भाजपा विधानमण्डल दल के नेता ने स्मृति ईरानी को लिखा पत्र
लखनऊ (एसएनबी)। भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश विधानमण्डल दल के नेता सुरेश कुमार खन्ना ने शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद पैदा स्थिति को लेकर बुधवार को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखा है।
पत्र में उन्होंने कहा कि 1.70 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द हो गया है। इससे शिक्षामित्र उद्वेलित हैं। यह बड़ा ज्वलंत विषय है तथा लाखों परिवारों से सीधे जुड़ा है। खन्ना ने लिखा है कि शिक्षामित्र योजना भाजपा ने ही शुरू की थी। इनकी नियुक्ति भी भाजपा के शासन में की गयी। ऐसे में भाजपा की इनके प्रति सहानुभूति होना स्वाभाविक है। उन्होंने यह भी लिखा है कि प्रदेश सरकार द्वारा इस मामले में कानून के पहलुओं को नजरअंदाज किया गया और पैरवी भी ठीक ढंग से नहीं की गयी। प्रदेश सरकार अपनी खामी छिपाने के लिए गेंद केन्द्र सरकार के पाले में डालना चाहती है। भाजपा नेता ने विशेष आग्रह के साथ स्मृति से कहा है कि प्रकरण में विशेष रुचि लेने की कृपा करें, ताकि शिक्षामित्रों के सामने संकट न पैदा हो सके। उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने भी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता में इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा और कहा कि भाजपा शिक्षामित्रों के साथ खड़ी है। यह योजना पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के शासन की है और भर्ती भी भाजपा सरकार में ही की गयी। इनके सेवा में आने से शिक्षा व्यवस्था सुधरी थी। बाजपेयी ने भी केन्द्र सरकार से इस दिशा में जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया है, ताकि रोजगार पाये शिक्षामित्र बेरोजगारी की चपेट में न आने पायें।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
लखनऊ (एसएनबी)। भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश विधानमण्डल दल के नेता सुरेश कुमार खन्ना ने शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद पैदा स्थिति को लेकर बुधवार को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखा है।
पत्र में उन्होंने कहा कि 1.70 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द हो गया है। इससे शिक्षामित्र उद्वेलित हैं। यह बड़ा ज्वलंत विषय है तथा लाखों परिवारों से सीधे जुड़ा है। खन्ना ने लिखा है कि शिक्षामित्र योजना भाजपा ने ही शुरू की थी। इनकी नियुक्ति भी भाजपा के शासन में की गयी। ऐसे में भाजपा की इनके प्रति सहानुभूति होना स्वाभाविक है। उन्होंने यह भी लिखा है कि प्रदेश सरकार द्वारा इस मामले में कानून के पहलुओं को नजरअंदाज किया गया और पैरवी भी ठीक ढंग से नहीं की गयी। प्रदेश सरकार अपनी खामी छिपाने के लिए गेंद केन्द्र सरकार के पाले में डालना चाहती है। भाजपा नेता ने विशेष आग्रह के साथ स्मृति से कहा है कि प्रकरण में विशेष रुचि लेने की कृपा करें, ताकि शिक्षामित्रों के सामने संकट न पैदा हो सके। उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने भी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता में इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा और कहा कि भाजपा शिक्षामित्रों के साथ खड़ी है। यह योजना पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के शासन की है और भर्ती भी भाजपा सरकार में ही की गयी। इनके सेवा में आने से शिक्षा व्यवस्था सुधरी थी। बाजपेयी ने भी केन्द्र सरकार से इस दिशा में जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया है, ताकि रोजगार पाये शिक्षामित्र बेरोजगारी की चपेट में न आने पायें।
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