इलाहाबाद : कुछ दिन पहले 15 हजार शिक्षकों की भर्ती को युवाओं का आंदोलन हुआ। इस समय प्रशिक्षु शिक्षक मौलिक नियुक्ति की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। शिक्षा निदेशालय आंदोलन स्थल बन गया है, जहां आए दिन नारे ही गूंज रहे हैं।
युवाओं का प्रदर्शन भले ही सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के सामने हो रहा है, लेकिन इसके मूल में शासन एवं आला अफसर ही हैं, जिनकी अलग राह एवं निर्णय में देरी से युवाओं को आंदोलन की राह पकड़नी पड़ रही है।
इन दिनों शिक्षकों की अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया चल रही है। जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (डायट) और बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय भर्तियों को निपटाने में जुटा है। इसीलिए प्रशिक्षु शिक्षकों का प्रमाणपत्र बांटने के लिए बीआरसी केंद्रों का सहारा लेना पड़ा। शिक्षक भर्ती में शिक्षा विभाग के ही कई अफसरों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई हैं। मसलन एससीईआरटी ने 72825 शिक्षकों की काउंसिलिंग करवाई तो सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रशिक्षु शिक्षकों की परीक्षा ली है। दूसरा चरण भी अगले महीने होना है। अब मौलिक नियुक्ति सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के यहां से होनी है।
हालत यह है कि अब तक शिक्षकों के सभी 72 हजार पदों पर नियुक्ति पूरी नहीं हो सकी हैं और न ही सचिव परीक्षा नियामक सभी की मूल्यांकन परीक्षा करा सकी है। इससे प्रशिक्षु परेशान हैं सारा ठीकरा सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के सिर फोड़ा जा रहा है, जबकि शासन से इस संबंध में उन्हें स्पष्ट आदेश भी नहीं मिल रहा है।
शिक्षा निदेशालय में मंगलवार को अवकाश होने बाद भी प्रशिक्षु शिक्षक लगातार दूसरे दिन भी कार्य बहिष्कार कर बेमियादी धरने पर बैठे रहे। उनका कहना है कि जब तक मांगे नहीं मानी जाती उनका आंदोलन जारी रहेगा। मंगलवार को टीईटी प्रशिक्षु शिक्षक संघ के सुजीत सिंह, शिव कुमार पाठक, सदानंद मिश्र, मो. अली, अवनीश यादव व जितेंद्र पाल आदि भी पहुंचे। निदेशालय में परिषद कार्यालय के सामने का पार्क प्रशिक्षुओं से पटा था, हालांकि वहां पुलिस बल तैनात रहा, लेकिन प्रशासनिक एवं अन्य अफसरों ने इनकी सुध नहीं ली।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
युवाओं का प्रदर्शन भले ही सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के सामने हो रहा है, लेकिन इसके मूल में शासन एवं आला अफसर ही हैं, जिनकी अलग राह एवं निर्णय में देरी से युवाओं को आंदोलन की राह पकड़नी पड़ रही है।
इन दिनों शिक्षकों की अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया चल रही है। जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (डायट) और बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय भर्तियों को निपटाने में जुटा है। इसीलिए प्रशिक्षु शिक्षकों का प्रमाणपत्र बांटने के लिए बीआरसी केंद्रों का सहारा लेना पड़ा। शिक्षक भर्ती में शिक्षा विभाग के ही कई अफसरों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई हैं। मसलन एससीईआरटी ने 72825 शिक्षकों की काउंसिलिंग करवाई तो सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रशिक्षु शिक्षकों की परीक्षा ली है। दूसरा चरण भी अगले महीने होना है। अब मौलिक नियुक्ति सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के यहां से होनी है।
हालत यह है कि अब तक शिक्षकों के सभी 72 हजार पदों पर नियुक्ति पूरी नहीं हो सकी हैं और न ही सचिव परीक्षा नियामक सभी की मूल्यांकन परीक्षा करा सकी है। इससे प्रशिक्षु परेशान हैं सारा ठीकरा सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के सिर फोड़ा जा रहा है, जबकि शासन से इस संबंध में उन्हें स्पष्ट आदेश भी नहीं मिल रहा है।
शिक्षा निदेशालय में मंगलवार को अवकाश होने बाद भी प्रशिक्षु शिक्षक लगातार दूसरे दिन भी कार्य बहिष्कार कर बेमियादी धरने पर बैठे रहे। उनका कहना है कि जब तक मांगे नहीं मानी जाती उनका आंदोलन जारी रहेगा। मंगलवार को टीईटी प्रशिक्षु शिक्षक संघ के सुजीत सिंह, शिव कुमार पाठक, सदानंद मिश्र, मो. अली, अवनीश यादव व जितेंद्र पाल आदि भी पहुंचे। निदेशालय में परिषद कार्यालय के सामने का पार्क प्रशिक्षुओं से पटा था, हालांकि वहां पुलिस बल तैनात रहा, लेकिन प्रशासनिक एवं अन्य अफसरों ने इनकी सुध नहीं ली।
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