नई दिल्ली : देश की नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार हो गया है। मसौदा समिति
के प्रमुख और पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रण्यम ने कहा है कि अब वह इसे
मानव संसाधन विकास मंत्रलय को सौंपने वाले हैं।
शिक्षा तंत्र की बदलती जरूरतों के अनुरूप सरकारी नीति को नई शक्ल देने के इरादे से इसे तैयार किया गया है। सुब्रण्यम ने ‘दैनिक जागरण’ को बताया कि विमर्श की व्यापक प्रक्रिया के बाद यह मसौदा अब पूरी तरह से तैयार है। अब इसे मंत्रलय को सौंपा जाना है।
उम्मीद है कि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के साथ उनकी मुलाकात अगले दो-चार दिनों के अंदर ही हो जाएगी। मसौदा मिलने के बाद मंत्रलय इस पर विचार करेगा और अंतिम शिक्षा नीति की घोषणा की जाएगी।
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यह मसौदा तय करने के लिए समिति ने विभिन्न राज्यों के साथ ही बहुत बड़ी संख्या में विशेषज्ञों और शिक्षा से संबद्ध लोगों से मशविरा किया है। इसके लिए राज्यों को उत्तर, पश्चिम, दक्षिण, उत्तर-पूर्व, मध्य और पूर्व जोन में बांटकर अलग-अलग बैठकें बुलाई गईं। पिछले साल अक्तूबर में मसौदा समिति गठित किए जाने से पहले भी देशभर में ढाई लाख ग्राम पंचायतों से लेकर ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर सुझाव लिए गए थे। इसी तरह आनलाइन सुझाव भी मंगवाए गए थे। पिछले साल अगस्त में राज्यों के साथ हुई केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की बैठक में भी इस पर चर्चा की गई थी। इस पूरी प्रक्रिया के बाद मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए इस समिति का गठन किया गया था। समिति में सुब्रण्यम के अलावा दिल्ली की पूर्व मुख्य सचिव शैलजा चंद्रा, दिल्ली के पूर्व गृह सचिव सेवाराम शर्मा, गुजरात के पूर्व मुख्य सचिव सुधीर मनकड़ और एनसीईआरटी के पूर्व निदेश जेएस राजपूत भी शामिल हैं।
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शिक्षा तंत्र की बदलती जरूरतों के अनुरूप सरकारी नीति को नई शक्ल देने के इरादे से इसे तैयार किया गया है। सुब्रण्यम ने ‘दैनिक जागरण’ को बताया कि विमर्श की व्यापक प्रक्रिया के बाद यह मसौदा अब पूरी तरह से तैयार है। अब इसे मंत्रलय को सौंपा जाना है।
उम्मीद है कि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के साथ उनकी मुलाकात अगले दो-चार दिनों के अंदर ही हो जाएगी। मसौदा मिलने के बाद मंत्रलय इस पर विचार करेगा और अंतिम शिक्षा नीति की घोषणा की जाएगी।
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यह मसौदा तय करने के लिए समिति ने विभिन्न राज्यों के साथ ही बहुत बड़ी संख्या में विशेषज्ञों और शिक्षा से संबद्ध लोगों से मशविरा किया है। इसके लिए राज्यों को उत्तर, पश्चिम, दक्षिण, उत्तर-पूर्व, मध्य और पूर्व जोन में बांटकर अलग-अलग बैठकें बुलाई गईं। पिछले साल अक्तूबर में मसौदा समिति गठित किए जाने से पहले भी देशभर में ढाई लाख ग्राम पंचायतों से लेकर ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर सुझाव लिए गए थे। इसी तरह आनलाइन सुझाव भी मंगवाए गए थे। पिछले साल अगस्त में राज्यों के साथ हुई केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की बैठक में भी इस पर चर्चा की गई थी। इस पूरी प्रक्रिया के बाद मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए इस समिति का गठन किया गया था। समिति में सुब्रण्यम के अलावा दिल्ली की पूर्व मुख्य सचिव शैलजा चंद्रा, दिल्ली के पूर्व गृह सचिव सेवाराम शर्मा, गुजरात के पूर्व मुख्य सचिव सुधीर मनकड़ और एनसीईआरटी के पूर्व निदेश जेएस राजपूत भी शामिल हैं।
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