सात हफ्ते में प्राइमरी टीचरों की हो भर्ती : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने करीब 43 हजार प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति कर ली है। सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर राज्य सरकार ने कहा है कि बाकी बचे करीब 29 हजार शिक्षकों की नियुक्ति जल्द हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने बाकी बचे शिक्षकों की नियुक्ति सात हफ्ते के भीतर करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश में टीचर इलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार कर करीब 72825 शिक्षकों की भर्ती होनी है।

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ केसमक्ष स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर यूपी सरकार ने कहा है कि 43561 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और करीब 29 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है। सरकार ने कहा कि सभी अभ्यर्थियों को पत्राचार किया जा चुका है लेकिन करीब 29 हजार ने अब तक संपर्क नहीं किया है।
इस पर पीठ ने राज्य सरकार से कहा है शेष भर्तियों के लिए वह चार हफ्ते के भीतर विज्ञापन प्रकाशित करें और उसके तीन हफ्ते बाद शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर लें। पीठ ने कहा कि इस अवधि के दौरान अगर अभ्यर्थी फिर भी नहीं आते हैं तो वे अयोग्य ठहरा दिए जाएंगे।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि सामान्य वर्ग में टीईटी में 70 फीसदी अंक और आरक्षित वर्ग में 65 फीसदी हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्त किया जाए। राज्य सरकार को इसके लिए छह हफ्ते का वक्त दिया गया था। वास्तव में विवाद इस बात को लेकर चल रहा था कि शिक्षकों की भर्ती सिर्फ टीईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर हो या टीईटी और क्वालिटी मार्क्स (अकादमी योग्यता) के आधार पर हो।
सुनवाई के दौरान अदालत को जानकारी दी गई कि आरक्षित वर्ग के लिए तय किए गए 65 फीसदी की आहर्ता के कारण भी ऐसा हो रहा है। अभ्यर्थी नहीं आ रहे हैं। लिहाजा न्यूनतम अंक 65 फीसदी से 60 फीसदी कर दी जाए। इस पर पीठ ने कहा कि पूर्व मानकों के तहत अगर सीटें नहीं भरती है तो इसे 60 फीसदी किया जा सकता है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को हलफनामे के जरिए यह बताने के लिए कहा कि राज्य में कितने शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
मायावती सरकार ने करीब 73 हजार शिक्षकों की भर्ती करने का निर्णय लिया था। सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर नियुक्ति का आधार टीईटी को रखा। टीईटी में सफल उम्मीदवारों को काउंसलिंग भी शुरू हो गई थी। इसके बाद सत्ता में आई सपा सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर इस नियम में बदलाव करने का निर्णय लिया गया। नए नियम केतहत टीईटी और क्वालिटी मार्क्स दोनों को नियुक्ति का आधार बनाया गया। छात्रों ने सरकार को इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने छात्रों के हक में फैसला देते हुए मायावती सरकार की अधिसूचना को सही ठहराया। जिसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसे दरकिनार कर दिया गया था।
उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश


सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe