आगरा: जहां हाथ डाला वहीं निकला घोटाला। निश्शुल्क आइएएस-पीसीएस कोचिंग
के नाम पर जमकर गड़बड़ी हुईं। हर अधिकारी ने कमाई खूब की, तो अभ्यर्थियों का
समय खराब हुआ।
यही वजह है कि सात साल में कोचिंग पर 2.80 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद सिर्फ एक अभ्यर्थी ने आइएएस प्री और 11 ने पीसीएस-प्री की परीक्षा पास की।
प्रदेश सरकार की ओर से खंदारी में सात साल पूर्व कोचिंग सेंटर खोला गया। पहले सत्र में 60 अभ्यर्थियों ने कोचिंग में प्रवेश लिया। पढ़ाने की जिम्मेदारी सेंटर फॉर एम्बिशन को दी गई। पहले साल एक छात्र ने लोअर सब ऑर्डिनेट प्री परीक्षा पास की। वर्ष 2012-13 में पढ़ाई का जिम्मा करियर एवेन्यू एजूकेशनल सोसायटी को दिया गया, लेकिन एक भी अभ्यर्थी ने आइएएस-प्री क्वालीफाई नहीं किया। वर्ष 2013-14 और 2014-15 में व्यवस्था बदल दी गई।
सपा सरकार में राम मनोहर लोहिया शिक्षा समिति को इसकी व्यवस्था सौंप दी, जिसने यहां शिक्षक तैनात किए। वर्ष 2014-15 में पहली बार एक अभ्यर्थी ने आइएएस-प्री की परीक्षा पास की। सात साल में कुल 1027 अभ्यर्थियों ने कोचिंग से तैयारी की, जिसमें एक आइएएस प्री और 11 अभ्यर्थियों ने पीसीएस-प्री परीक्षा उत्तीर्ण की। बाकी 52 अभ्यर्थी अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के हैं।
कोचिंग अधीक्षक लायक सिंह ने बताया कि इनकी पढ़ाई में करीब 2.80 करोड़ रुपये खर्च हुए। उन्होंने बताया कि आइएएस-पीसीएस के अच्छे रिजल्ट के लिए इस साल से प्रवेश परीक्षा की शुरुआत की है। इससे पूर्व छात्रों को सीधे प्रवेश मिल जाता था।
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कई और पर भी कार्रवाई
कोचिंग में गड़बड़ी को लेकर शासन ने आगरा के समाज कल्याण अधिकारी एसएस यादव सहित पांच अधिकारी गुरुवार को निलंबित कर दिए गए थे। शुक्रवार को कोचिंग सेंटर में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का जमावड़ा लगा रहा। स्थानीय अधिकारी शासन के अधिकारियों के संपर्क में रहे, वह गड़बड़ी की आशंका से इन्कार करते रहे। अब समाज कल्याण विभाग के कई और अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि जिन अधिकारियों ने अनुमोदन किया है, शुक्रवार को उनकी सूची भी शासन को भेज दी गई। इसमें तत्कालीन एसडीएम सदर राजेश कुमार सहित अन्य शामिल हैं।
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यह है कोचिंग का रिजल्ट
वर्ष---कुल अभ्यर्थी--उत्तीर्ण हुए
2009-10--60--एक
2010-11--122--एक
2011-12--152--छह
2012-13--178--24
2013-14--187--22
2014-15--128--10
2015-16--200--रिजल्ट घोषित नहीं हुआ
(इनमें आइएएस-पीसीएस के अलावा अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं भी शामिल हैं)
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- मामले में शासन की ओर से पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।
नगेंद्र प्रताप, सीडीओ
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यही वजह है कि सात साल में कोचिंग पर 2.80 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद सिर्फ एक अभ्यर्थी ने आइएएस प्री और 11 ने पीसीएस-प्री की परीक्षा पास की।
प्रदेश सरकार की ओर से खंदारी में सात साल पूर्व कोचिंग सेंटर खोला गया। पहले सत्र में 60 अभ्यर्थियों ने कोचिंग में प्रवेश लिया। पढ़ाने की जिम्मेदारी सेंटर फॉर एम्बिशन को दी गई। पहले साल एक छात्र ने लोअर सब ऑर्डिनेट प्री परीक्षा पास की। वर्ष 2012-13 में पढ़ाई का जिम्मा करियर एवेन्यू एजूकेशनल सोसायटी को दिया गया, लेकिन एक भी अभ्यर्थी ने आइएएस-प्री क्वालीफाई नहीं किया। वर्ष 2013-14 और 2014-15 में व्यवस्था बदल दी गई।
सपा सरकार में राम मनोहर लोहिया शिक्षा समिति को इसकी व्यवस्था सौंप दी, जिसने यहां शिक्षक तैनात किए। वर्ष 2014-15 में पहली बार एक अभ्यर्थी ने आइएएस-प्री की परीक्षा पास की। सात साल में कुल 1027 अभ्यर्थियों ने कोचिंग से तैयारी की, जिसमें एक आइएएस प्री और 11 अभ्यर्थियों ने पीसीएस-प्री परीक्षा उत्तीर्ण की। बाकी 52 अभ्यर्थी अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के हैं।
कोचिंग अधीक्षक लायक सिंह ने बताया कि इनकी पढ़ाई में करीब 2.80 करोड़ रुपये खर्च हुए। उन्होंने बताया कि आइएएस-पीसीएस के अच्छे रिजल्ट के लिए इस साल से प्रवेश परीक्षा की शुरुआत की है। इससे पूर्व छात्रों को सीधे प्रवेश मिल जाता था।
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कई और पर भी कार्रवाई
कोचिंग में गड़बड़ी को लेकर शासन ने आगरा के समाज कल्याण अधिकारी एसएस यादव सहित पांच अधिकारी गुरुवार को निलंबित कर दिए गए थे। शुक्रवार को कोचिंग सेंटर में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का जमावड़ा लगा रहा। स्थानीय अधिकारी शासन के अधिकारियों के संपर्क में रहे, वह गड़बड़ी की आशंका से इन्कार करते रहे। अब समाज कल्याण विभाग के कई और अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि जिन अधिकारियों ने अनुमोदन किया है, शुक्रवार को उनकी सूची भी शासन को भेज दी गई। इसमें तत्कालीन एसडीएम सदर राजेश कुमार सहित अन्य शामिल हैं।
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यह है कोचिंग का रिजल्ट
वर्ष---कुल अभ्यर्थी--उत्तीर्ण हुए
2009-10--60--एक
2010-11--122--एक
2011-12--152--छह
2012-13--178--24
2013-14--187--22
2014-15--128--10
2015-16--200--रिजल्ट घोषित नहीं हुआ
(इनमें आइएएस-पीसीएस के अलावा अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं भी शामिल हैं)
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- मामले में शासन की ओर से पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।
नगेंद्र प्रताप, सीडीओ
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