परिषदीय विद्यालयों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा की उत्तर
पुस्तिका में पास परंतु रिजल्ट में फेल छह अभ्यर्थियों ने सचिव परीक्षा
नियामक से उनका भी नाम पुनर्मूल्यांकन के रिजल्ट में शामिल करने की मांग की
है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि 27 मई 2018 को हुई सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में बड़े पैमाने पर अनियमितता के बाद उन्होंने कोर्ट के आदेश के बाद उनकी स्कैन कॉपी दिखाई गई। स्कैन कॉपी दिखाएं जाने के बाद सचिव परीक्षा नियामक ने 45 परीक्षार्थियों को परीक्षा में सफल घोषित करते हुए उनका नाम बेसिक शिक्षा परिषद के पास नियुक्ति के लिए भेजा।
परीक्षा में शामिल छह अन्य अभ्यर्थियों का आरोप है कि स्कैन कॉपी में तय
कटऑफ से अधिक अंक पाए जाने केबाद भी उनका नाम सचिव परीक्षा नियामक की ओर से
नियुक्ति के लिए नहीं भेजा गया। परीक्षा में शामिल प्रीति भारती पूर्व में
48 और कॉपी में 98 अंक, पूजा पूर्व में 37 एवं कॉपी में 75, आराधना वर्मा
पूर्व में 19 एवं कॉपी में 74 अंक, प्रियंका राजपूत पूर्व में 54 एवं कॉपी
में 77 अंक, यतीश सेंगर पूर्व में 19 एवं कॉपी में 91 अंक, सुमित कुमार
पूर्व में 47 एवं कॉपी में 67 अंक पाने के बाद भी सचिव परीक्षा नियामक ने
उनका नाम नियुक्ति के लिए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को नहीं भेजी गई।
अभ्यर्थियों का कहना है कि उनकी कॉपी हाईकोर्ट के आदेश के बाद दिखाई गई थी, इसके बाद भी सचिव परीक्षा नियामक उनके साथ न्याय नहीं कर रहे। इन अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि अक्तूबर में कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन के आवेदन के समय सचिव परीक्षा नियामक ने उनको आवेदन से मना कर दिया था, अब पुनर्मूल्यांकन का रिजल्ट आने के बाद भी उनका नाम चयनित सूची में शामिल नहीं किया है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि इन परीक्षार्थियों की कॉपी एवं संबंधित जानकारी शासन के पास भेजी जा रही है। शासन इस मामले में जो निर्णय लेगा, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
अभ्यर्थियों का कहना है कि 27 मई 2018 को हुई सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में बड़े पैमाने पर अनियमितता के बाद उन्होंने कोर्ट के आदेश के बाद उनकी स्कैन कॉपी दिखाई गई। स्कैन कॉपी दिखाएं जाने के बाद सचिव परीक्षा नियामक ने 45 परीक्षार्थियों को परीक्षा में सफल घोषित करते हुए उनका नाम बेसिक शिक्षा परिषद के पास नियुक्ति के लिए भेजा।
अभ्यर्थियों का कहना है कि उनकी कॉपी हाईकोर्ट के आदेश के बाद दिखाई गई थी, इसके बाद भी सचिव परीक्षा नियामक उनके साथ न्याय नहीं कर रहे। इन अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि अक्तूबर में कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन के आवेदन के समय सचिव परीक्षा नियामक ने उनको आवेदन से मना कर दिया था, अब पुनर्मूल्यांकन का रिजल्ट आने के बाद भी उनका नाम चयनित सूची में शामिल नहीं किया है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि इन परीक्षार्थियों की कॉपी एवं संबंधित जानकारी शासन के पास भेजी जा रही है। शासन इस मामले में जो निर्णय लेगा, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।