सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हुए अभ्यर्थियों को पुलिस ने खदेड़ा

लखनऊ। सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हुए अभ्यर्थियों ने शनिवार को राजधानी लखनऊ के निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया था। बाद में पुलिस भी पहुंच गई थी। निदेशालय पर प्रदर्शन करने से पहले अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल के आवास का घेराव किया था।
निदेशक ने छूटे हुए अभ्यर्थियों को काउंसलिंग कराने का भरोसा दिलाया लेकिन वे नहीं माने। रविवार को सहायक अध्यापक पद पर शिक्षकों की भर्ती के लिए काउंसलिंग शुरू हुई तो सैकड़ों अभ्यर्थी निदेशालय पर पहुंच कर नारेबाजी करने लगे। अभ्यार्थी प्रदर्शन करते हुए आत्मदाह की चेतावनी दे रहे थे। इनमें काफी संख्या में महिलाएं भी थीं।
अभ्यर्थियों ने बताया कि वे सभी बीटीसी उत्तीर्ण हैं और भर्ती परीक्षा भी अच्छे अंकों से उत्तीर्ण किया है। लेकिन जब काउंसलिंग का समय आया तो एक आदेश ने उन्हें इससे बाहर कर दिया। भर्ती परीक्षा में 41,556 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया। अब जब काउंसलिंग की बारी आई तो इन पदों पर आरक्षण नीति लागू कर दी। इस नाते सामान्य श्रेणी के ऊंची मेरिट वाले करीब छह हजार अभ्यर्थी काउंसलिंग से बाहर हो गए हैं। हंगामे और नारेबाजी की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को इको गार्डन में प्रदर्शन करने के लिए कहा तो वह भड़क गए।
हंगामे की सूचना पाकर एसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्रा, एसपी ट्रांसगोमती हरेंद्र कुमार, सीओ महानगर संतोष कुमार सिंह, इन्स्पेक्टर महानगर विकास पांडेय भारी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने लगे। जब अभ्यर्थी मानने को तैयार नहीं हुए तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए उन्हें खदेड़ कर हटाया। इस पर महिला अभ्यार्थी रोने लगी और प्रदर्शनकारी हाथ जोड़कर पुलिस से भविष्य सुरक्षित करने की गुहार लगाने लगे। घंटो चले प्रदर्शन के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत करा पाया। इस दौरान मुख्य मार्ग पर जाम की स्थिति बनी रही। प्रदर्शन के दौरान कार्यालय में निदेशक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम मौजूद थे।
बता दें कि निष्‍पक्ष तरीके से शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर शिक्षकों का प्रदर्शन लगातार जारी है। 68500 शिक्षक भर्ती की हरी झंडी मिलने के बाद परीक्षा में पास हुए 41556 अभ्यर्थियों की शनिवार से काउंसलिंग शुरू होने थी। लेकिन जो सूची जारी की गई, उसमें 34660 अभ्यर्थियों का ही चयन हुआ। बचे हुए अभ्यर्थियों ने आरक्षण की वजह से नाम हटाने का आरोप लगाते हुए निशातगंज स्थित एससीईआरटी कार्यालय का घेराव कर दिया और जमकर नारेबाजी की। सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों के पहुंचने से पुलिस महकमे में भी हड़कम्प मच गया। जिसके बाद भारी पुलिस बल एससीईआरटी कार्यालय पर तैनात कर दिया गया।
जनरल कैटेगरी वाले अभ्यार्थी सूची से बाहर
एससीईआरटी कार्यालय पर प्रदर्शन कर शिक्षक अभ्यर्थियों का आरोप है कि आरक्षण के चलते जनरल कैटेगरी के 5696 अभ्यर्थियों को सूची से हटा दिया गया है। जबकि 68500 अभ्यर्थियों में से 41556 अभ्यर्थी परीक्षा में पास हुए थें। जिन्हें नियुक्ति देने की बात कही गई थी, लेकिन जो सूची जारी की गई है उसमें 34660 अभ्यर्थियों का ही नाम आया है। जिसमें 5696 जनरल कैटेगरी के अभ्यर्थियों को आरक्षण के चलते सूची से बाहर कर दिया गया। अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर एससीईआरटी कार्यालय पर धरना देने पहुंचे थे। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि अगर आज आदेश जारी नहीं किया जाएगा तो वह ऐसे ही धरने पर बैठे रहेंगे।
68500 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को आवंटित किए गए जिले
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद ने परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 41,556 सहायक अध्यापकों के चयन/नियुक्ति के लिए अनन्तिम चयन सूची जारी कर दी है। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद पर आधिकारिक वेबसाइट https://upbasiceduboard.gov.in/ पर जाकर ये पूरी लिस्ट देखी जा सकती है। सूची में दिया गया है कि किस अभ्यर्थी को कौन सा जनपद आवंटित किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 68,500 शिक्षक भर्ती में नवनियुक्त शिक्षकों को 4 सितम्बर को नियुक्ति पत्र बाटें। ये आयोजन राम मनोहर लोहिया विधि विवि में हुआ। काउंसिलिंग से पहले ही नियुक्त पत्र बांटने का कार्यक्रम तय कर दिया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 4 हजार शिक्षकों को नियुक्त पत्र दिया गया।

इस भर्ती में 41,556 अभ्यर्थी पात्र हैं लेकिन आवेदन केवल 40669 अभ्यर्थियों ने ही किया है। 68,500 शिक्षक भर्ती में मंगलवार तक आवेदन लिए गए। चूंकि तयशुदा पदों से कम ही अभ्यर्थी लिखित परीक्षा पास कर पाए हैं लिहाजा काउंसिलिंग आदि जल्दी हो जाएगी। इस भर्ती में 41,555 में से 887 अभर्थियों ने आवेदन नहीं किया है। माना जा रहा है कि इन अभ्यर्थियों को इस बीच दूसरी नौकरी मिल गई है या फिर ये अन्य किसी पात्रता पर खरे नहीं उतरते। पहली बार लिखित परीक्षा के माध्यम से शिक्षक चुने गए हैं।