हरिकिशन शर्मा, नई
दिल्ली1सातवें वेतन आयोग से पगार में भारी वृद्धि की आस लगाए बैठे कामचोर
कर्मचारियों को झटका लग सकता है। चौदहवें वित्त आयोग ने वेतनवृद्धि को
कर्मचारियों के प्रदर्शन से जोड़ने की सिफारिश की है। केंद्र ने अगर इस
सिफारिश पर अमल किया तो उन कर्मचारियों की वेतनवृद्धि की उम्मीदों पर पानी
फिर सकता है जो कामकाज से जी चुराते हैं और जिनका प्रदर्शन अपेक्षानुरूप
नहीं है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट
मंगलवार को संसद में पेश की।
इसी रिपोर्ट में वित्त आयोग ने सरकारी कर्मचारियों की वेतनवृद्धि को उनकी उत्पादकता से जोड़ने की सिफारिश की है। आम तौर पर सरकार वित्त आयोग की सिफारिशें खारिज नहीं करती है, इसलिए माना जा रहा है कि केंद्रीय कर्मियों की वेतनवृद्धि को उनके प्रदर्शन से जोड़ने संबंधी इस सिफारिश को सरकार लागू कर सकती है।
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
इसी रिपोर्ट में वित्त आयोग ने सरकारी कर्मचारियों की वेतनवृद्धि को उनकी उत्पादकता से जोड़ने की सिफारिश की है। आम तौर पर सरकार वित्त आयोग की सिफारिशें खारिज नहीं करती है, इसलिए माना जा रहा है कि केंद्रीय कर्मियों की वेतनवृद्धि को उनके प्रदर्शन से जोड़ने संबंधी इस सिफारिश को सरकार लागू कर सकती है।
वित्त आयोग ने कहा है कि वेतनवृद्धि को कर्मचारियों की उत्पादकता से जोड़ा
जाए। साथ ही वेतन आयोग का नाम और संरचना बदलकर वेतन और उत्पादकता आयोग
किया जाना चाहिए। इस आयोग की जिम्मेदारी कर्मचारियों का प्रदर्शन बेहतर
बनाने के उपाय सुझाने की होनी चाहिए। आयोग ने कहा कि भविष्य में अतिरिक्त
मानदेय को कर्मचारियों के प्रदर्शन से जोड़ा जाए।
वित्त आयोग का कहना है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से केंद्र का वेतन और भत्तों पर खर्च वर्ष 2007-08 से 2012-13 के दौरान बढ़कर दोगुना हो गया है। इस अवधि में रक्षा कर्मचारियों को छोड़कर बाकी अन्य सभी कर्मचारियों का सालाना प्रति व्यक्ति वेतन 1,45,722 रुपये से बढ़कर 3,25,820 रुपये हो गई है। इसके साथ ही राजस्व व्यय में वेतन और भत्तों पर खर्च का प्रतिशत भी बढ़ गया है। इसी तरह राज्य सरकारों पर भी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों का बोझ भी इस अवधि में बढ़ता गया है। वर्ष 2012-13 में राज्यों के कर्मचारियों का प्रति व्यक्ति सालाना वेतन 2,12,854 रुपये से 5,49,345 रुपये के बीच है। वित्त आयोग ने हालांकि अपनी रिपोर्ट में यह नहीं बताया है कि सातवें वेतन आयोग का केंद्र या राज्यों के खजाने पर कितना बोझ पड़ेगा। वित्त आयोग का कहना है कि केंद्र और राज्यों को मिलकर अंतर्राज्यीय परिषद जैसे मंच पर विचार विमर्श कर वेतन व भत्तों में वृद्धि के संबंध में राष्ट्रीय नीति बनाई जानी चाहिए।
वित्त आयोग का कहना है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से केंद्र का वेतन और भत्तों पर खर्च वर्ष 2007-08 से 2012-13 के दौरान बढ़कर दोगुना हो गया है। इस अवधि में रक्षा कर्मचारियों को छोड़कर बाकी अन्य सभी कर्मचारियों का सालाना प्रति व्यक्ति वेतन 1,45,722 रुपये से बढ़कर 3,25,820 रुपये हो गई है। इसके साथ ही राजस्व व्यय में वेतन और भत्तों पर खर्च का प्रतिशत भी बढ़ गया है। इसी तरह राज्य सरकारों पर भी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों का बोझ भी इस अवधि में बढ़ता गया है। वर्ष 2012-13 में राज्यों के कर्मचारियों का प्रति व्यक्ति सालाना वेतन 2,12,854 रुपये से 5,49,345 रुपये के बीच है। वित्त आयोग ने हालांकि अपनी रिपोर्ट में यह नहीं बताया है कि सातवें वेतन आयोग का केंद्र या राज्यों के खजाने पर कितना बोझ पड़ेगा। वित्त आयोग का कहना है कि केंद्र और राज्यों को मिलकर अंतर्राज्यीय परिषद जैसे मंच पर विचार विमर्श कर वेतन व भत्तों में वृद्धि के संबंध में राष्ट्रीय नीति बनाई जानी चाहिए।
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
0 Comments