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मिड-डे मील की थाली और स्कूल दोनों खाली : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

- केंद्र ने यूपी के सूखाग्रस्त 50 जिलों में दिया एमडीएम बांटने का निर्देश - 30 जून बंटने का है निर्देश, लेकिन बच्चे स्कूल पहुंचे न मिड-डे मील ही बंटा
केस-1 : सुबह 10:25 बजे। पूर्व माध्यमिक विद्यालय जवाहर नगर में विद्यालय इंचार्ज अजरा खातून ने स्कूल का ताला खोला।
स्कूल में एक भी छात्र नहीं मिला, तो उन्होंने पड़ोस में रहने वाले एक बच्चे को बुलाया, लेकिन मिड-डे-मील न मिलने पर वह बच्चा भी खाली हाथ चला गया।
केस-2 : सुबह 10:40 बजे। प्राथमिक विद्यालय रिवर बैंक कॉलोनी में प्रिंसिपल सुबह 9 बजे से इंतजार करते रहे। न बच्चे पहुंचे और न ही मिड-डे मील। प्रिंसिपल इजहार हुसैन ने बताया कि स्कूल में 90 बच्चे पंजीकृत हैं। गर्मी की छुट्टियों में सब अपने घरों के काम में व्यस्त रहते हैं।

केस-3. सुबह 10:55 बजे। प्राथमिक विद्यालय वजीरगंज-1 में एक टीचर निगहत जहरा मिलीं। टीचर ने बताया विद्यालय में 83 बच्चे रजिस्टर्ड हैं, लेकिन मिड-डे-मील लेने एक भी बच्चा नहीं आया। यहां बच्चे आते भी हैं, तो खाना नहीं खाते हैं। स्कूल में मिड-डे-मील ऐसे ही पड़ा रहा।
केस-4 : सुबह 11 बजे। प्राथमिक विद्यालय वजीरगंज-2 में प्रिंसिपल रजिया सुल्ताना अकेले बैठीं मिलीं। उन्होंने बताया कि स्कूल में 64 बच्चे रजिस्टर्ड हैं। उन्होंने बताया कि सुबह 9:40 संस्था वाले मिड-डे-मील लेकर आए थे। जब काफी देर तक बच्चे नहीं मिले तो वे वापस लौट गए।
अख्तर फात्मा, लखनऊ
प्राथमिक स्कूलों में जब बच्चे मौजूद होते हैं तो अक्सर उन्हें मिड-डे-मील नहीं मिलता है। अब जब स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां हो चुकी हैं तो खाली स्कूलों में मिड-डे-मील बांटा जा रहा है। बुधवार को जब एनबीटी की टीम ने शहर के पांच सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया तो यहां स्कूलों में बच्चे मिले न मिड-डे-मील। जो स्कूल खुले हुए थे वहां टीचर बैठे बच्चों के आने का इंतजार कर रहे थे। जब बच्चे नहीं आए तो संस्था ने भी मिड-डे-मील नहीं बांटा। टीचर्स के मुताबिक स्कूलों में 16 मई से छुट्टी हो चुकी है। पहले उन्हें मिड-डे-मील के बारे बताया नहीं गया। इसकी वजह से बच्चों को भी कोई सूचना नहीं दी जा सकी। ऐसे में बच्चे कहां से आएंगे।
13 हजार बच्चों का खाना बर्बाद
राजधानी के स्कूलों में मिड-डे-मील बांटने वाली संस्था अक्षयपात्र के सुनील मेहता ने बताया कि स्कूलों में बच्चों के न आने से काफी भोजन बर्बाद हुआ। सुनील ने बताया कि आम दिनों में राजधानी के करीब एक लाख बच्चों का भोजन बनता है। गर्मी की छुट्टियों की वजह से बुधवार को 13 हजार बच्चों के हिसाब से भोजन पकाया गया था। सुनील मेहता के मुताबिक बुधवार को स्कूलों में मिले सिर्फ 250 बच्चों को मिड-डे-मील बांटा गया। बाकी सारा भोजन बर्बाद हो गया। उन्होंने बताया कि अगर एक-दो दिन में अगर बच्चों की संख्या नहीं बढ़ी तो इस बारे में जिला प्रशासन से बात की जाएगी।
शिक्षक संघ ने जताया विरोध
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने गर्मी की छुट्टी में एमडीएम बांटने का विरोध जताया है। उनका कहना है कि टीचर्स को 40 दिन की छुट्टी मिलती है। इसमें भी शिक्षकों को एमडीएम के लिए स्कूल बुलाना पूरी तरह से गलत है। विनय कुमार सिंह ने बताया कि प्राथमिक शिक्षक संघ के सभी सदस्य सरकार के इस निर्णय का विरोध करेंगे। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने छुट्टी में एमडीएम बांटने के विरोध में एडीएम प्रशासन राजेश पांडेय को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देते समय संघ के जिलाध्यक्ष सुधांशु मोहन, मंत्री वीरेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष फहीम बेग सहित सभी ब्लॉक के अध्यक्ष, मंत्री सहित शिक्षिक-शिक्षिकाएं मौजूद थे।
यह है आदेश
भारत सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक उत्तर प्रदेश के 50 सूखाग्रस्त जिलों में सरकारी स्कूलों और अनुदानित मदरसों में 21 मई से 30 जून सुबह 9 बजे से 11 बजे के बीच मिड-डे-मील बांटा जाना है। बीएसए के मुताबिक बुधवार को 2,029 स्कूलों में एमडीएम बंटना था। हालांकि छात्रों और शिक्षकों की अनुपस्थिति की वजह से सिर्फ 100 स्कूलों में ही भोजन बांटा गया।
जिले के दो हजार स्कूलों में गर्मी की छुट्टियों में मिड डे मील बंटना था। इनमें 21 मदरसे भी शामिल थे। हालांकि ज्यादातर स्कूलों में बच्चे नहीं पहुंचे, जिसकी वजह से भोजन नहीं बांटा जा सका। - प्रवीण मणि त्रिपाठी, बीएसए
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