इसी तरह आशा बहुओं की समस्याओं के समाधान के लिए भी कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है।
लटकी हुई नौकरियां
- साहयक शिक्षकों की भर्ती प्रकिया अब तक लटकी, नवीं बैच में चयनित 803 अभ्यर्थी हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नियुक्ति को तरस रहे
-जूनियर हाईस्कूल के अंशकालिक अनुदेशकों का मानदेय लटका, 17 हजार का मानदेय करने का था वादा
-32022 बीपीएड धारक अब तक बेरोजगार, हाईकोर्ट ने दो महीने के अंदर नियुक्ति के आदेश दिए थे

प्रदर्शनकारियों की कुल संख्या

-1.37 लाख शिक्षा मित्र (जिनका समायोजन नहीं हुआ)
-1.36 आशा बहुएं (लगभग)
- 1 लाख से ज्यादा बीएड-टीईटी 2011 उत्तीर्ण
- तीन लाख माध्यमिक वित्तहीन शिक्षक
-छह हजार से ज्यादा अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती वाले