दरोगा भर्ती में धांधली की शिकायत पर हाईकोर्ट सख्त, कहा - भर्ती बोर्ड के चेयरमैन जांच कर दें हलफनामा
लखनऊ (ब्यूरो)। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सूबे में दरोगा भर्ती में धांधली केआरोपों वाले मामले में सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने यूपी पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड केचेरयरमैन पीके गुप्ता को लगाए गए आरोपों की जांच कर हफ्ते भर में निजी हलफनामा दाखिल करने केनिर्देश दिए हैं।
अदालत ने उनसे यह भी बताने को कहा है कि परीक्षा में पारदर्शिता के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए थे। कोर्ट ने मामले को हफ्ते भर बाद अन्य समान मामलों के साथ समुचित बेंच के समक्ष सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं।
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लखनऊ (ब्यूरो)। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सूबे में दरोगा भर्ती में धांधली केआरोपों वाले मामले में सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने यूपी पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड केचेरयरमैन पीके गुप्ता को लगाए गए आरोपों की जांच कर हफ्ते भर में निजी हलफनामा दाखिल करने केनिर्देश दिए हैं।
अदालत ने उनसे यह भी बताने को कहा है कि परीक्षा में पारदर्शिता के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए थे। कोर्ट ने मामले को हफ्ते भर बाद अन्य समान मामलों के साथ समुचित बेंच के समक्ष सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं।
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार अरोड़ा ने शुक्रवार कोे यह आदेश कृष्णमोहन सिंह
समेत 5 अभ्यर्थियों की याचिका पर दिया। इसमें यूपी पुलिस भर्ती व
प्रोन्नति बोर्ड के सिविल पुलिस में उपनिरीक्षक व पीएसी के प्लाटून कमांडर
की परीक्षा के नतीजे को रद्द किए जाने की गुजारिश की गई है। याचियों ने
पारदर्शी और साफ-सुथरे ढंग से इन पदों के लिए चयन प्रक्रिया फिर से शुरू
किए जाने के निर्देश देने की अदालत से गुजारिश की है।
याचियों के आरोप
•प्रारंभिक परीक्षा में फेल हुए कुछ अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने दिया गया
•दावे के बावजूद बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों की वीडियोग्राफी नहीं करवाई।
•कुछ अभ्यर्थियों के हिंदी के सब्जेक्टिव पेपर में 85-90 अंक आए जबकि हिंदी में इतने नंबर लाना कठिन है।
•ब्लेड और व्हाइटनर के इस्तेमाल की मनाही के बावजूद इनका प्रयोग करने वालों को नंबर दिए गए।
•न्यूनतम कट-ऑफ से नीचे वालों का भी चयन किया गया।
याचियों के आरोप
•प्रारंभिक परीक्षा में फेल हुए कुछ अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने दिया गया
•दावे के बावजूद बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों की वीडियोग्राफी नहीं करवाई।
•कुछ अभ्यर्थियों के हिंदी के सब्जेक्टिव पेपर में 85-90 अंक आए जबकि हिंदी में इतने नंबर लाना कठिन है।
•ब्लेड और व्हाइटनर के इस्तेमाल की मनाही के बावजूद इनका प्रयोग करने वालों को नंबर दिए गए।
•न्यूनतम कट-ऑफ से नीचे वालों का भी चयन किया गया।
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