तो क्या अब ये मान लिया जाये कि सरकार अब ये भर्ती २०१७ तक ले जायेगी। क्योंकि कटआफ निकालने के लिये तो कोर्ट तो रोका नही,,,, और सभी जिलों की सीट तो अभी भरी नहीं,,, मान लिया जाये क्राईटेरिया प्रभावित की सीटें ४५ सौ के आसपास हैं, तो उतनी सीटों को रोककर बाकी सीट भरने में क्या समस्या आ रही है???
तो हम बताते हैं समस्या क्या है?
१. प्रत्येक डायट वाले ये सोच रहे हैं कि पहले कोई दूसरा जिला कटआफ निकाले जिससे अधिक अंक वाले अभ्यर्थी वहाँ चले जायें, और कम अंक वाले उनके चहेतो को उनके जिले में ज्वाइनिंग दी जा सके, जिससे उनकी कमाई हो सके।
२. डायट स्टाफ ये नही चाह रहा है कि कई चहेते फर्जियों को, जिन्हें उन्होंने पूरी तरह वैध बनाकर भर्ती में शामिल कर लिया है उनकी पोल खुले या उन पर कोई आँच आयेे। यही कारण है कि बार-बार शासनादेश के बावजूद रिक्त एवं चयनित अभ्यर्थियों का डाटा एनआईसी का नहीं सौंपा जा रहा है।
३. ये भर्ती शुरू से शासन के विरोध में रही है, इसलिए शासन को भी इसमें कोई रुचि नहीं है।
४. अभी भी शासन कोर्ट से ये उम्मीद लगाकर बैठा है कि विज्ञापन २०११ रद्द हो जाये।
५. माननीय दीपक मिश्रा जी का बिना भर्ती की गहराई को समझे बार-बार हवाई अंतरिम आदेश देना, जिसका सरकार के द्वारा खूब फायदा उठाया जा रहा है।
६. चयनित अभ्यर्थियों का चयन हो जाने के बाद मतलबफरोश होने से, न तो उन्हें इस भर्ती में अब फर्जीवाड़ा दिख रहा है और न ही अचयनितों का दर्द।
७. सरकार ये चाहती है कि ये भर्ती विधानसभा चुनाव तक चले जिससे इस इस भर्ती का श्रेय उसे मिले।
८. सरकार के प्रिय शिक्षामित्रों को टीईटी अभ्यर्थियों द्वारा स्कूल से बाहर का रास्ता दिखाये जाने के कारण, शासन और उसके नुमाइंदों का इस भर्ती से जबर्दस्त खफा होना।
९. भर्ती का सुप्रीम कोर्टके निर्देशन में होने से शासन का १००% भृष्टाचार न कर पाना भी एक बहुत बड़ा कारण है।
१०. भर्ती के अंत में सक्रिय लोगों की संख्या नगण्य होने से भर्ती की गति में देरी का बहुत बड़ा कारण है और जो थोड़े बहुत सक्रिय लोग हैं भी तो वह भी कई मुद्दों की वजह से विभाजित हैं।
तो सभी अचयनित बस ऐसे ही इंतजार आपकी किस्मत बन चुका है।।
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
तो हम बताते हैं समस्या क्या है?
१. प्रत्येक डायट वाले ये सोच रहे हैं कि पहले कोई दूसरा जिला कटआफ निकाले जिससे अधिक अंक वाले अभ्यर्थी वहाँ चले जायें, और कम अंक वाले उनके चहेतो को उनके जिले में ज्वाइनिंग दी जा सके, जिससे उनकी कमाई हो सके।
२. डायट स्टाफ ये नही चाह रहा है कि कई चहेते फर्जियों को, जिन्हें उन्होंने पूरी तरह वैध बनाकर भर्ती में शामिल कर लिया है उनकी पोल खुले या उन पर कोई आँच आयेे। यही कारण है कि बार-बार शासनादेश के बावजूद रिक्त एवं चयनित अभ्यर्थियों का डाटा एनआईसी का नहीं सौंपा जा रहा है।
३. ये भर्ती शुरू से शासन के विरोध में रही है, इसलिए शासन को भी इसमें कोई रुचि नहीं है।
४. अभी भी शासन कोर्ट से ये उम्मीद लगाकर बैठा है कि विज्ञापन २०११ रद्द हो जाये।
५. माननीय दीपक मिश्रा जी का बिना भर्ती की गहराई को समझे बार-बार हवाई अंतरिम आदेश देना, जिसका सरकार के द्वारा खूब फायदा उठाया जा रहा है।
६. चयनित अभ्यर्थियों का चयन हो जाने के बाद मतलबफरोश होने से, न तो उन्हें इस भर्ती में अब फर्जीवाड़ा दिख रहा है और न ही अचयनितों का दर्द।
७. सरकार ये चाहती है कि ये भर्ती विधानसभा चुनाव तक चले जिससे इस इस भर्ती का श्रेय उसे मिले।
८. सरकार के प्रिय शिक्षामित्रों को टीईटी अभ्यर्थियों द्वारा स्कूल से बाहर का रास्ता दिखाये जाने के कारण, शासन और उसके नुमाइंदों का इस भर्ती से जबर्दस्त खफा होना।
९. भर्ती का सुप्रीम कोर्टके निर्देशन में होने से शासन का १००% भृष्टाचार न कर पाना भी एक बहुत बड़ा कारण है।
१०. भर्ती के अंत में सक्रिय लोगों की संख्या नगण्य होने से भर्ती की गति में देरी का बहुत बड़ा कारण है और जो थोड़े बहुत सक्रिय लोग हैं भी तो वह भी कई मुद्दों की वजह से विभाजित हैं।
तो सभी अचयनित बस ऐसे ही इंतजार आपकी किस्मत बन चुका है।।
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