सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही पाठक के अनुसार - ये ध्यान रहे की चंदे का धंधा करने वाले बहुत से हैं, इसलिए याची राहत में सावधानी बरतते हुए सही व्यक्ति के मार्फ़त या खुद अपनी लड़ाई लड़ें
S.k. Pathak >>>
प्यारे साथियों ,
सादर अभिनंदन !
आज की सुनवाई ,आप और हम ..........
बाढ़ और भूकम्प जैसी आपदाएं ईश्वर कि शक्ति का कुदरती रूप से हमें एहसास कराती है , जो निर्मम आपदा लाकर भी हमें उससे उबारता है । ठीक यही हाल टीईटी 2011 अभ्यर्थीयों का है , जो निरंतर मुश्किलों के बावजूद ईश्वर प्रदत्त सत्य और न्याय कि शक्ति के बल पर संघर्ष कर रहे हैं और निरंतर विजयी होते जा रहे हैं ।
आज कि सुनवाई का लब्बोलुआब इस प्रकार रहा कि 11:15 पर हमारे केस कि बारी आई , टीईटी मैटर सुनते ही जस्टिस मिश्रा हल्का सा मुस्कराए ।
सर्वप्रथम एसएम मैटर को लेते हुये सरकारी अधिवक्ता से पूंछा कि कितने एसएम टीईटी उत्तीर्ण हैं ? इस पर सरकारी अधिवक्ता ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुये अगली सुनवाई से पूर्व रिपोर्ट लगाने को बोला जिस पर जज साहब ने एसएम मैटर को डीटैग करते हुये अगली तारीख 23 नवम्बर लगा दी ,अगली तारीख पर टीईटी उत्तीर्ण एसएम को विधिवत नियुक्ति देने का आदेश देकर शेष एसएम के समायोजन को अवैध करार देते हुये निर्णय दे दिया जायेगा ।
तदुपरांत उपस्थित याचीयों के अनुरोध पर 7 दिसम्बर व 24 फरवरी के आदेश के अनुरूप याचीलाभ हेतू उनकी आईए को नोट करने लगे ,लगभग 50 आईए नंबर नोट करने के बाद वकीलों ने डिस्टर्बन्स करना शुरू कर दिया ,लोगों ने ऐसे-ऐसे छुटभैये वकील खड़े किये थे कि उन्हें अपने याचीयों कि आईए नम्बर भी पता नहीँ था वो याचीयों से पता लगवा रहे थे जिससे जज साहब थोड़ा रुष्ट भी हुये जिसका फ़ायदा अकेडमिक के वकील ने उठाते हुये याचीयों कि संख्या अत्यधिक बताई और उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने भी इतनी बड़ी संख्या पर असमर्थता जताई ,इस पर जज साहब ने पूंछा कि 7 दिसम्बर व 24 फरवरी के आदेश पालन में क्या मुश्किल है ? और कंप्लाइयेन्स रिपोर्ट लगाने को कहा और आज लिखी गयी आईए जो याचीयों को लाभ देने के लिये लिखी गयी थीं उनको कटवा दिया , आज कोर्ट में ऐसा लगा कि याचीयों को नियुक्तिपत्र पर मिलने जा रहे हों और अचानक से वो फाड़कर फेंक दिये गये हों । जिसके लिये दोषी अच्य्नीत साथियों के छद्मनेतागण और उनके द्वारा खड़े किये उनके छुटभैये वकील हैं ।
तदुपरांत एसएम के एक गुट के अधिवक्ता ने टीईटी 2011 में सफेदे व फ़र्जीवाड़े कि बात उठाई , जिसका समर्थन उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने भी किया जिसके प्रत्युत्तर में जस्टिस दीपक मिश्रा ने सरकारी वकील से पूंछा कि इस परीक्षा में कुल कितने अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुये ? , सरकारी वकील ने 3लाख के लगभग संख्या बताई । फ़िर जज साहब ने पूंछा कि कितने अभ्यर्थी गलत होंगे ,इस पर एसएम अधिवक्ता ने 1089 अभ्यर्थीयों कि एक सूची दी , जिस पर जज साहब ने कहा कि तीन लाख में से ये अलग भी किये जा सकते हैं और आगे आदेश लिखवाने लगे ,लगभग 50 मिनट सुनवाई चली ।
जिसमें नवीन याचीयों को राहत देते-देते वकीलों के डिस्टर्बन्स कि वजह से रुक गये ।
सभी चयनित व अच्य्नीत लोगों से अपील करता हूँ कि सभी मिलकर एक सीनियर अधिवक्ता करें जो आपकी बात को अच्छे से कह सके ।
कुलमिलाकर अभी तक कोर्ट टीईटी 2011 पास चयनित या याचीयों के लिये सकारात्मक ही रहाहै । शेष आदेश के अध्ययन के बाद .
