1. सरकारी प्रयास- सफेदा प्रकरण पर सबसे पहले राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में हरकोली जी के सामने रखा था और जम कर पैरवी की थी, परन्तु सफेदा लगाने को मालप्रेक्टिस वर्ग में सिद्द नहीं कर पाई! हरकौली जी ने सरकार और कपिलदेव यादव के वकीलों की सारी दलीलों को सिरे से नकार दिया!
2. बूटा सिंह & काव्य शर्मा प्रयास- बूटा सिंह जिनकी पत्नी शिक्षामित्र से शिक्षक पद पर समायोजित हो गयी थी ने शिक्षामित्र नेता गाजी इमाम आला व सरकार से मिलकर, विधिक ज्ञान में मूर्ख काव्य शर्मा के साथ जुलाई में लखनऊ बेंच में सफेदा प्रकरण को पुनः उठाया! जज ने इनकी कुटिल चाल को भापते हुए इनकी रिट को रद्दी की टोकरी में डाल कर इनको भगा दिया!
3. संजीव मिश्रा- सितम्बर में पुनः संजीव मिश्रा सफेदा को लेकर सक्रीय होए और भोले-भाले को अपनी रिट में याचिकर्ता बनाने के नाम पर खूब धन उगाही की और लोगों को बताया कि अगर आप मेरी रिट में याचिकर्ता बनोगे तो रिट फाइनल होने पर कोर्ट तुम्हें विशेष रूप से नियुक्ति दे देगी!
फ़िलहाल परिणाम सबके सामने हैं, संजीव की रिट को सिंगल बेंच ने सफेदा आरोपी शोभित श्रीवास्तव व ब्रिजेश कुमार की ओएमआर 4 माह में जांच कर सरकार से जो उसे उचित लगे का आदेश देकर रिट निस्तारित/ख़ारिज कर दी हैं! अब संजीव मिश्रा का कोई भी केस कोर्ट में नहीं हैं तो फिर संजीव मिश्रा अपना अकाउंट जारी कर पब्लिक से चंदा क्यों मांग रहे हैं? क्यों भोले-भाले साथियों से लूट मचाये हैं! कोर्ट का आदेश आप स्वयं देखे, इसमें स्पष्ट लिखा हैं कि केस disposed ऑफ़ हो गया!
"Therefore, the writ petition is finally disposed of with the
direction to the respondent No. 1, Secretary, Basic
Education U.P. Lucknow, to enquire into the matter specially
with regard to newly impleaded respondents No. 6 and 7,
namely, Sobhit Srivasatava and Brijesh Kumar and examine
their OMR Sheets and if it transpires that they have indeed
used whitener or scored out their answer by use of blade or
otherwise, suitable action shall be taken by the Board."
फ़िलहाल परिणाम सबके सामने हैं, संजीव की रिट को सिंगल बेंच ने सफेदा आरोपी शोभित श्रीवास्तव व ब्रिजेश कुमार की ओएमआर 4 माह में जांच कर सरकार से जो उसे उचित लगे का आदेश देकर रिट निस्तारित/ख़ारिज कर दी हैं! अब संजीव मिश्रा का कोई भी केस कोर्ट में नहीं हैं तो फिर संजीव मिश्रा अपना अकाउंट जारी कर पब्लिक से चंदा क्यों मांग रहे हैं? क्यों भोले-भाले साथियों से लूट मचाये हैं! कोर्ट का आदेश आप स्वयं देखे, इसमें स्पष्ट लिखा हैं कि केस disposed ऑफ़ हो गया!
"Therefore, the writ petition is finally disposed of with the
direction to the respondent No. 1, Secretary, Basic
Education U.P. Lucknow, to enquire into the matter specially
with regard to newly impleaded respondents No. 6 and 7,
namely, Sobhit Srivasatava and Brijesh Kumar and examine
their OMR Sheets and if it transpires that they have indeed
used whitener or scored out their answer by use of blade or
otherwise, suitable action shall be taken by the Board."
4. आउल पांडे उर्फ़ राहुल पाण्डेय- यह एक नंबर का चूतिया प्रजाति का विलक्ष्ण प्राणी हैं! सबसे पहले इसने महिला वर्गीकरण के नाम पर लूट की और फेसबुक पर बकचोदी करता रहा! वर्गीकरण पर इसकी रिट उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक खारिज होती रही पर इसने लूट मचाने में कोई कमी नहीं की! इसी बीच यह कुछ चंद रुपये के लालच में शिक्षामित्रो से मिल गया और सरिता शुक्ला पत्नी विनय पाण्डेय (शिक्षामित्र) के नाम से कोर्ट में टेट २०११ परीक्षा को रद्द करने की मांग की हैं आदेश में देखे-
Petitioners are seeking quashing of the result dated 25.11.2011,30.11.2011 and 29.1.2015.
परन्तु कोर्ट ने इसकी और इसके वकील की विक्षिप्त मानसिकता को समझते हुए टेट २०११ परीक्षा पर कोई आंच नहीं आने दी! और सचिव को मात्र इतना आदेश किया देख लो अगर कोई बिना परीक्षा दिए फर्जी मार्कशीट बनवा लिया हो तो उसे बाहर कर दो! शायद ही ऐसा कोई हो! इसी आदेश के साथ रिट ख़ारिज कर दी गयी ! और अब कोर्ट में कुछ नहीं हैं, फिर भी लूट मचाये हुए हैं!
आदेश देखे -
This writ petition is therefore disposed of at the admission stage itself with the consent of learned counsel for the parties with a direction to the respondent no.1, Principal Secretary (Basic Education), Shiksha, U.P. Lucknow to scrutinize and examine all the OMR/Answer Sheets and also identify those cases where it has come on record that the result of even those candidates have been declared who have never appeared in the examinations. This exercise shall be completed within a period of four months from the date a certified copy of this order is received in his office.
Petitioners are seeking quashing of the result dated 25.11.2011,30.11.2011 and 29.1.2015.
परन्तु कोर्ट ने इसकी और इसके वकील की विक्षिप्त मानसिकता को समझते हुए टेट २०११ परीक्षा पर कोई आंच नहीं आने दी! और सचिव को मात्र इतना आदेश किया देख लो अगर कोई बिना परीक्षा दिए फर्जी मार्कशीट बनवा लिया हो तो उसे बाहर कर दो! शायद ही ऐसा कोई हो! इसी आदेश के साथ रिट ख़ारिज कर दी गयी ! और अब कोर्ट में कुछ नहीं हैं, फिर भी लूट मचाये हुए हैं!
आदेश देखे -
This writ petition is therefore disposed of at the admission stage itself with the consent of learned counsel for the parties with a direction to the respondent no.1, Principal Secretary (Basic Education), Shiksha, U.P. Lucknow to scrutinize and examine all the OMR/Answer Sheets and also identify those cases where it has come on record that the result of even those candidates have been declared who have never appeared in the examinations. This exercise shall be completed within a period of four months from the date a certified copy of this order is received in his office.
दोस्तों, आप लोग आदेश अवश्य देखा करे क्योंकि ये लोमड़ी लोग आप को मनगढ़ंत आदेश सुनाते रहते हैं और अकाउंट जारी कर लूट मचाते हैं! इन आदेशों का अब इस भर्ती में कोई महत्व नहीं रह गया हैं!
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