सत्र शुरू होते ही बांटी जाएंगी पुरानी किताबें
लखनऊ (ब्यूरो)। परिषदीय स्कूलों में सत्र शुरू होते ही पुरानी किताबें बांटी जाएंगी। छपकर आने के बाद नई किताबें दी जाएंगी। नई किताबों के छपने में देरी के चलते शासन स्तर पर यह निर्णय किया गया है। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने शुक्रवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया। बेसिक शिक्षा विभाग हर साल पौने तीन करोड़ बच्चों को मुफ्त किताबें बांटता है।
परिषदीय स्कूलों व सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों के संबद्ध प्राइमरी में पढ़ने वाले कक्षा 8 तक के छात्र-छात्राओं को मुफ्त किताब देने की व्यवस्था है। स्कूलों में किताबें सत्र शुरू होते ही बांटने की नीति है। लेकिन इस बार किताबों की छपाई को लेकर अब तक टेंडर नहीं हो पाए हैं। शासन से इस बार किताबों की छपाई के लिए जारी नीति में ईको फ्रेंडली रिसाइकल्ड कागज के इस्तेमाल की शर्त रखी गई है, जबकि इसके पहले किताबों की छपाई के लिए जारी होने वाली नीति में रिसाइकल्ड शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाता था। इसके चलते कागज सप्लाई करने वाली एक कंपनी के आपत्ति के चलते किताबों की छपाई के लिए टेंडर नहीं खोले जा सके हैं। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव आलोक रंजन को इस मामले को निस्तारित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। एक अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र के समय तक किताबें छपकर आ पाना संभव नहीं। इसलिए शासन स्तर पर तय किया गया है कि सत्र शुरू होने के साथ ही पिछले साल की बची हुई पुरानी किताबें छात्र-छात्राओं में बांट दी जाएं और जैसे ही नई किताबें छपकर आएं पुरानी लेकर उसे दे दिया जाए। सचिव बेसिक शिक्षा ने बेसिक शिक्षा निदेशक को निर्देश देते हुए कहा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारियों को तत्काल इस संबंध में निर्देशित कर दिया जाए जिससे वे पुरानी किताबें स्कूलों में समय रहते पहुंचवा दें।
नई किताबों की छपाई में देरी के चलते लिया गया निर्णय

 
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