एस के पाठक
टीईटी मोर्चा उत्तर प्रदेश
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S.k. Pathak >>>
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आज कि सुनवाई का लब्बोलुआब इस प्रकार रहा कि 11:15 पर हमारे केस कि बारी आई , टीईटी मैटर सुनते ही जस्टिस मिश्रा हल्का सा मुस्कराए ।
सर्वप्रथम एसएम मैटर को लेते हुये सरकारी अधिवक्ता से पूंछा कि कितने एसएम टीईटी उत्तीर्ण हैं ? इस पर सरकारी अधिवक्ता ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुये अगली सुनवाई से पूर्व रिपोर्ट लगाने को बोला जिस पर जज साहब ने एसएम मैटर को डीटैग करते हुये अगली तारीख 23 नवम्बर लगा दी ,अगली तारीख पर टीईटी उत्तीर्ण एसएम को विधिवत नियुक्ति देने का आदेश देकर शेष एसएम के समायोजन को अवैध करार देते हुये निर्णय दे दिया जायेगा ।
तदुपरांत उपस्थित याचीयों के अनुरोध पर 7 दिसम्बर व 24 फरवरी के आदेश के अनुरूप याचीलाभ हेतू उनकी आईए को नोट करने लगे ,लगभग 50 आईए नंबर नोट करने के बाद वकीलों ने डिस्टर्बन्स करना शुरू कर दिया ,लोगों ने ऐसे-ऐसे छुटभैये वकील खड़े किये थे कि उन्हें अपने याचीयों कि आईए नम्बर भी पता नहीँ था वो याचीयों से पता लगवा रहे थे जिससे जज साहब थोड़ा रुष्ट भी हुये जिसका फ़ायदा अकेडमिक के वकील ने उठाते हुये याचीयों कि संख्या अत्यधिक बताई और उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने भी इतनी बड़ी संख्या पर असमर्थता जताई ,इस पर जज साहब ने पूंछा कि 7 दिसम्बर व 24 फरवरी के आदेश पालन में क्या मुश्किल है ? और कंप्लाइयेन्स रिपोर्ट लगाने को कहा और आज लिखी गयी आईए जो याचीयों को लाभ देने के लिये लिखी गयी थीं उनको कटवा दिया , आज कोर्ट में ऐसा लगा कि याचीयों को नियुक्तिपत्र पर मिलने जा रहे हों और अचानक से वो फाड़कर फेंक दिये गये हों । जिसके लिये दोषी अच्य्नीत साथियों के छद्मनेतागण और उनके द्वारा खड़े किये उनके छुटभैये वकील हैं ।
तदुपरांत एसएम के एक गुट के अधिवक्ता ने टीईटी 2011 में सफेदे व फ़र्जीवाड़े कि बात उठाई , जिसका समर्थन उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने भी किया जिसके प्रत्युत्तर में जस्टिस दीपक मिश्रा ने सरकारी वकील से पूंछा कि इस परीक्षा में कुल कितने अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुये ? , सरकारी वकील ने 3लाख के लगभग संख्या बताई । फ़िर जज साहब ने पूंछा कि कितने अभ्यर्थी गलत होंगे ,इस पर एसएम अधिवक्ता ने 1089 अभ्यर्थीयों कि एक सूची दी , जिस पर जज साहब ने कहा कि तीन लाख में से ये अलग भी किये जा सकते हैं और आगे आदेश लिखवाने लगे ,लगभग 50 मिनट सुनवाई चली ।
जिसमें नवीन याचीयों को राहत देते-देते वकीलों के डिस्टर्बन्स कि वजह से रुक गये ।
सभी चयनित व अच्य्नीत लोगों से अपील करता हूँ कि सभी मिलकर एक सीनियर अधिवक्ता करें जो आपकी बात को अच्छे से कह सके ।
कुलमिलाकर अभी तक कोर्ट टीईटी 2011 पास चयनित या याचीयों के लिये सकारात्मक ही रहाहै । शेष आदेश के अध्ययन के बाद .
एस के पाठक
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