लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शिक्षा
मित्रों के लिए राहत की खबर है। एनसीटीई की अनुमति से दूरस्थ शिक्षा माध्यम
में प्रशिक्षण पा चुके उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों को हाईकोर्ट ने बड़ी
राहत देते हुए कहा है कि ऐसे शिक्षामित्र शिक्षक भर्ती की काउंसलिंग में
शामिल हो सकते हैं जिन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा है कि काउंसलिंग का परिणाम बिना कोर्ट की अनुमति के घोषित नहीं किया जाएगा। यह फैसला संभल जिले के मुजम्मी हुसैन और दो अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने सभी पक्षकारों से इस मामले में जवाब भी मांगा है।
इस मामले में याचीगण का कहना था कि वे लोग शिक्षामित्र के तौर पर काम कर रहे थे और इसी दौरान एनसीटीई की अनुमति से बीटीसी कोर्स दूरस्थ शिक्षा माध्यम से पूरा किया है।
संभल जिले के मुजम्मी हुसैन और दो अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने सभी पक्षकारों से इस मामले में जवाब भी मांगा है।
याचीगण का कहना था कि वह लोग शिक्षामित्र के तौर पर काम कर रहे थे और इसी दौरान एनसीटीई की अनुमति से बीटीसी कोर्स दूरस्थ शिक्षा माध्यम से पूरा किया है। इसमें कहा गया कि आनंद कुमार यादव केस में हाईकोर्ट की पूर्णपीठ के निर्णय का उन पर प्रभाव नहीं पड़ेगा, जिन्होंने एनसीटीई की अनुमति लेकर अध्यापक बनने की न्यूनतम अर्हता पूरी कर ली है।
इसके बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारीगण और संबंधित बीएसए प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक की काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।
कोर्ट ने प्रथम दृष्टया मांग को सही मानते हुए याचीगण को सहायक अध्यापक भर्ती की काउंसिलिंग में शामिल करने का आदेश दिया है मगर इसका परिणाम कोर्ट की अनुमति के बिना जारी नहीं करने को कहा है।
संबंधित पक्षकारों को छह सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करना है।
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा है कि काउंसलिंग का परिणाम बिना कोर्ट की अनुमति के घोषित नहीं किया जाएगा। यह फैसला संभल जिले के मुजम्मी हुसैन और दो अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने सभी पक्षकारों से इस मामले में जवाब भी मांगा है।
इस मामले में याचीगण का कहना था कि वे लोग शिक्षामित्र के तौर पर काम कर रहे थे और इसी दौरान एनसीटीई की अनुमति से बीटीसी कोर्स दूरस्थ शिक्षा माध्यम से पूरा किया है।
संभल जिले के मुजम्मी हुसैन और दो अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने सभी पक्षकारों से इस मामले में जवाब भी मांगा है।
याचीगण का कहना था कि वह लोग शिक्षामित्र के तौर पर काम कर रहे थे और इसी दौरान एनसीटीई की अनुमति से बीटीसी कोर्स दूरस्थ शिक्षा माध्यम से पूरा किया है। इसमें कहा गया कि आनंद कुमार यादव केस में हाईकोर्ट की पूर्णपीठ के निर्णय का उन पर प्रभाव नहीं पड़ेगा, जिन्होंने एनसीटीई की अनुमति लेकर अध्यापक बनने की न्यूनतम अर्हता पूरी कर ली है।
इसके बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारीगण और संबंधित बीएसए प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक की काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।
कोर्ट ने प्रथम दृष्टया मांग को सही मानते हुए याचीगण को सहायक अध्यापक भर्ती की काउंसिलिंग में शामिल करने का आदेश दिया है मगर इसका परिणाम कोर्ट की अनुमति के बिना जारी नहीं करने को कहा है।
संबंधित पक्षकारों को छह सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करना है।
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