UPPSC: पीसीएस-प्री में गलत सवालों का मुद्दा सीएम दरबार में, माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड में अनियमितताओं पर भी ज्ञापन

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-2016 की मुख्य परीक्षा शुरू भले ही करा दी है लेकिन छात्रों की विरोध अभी जारी है। छात्रों ने ज्ञापन भेजकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समक्ष यह मुद्दा रखा है। साथ ही
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और आयोग के कुछ सदस्यों की अयोग्यता का मामला भी उठाया है।
प्रतियोगी अक्टूबर में मुख्यमंत्री से मुलाकात करके उनसे इस संबंध में कदम उठाने का फिर अनुरोध करेंगे। 1उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस-प्री परीक्षा में पूछे गए 12 सवालों पर छात्रों को आपत्ति है और उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल कर रखी है।
उनकी मांग थी कि विवाद का निपटारा कराने के बाद ही मुख्य परीक्षा कराई जाए लेकिन आयोग ने इसे नकार दिया। छात्रों ने इसके खिलाफ आमरण अनशन भी शुरू किया था लेकिन वरिष्ठ पत्रकार रतन दीक्षित के इस आश्वासन पर कि मुख्यमंत्री के समक्ष यह मुद्दा रखा जाएगा, अनशन समाप्त कर दिया गया। 1गत दिवस प्रतियोगी छात्रों ने मुख्यमंत्री को परीक्षा संबंधी ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार आलोक रंजन से मिलकर उन्हें भी पूरे मामले से अवगत कराया। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय के अनुसार मुख्यमंत्री से सीसैट प्रभावित छात्रों को अतिरिक्त अवसर देने की मांग भी की गई है। इसके लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग दो बार प्रस्ताव भी भेज चुका है। इसके अलावा विगत वर्षो में परीक्षाओं में हुई धांधली की जांच की मांग भी की गई है।

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