उन्नाव, जागरण संवाददाता: मंगलवार की दोपहर बीटीसी डिग्री धारकों को
गुरुजी का तमगा मिला तो खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। कई बार विभागीय दांव
पेंच में फंसी ज्वाईनिंग शाम होते ही एक बार फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट के
फैसले के चलते रोक दी गई।
जिससे कुछ घंटे पहले ही सरकारी शिक्षक बने बीटीसी अभ्यर्थियों में ऊहापोह के हालात बन गए और हर कोई कोर्ट के फैसले को जानने को बेताब हो गया। अब हर किसी की नजर 27 अगस्त के फैसले पर जाकर टिकी है।
जनपद के 300 सहायक शिक्षक के पद पर बीटीसी डिग्री धारकों की सोमवार को बीएसए ने काउंस¨लग कराई। काउंस¨लग प्रक्रिया का हिस्सा बनते ही अभ्यर्थी सहायक शिक्षक बनने की सभी मुश्किलें पार करने की सोंच खुशी से झूम उठे थे, हो भी क्यों न कई सालों से ज्वाईनिंग प्रक्रिया विभागीय दांव पेंच में फंस कर ठिठक जा रही थी। लंबे इंतजार के बाद काउंस¨लग हुई और मंगलवार की शाम बीएसए कौस्तुभ कुमार ¨सह ने नियुक्ति पत्र जारी कर शिक्षकों को स्कूल भी चिह्नित कर दिए। शिक्षक नियुक्ति पत्र लेकर घर पहुंच खुशी का जश्न मनाने की तैयारी भी न कर पाए थे कि कोर्ट ने झटका दे दिया। बताते चलें कि डीएड डिग्री धारकों ने भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के फर्जी अभिलेख होने की रिट दायर की थी। जिस पर मंगलवार को कोर्ट ने सुनवाई की और राज्य सरकार को मामले की जांच के निर्देश दिए। साथ ही जांच पूरी न होने तक नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। इसके अलावा मामले की सुनवाई की तारीख कोर्ट ने 27 अगस्त को दी है। कोर्ट का फैसला सोशल मीडिया में वायरल होते ही सहायक शिक्षक बने शिक्षकों में मायूसी छा गई। जिसके बाद शिक्षक बीएसए आफिस पहुंच फैसले की जानकारी लेते रहे लेकिन जिम्मेदार लिखा पढ़ी में कोई निर्देश न आने की बात कह सटीक जानकारी देने में असमर्थता जता रहे थे। वहीं बीएसए कौस्तुभ कुमार ¨सह के अनुसार उन्हें लिखित में कोई आदेश नहीं मिला है, जो भी निर्देश होंगे उसके तहत काम किया जाएगा।
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जिससे कुछ घंटे पहले ही सरकारी शिक्षक बने बीटीसी अभ्यर्थियों में ऊहापोह के हालात बन गए और हर कोई कोर्ट के फैसले को जानने को बेताब हो गया। अब हर किसी की नजर 27 अगस्त के फैसले पर जाकर टिकी है।
जनपद के 300 सहायक शिक्षक के पद पर बीटीसी डिग्री धारकों की सोमवार को बीएसए ने काउंस¨लग कराई। काउंस¨लग प्रक्रिया का हिस्सा बनते ही अभ्यर्थी सहायक शिक्षक बनने की सभी मुश्किलें पार करने की सोंच खुशी से झूम उठे थे, हो भी क्यों न कई सालों से ज्वाईनिंग प्रक्रिया विभागीय दांव पेंच में फंस कर ठिठक जा रही थी। लंबे इंतजार के बाद काउंस¨लग हुई और मंगलवार की शाम बीएसए कौस्तुभ कुमार ¨सह ने नियुक्ति पत्र जारी कर शिक्षकों को स्कूल भी चिह्नित कर दिए। शिक्षक नियुक्ति पत्र लेकर घर पहुंच खुशी का जश्न मनाने की तैयारी भी न कर पाए थे कि कोर्ट ने झटका दे दिया। बताते चलें कि डीएड डिग्री धारकों ने भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के फर्जी अभिलेख होने की रिट दायर की थी। जिस पर मंगलवार को कोर्ट ने सुनवाई की और राज्य सरकार को मामले की जांच के निर्देश दिए। साथ ही जांच पूरी न होने तक नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। इसके अलावा मामले की सुनवाई की तारीख कोर्ट ने 27 अगस्त को दी है। कोर्ट का फैसला सोशल मीडिया में वायरल होते ही सहायक शिक्षक बने शिक्षकों में मायूसी छा गई। जिसके बाद शिक्षक बीएसए आफिस पहुंच फैसले की जानकारी लेते रहे लेकिन जिम्मेदार लिखा पढ़ी में कोई निर्देश न आने की बात कह सटीक जानकारी देने में असमर्थता जता रहे थे। वहीं बीएसए कौस्तुभ कुमार ¨सह के अनुसार उन्हें लिखित में कोई आदेश नहीं मिला है, जो भी निर्देश होंगे उसके तहत काम किया जाएगा।
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