उत्तर प्रदेश प्राथमिक
शिक्षामित्र संघ के प्रांतीय अध्यक्ष माननीय गाज़ी इमाम आला जी ने वाराणसी और
मिर्ज़ापुर मंडल के ब्लॉक व् जिला पदाधिकारियों की आवश्यक समीक्षा बैठक यू आर सी
कबीरचौरा नगर निगम वाराणसी में ली।
समीक्षा बैठक के दौरान माननीय प्रांतीय अध्यक्ष जी ने उपस्थित लोगों को 12 सितम्बर को माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद से अब तक की स्थिति के विषय में विस्तार से अवगत कराया। माननीय प्रांतीय अध्यक्ष जी ने कहा कि सन् 2001 से ही उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ शिक्षामित्रों के मान सम्मान की लड़ाई लड़ रहा है। शिक्षामित्र खुद जानते हैं कि उनकी नियुक्ति मात्र 10 माह के लिये किन-किन शर्तों के अधीन हुई थी इसके बावजूद संगठन ने शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने का बेड़ा उठाया। पिछले 14 वर्षों में शिक्षामित्रों को शिक्षक बनने के दौरान संघ के पदाधिकारियों को न जाने कितनी लाठी खानी पड़ी और जेल जाना पड़ा और साथ में शिक्षामित्रों ने भी कुर्बानियां दी हैं। कहा कि सन् 2014 में शिक्षामित्रों को शिक्षक बना करसंघ ने अपना वादा (शिक्षामित्रों को शिक्षक)बनाने का पूरा किया। शिक्षामित्रों को शिक्षक बनने के दौरान संगठन को सन् 2008 से ही न्यायालय के भी चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जिसमें शिक्षामित्रों ने संगठन का साथ दिया और संगठन भी अपनी रण नीतिक संघर्ष की बदौलत शिक्षामित्रों का हक़ दिलाने में कामयाब रहा। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष माननीय गाज़ी इमाम आला जी ने बहुत खेद व्यक्त करते हुए कहा कि जब शिक्षामित्र शिक्षक बन गये तो संगठन के पदाधिकारी भी लापरवाह हो गये और शिक्षामित्र भी ढीले पड़ गए। संगठन को छोड कर ट्रान्सफर और एरियर के चक्कर में पड़ गए जिससे आज शिक्षामित्रों का इतना बड़ा नुक्सान हुआ है। माननीय अध्यक्ष जी ने कहा कि आज शिक्षामित्रों की लड़ाई एन सी टी ई और सुप्रीम कोर्ट में लड़नी है और इस नाजुक मौके पर शिक्षामित्रों को संगठन का भरपूर सहयोग करना चाहिये। जिले के सभी शिक्षामित्रों को गुमराह कर जो लोग संघ को छोड कर अकेले सुप्रीमकोर्ट में केस लड़ने की बात कर रहे हैं ऐसे लोगों को शिक्षामित्रों को सबक सिखाना चाहिए। संगठन पर विश्वास रखिये संगठन का सहयोग करिये आप शिक्षक थे शिक्षक हैं और शिक्षक रहेंगे। बैठक को प्रांतीय संगठन मंत्री श्रीराम दुवेदी जी ने संबोधित करते हुए कहा कि इस नाजुक घडी में शिक्षामित्र संगठन पर विश्वास कर सहयोग करें आप से आप का शिक्षक पद कोई नहीं छीन सकता।
समीक्षा बैठक के दौरान माननीय प्रांतीय अध्यक्ष जी ने उपस्थित लोगों को 12 सितम्बर को माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद से अब तक की स्थिति के विषय में विस्तार से अवगत कराया। माननीय प्रांतीय अध्यक्ष जी ने कहा कि सन् 2001 से ही उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ शिक्षामित्रों के मान सम्मान की लड़ाई लड़ रहा है। शिक्षामित्र खुद जानते हैं कि उनकी नियुक्ति मात्र 10 माह के लिये किन-किन शर्तों के अधीन हुई थी इसके बावजूद संगठन ने शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने का बेड़ा उठाया। पिछले 14 वर्षों में शिक्षामित्रों को शिक्षक बनने के दौरान संघ के पदाधिकारियों को न जाने कितनी लाठी खानी पड़ी और जेल जाना पड़ा और साथ में शिक्षामित्रों ने भी कुर्बानियां दी हैं। कहा कि सन् 2014 में शिक्षामित्रों को शिक्षक बना करसंघ ने अपना वादा (शिक्षामित्रों को शिक्षक)बनाने का पूरा किया। शिक्षामित्रों को शिक्षक बनने के दौरान संगठन को सन् 2008 से ही न्यायालय के भी चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जिसमें शिक्षामित्रों ने संगठन का साथ दिया और संगठन भी अपनी रण नीतिक संघर्ष की बदौलत शिक्षामित्रों का हक़ दिलाने में कामयाब रहा। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष माननीय गाज़ी इमाम आला जी ने बहुत खेद व्यक्त करते हुए कहा कि जब शिक्षामित्र शिक्षक बन गये तो संगठन के पदाधिकारी भी लापरवाह हो गये और शिक्षामित्र भी ढीले पड़ गए। संगठन को छोड कर ट्रान्सफर और एरियर के चक्कर में पड़ गए जिससे आज शिक्षामित्रों का इतना बड़ा नुक्सान हुआ है। माननीय अध्यक्ष जी ने कहा कि आज शिक्षामित्रों की लड़ाई एन सी टी ई और सुप्रीम कोर्ट में लड़नी है और इस नाजुक मौके पर शिक्षामित्रों को संगठन का भरपूर सहयोग करना चाहिये। जिले के सभी शिक्षामित्रों को गुमराह कर जो लोग संघ को छोड कर अकेले सुप्रीमकोर्ट में केस लड़ने की बात कर रहे हैं ऐसे लोगों को शिक्षामित्रों को सबक सिखाना चाहिए। संगठन पर विश्वास रखिये संगठन का सहयोग करिये आप शिक्षक थे शिक्षक हैं और शिक्षक रहेंगे। बैठक को प्रांतीय संगठन मंत्री श्रीराम दुवेदी जी ने संबोधित करते हुए कहा कि इस नाजुक घडी में शिक्षामित्र संगठन पर विश्वास कर सहयोग करें आप से आप का शिक्षक पद कोई नहीं छीन सकता।
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