12091 के साथियों अपने हितों के प्रति आप स्वयं सचेत रहें

12091के साथियों अपने हितों के प्रति आप स्वयं सचेत रहें। कहीं अंतिम समय में आप लोगों की निश्क्रियता आप के लिए घातक न हो जाए।
इसलिए अपने अंदर की भावनाओं को खुलकर ब्यक्त करें ताकि बाद में आपको यह कहकर पछताना न करना पड़े कि यदि उस समय हम लोगों ने जोरदार तरीके से अपनी बातें अग्रिम पंक्ति के लोगों के सामने रखी होती तो परिणाम कुछ और पहले ही हो जाता। आप लोगों का ये जेनमिन अधिकार है , जिसे आप अगुवाकारों के सामने ब्यक्त कर सकतें हैं।

बिना हिचकिचाए अपनी मांगों को इन अगुआकारों के सामने रखें , चाहे वह फेसवैल्यु वकील का हो या आप के अंदर उठ रहें अन्य सवालों का। उन्हें भी बिना झिझक आप सभी लोगों की बातों को आत्मसात् करना पड़ेगा, क्योकि आप लोगों से ही संगठन में शक्ति है। कोई भी अगुवाकार आप सभी लोगों के भावनाओं और विचारों को दबा नहीं सकता , ये मेरा सुझाव है आप लोगों के लिए। इसलिए आज से ही अपनी सुझाव को एक साथ संगठित होकर उन्हें दें। जीत तो सुनिश्चित है पर जब तक मिल न जाये तब तक अतिउत्साह भी घातक हो सकता है। कभी-कभी विरोधियों की कटु बातें भी जीत का मार्ग प्रशस्त कर देती हैं। इसलिए सभी पहलुओं पर विचार करके अपने विचार शीर्ष नेताओं तक पहुंचायेंगे।

जय हो, विजय हो
आपका------
संजय चतुर्वेदी आजमगढ़