राज्यकर्मियों - शिक्षकों ने सपा सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, किया प्रदर्शन : क्या हैं मांगें

वाराणसी. पुरानी पेंशन योजना लागू करने सहित सात सूत्री मांग को लेकर राज्यकर्मियों और शिक्षकों ने गुरुवार को वाराणसी सहित प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों पर दिया धरना, किया प्रदर्शन।
दी चेतावनी मांग पूरी न हुई तो नौ को लखनऊ में होगी प्रदेश व्यापी रैली और वहीं घोषित होगी भावी रणनीति।
क्या हैं मांगें

पुरानी पारिभाषित पेंशन व्यवस्था लागू की जाए तथा 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों व शिक्षकों को राष्ट्रीय पेंशन स्कीम से अलग गिया जाए

केंद्र सरकार की दर पर मकान किराया भत्ता, परिवहन भत्ता, संतान शिक्षा भत्ता व अन्य भत्ते दिए जाएं

स्थाई प्रकृति की सेवाओं के पदों पर नियुक्त संविदा, आउट सोर्सिंग, तदर्थ, मानदेय, दैनिक वेतनभोगी तथा कार्य प्रभारित रूप से नियुक्त कर्मचारियो को नियमित किया जाए। नियमित किए गए कर्मचारियों व शिक्षकों की सेवाओं को जोड़ते हुए उन्हें पारिभाषित पेंशन लाभ दिया जाए

वेतन विसंगतियों के प्रकरण पर विभागों द्वारा पूर्ण औचित्य दिए जाने के बावजूद विसंगतियों का निराकरण नहीं किया जा रहा बल्कि इसे निरस्त किया जा रहाष विसंगतियों पर कर्मचारी शिक्षक संगठनों को उच्च स्तर पर वार्ता के बाद उसे दूर किया जाए

कार्य दायित्व की समानताओं के दृष्टिगत सचिवालयेत्तर कर्मचारियों को सचिवालय के समक्ष वेतनमान स्वीकृत किया जाए।

गंभीर बीमारियों के निःशुल्क (कैशलेश सुविधा) उपचार के लिए राज्य सचिवालय कर्मियों की भांति अन्य को भी सुविधा बहाल हो

चतुर्थ श्रेणी पदों पर तत्काल नियमित नियुक्ति हो।

ये थे शामिल

इस मौके पर पूर्व शिक्षक विधायक डॉ प्रमोद कुमार मिश्र, संतोष कुमार सिंह, कैलाश नाथ यादव, माया शंकर यादव, विजय प्रताप सिंह, अनिल श्रीवास्तव, गणेश दत्त शास्त्री, लवकुमार सिंह, राजेश पांडेय, पीसी गुप्ता, मदन कुमार शुक्ल, अशोक सिंह, बृजेश सिंह, गीतांजलि, प्रभुनाथ तिवारी, दिनेश श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।
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