अब सरकारी बाबू बनने की राह आसान, अर्हता में राहत

सरकारी दफ्तरों में बाबू बनने की राह आसान हो गई है। सरकार ने कई अन्य कोर्स को सीसीसी के समकक्ष मान्यता दे दी है। इससे अब कनिष्ठ सहायक, आशुलिपिक भर्ती समेत प्रदेश सरकार के अधीन उन सभी लोक

सेवाओं और पदों जिन पर सीसीसी प्रमाणपत्र अनिवार्य था, उसमें अन्य कोर्स करने वाले अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकेंगे। सरकार ने पहले क्लास थ्री की भर्ती के लिए डोयक सोसाइटी (परिवर्तित नाम नीलिट) की ओर से जारी कोर्स ऑन कम्प्यूटर कंसेप्ट्स (सीसीसी) को अनिवार्य कर दिया था।
 लेकिन अन्य कोर्स करने वाले अभ्यर्थी समकक्षता देने की मांग कर रहे थे। प्रमुख सचिव किशन सिंह अटोरिया ने 23 सितंबर को समकक्षता का आदेश जारी कर दिया। अब यूपी बोर्ड के साथ केन्द्र या किसी राज्य सरकार द्वारा स्थापित किसी संस्था, शिक्षा बोर्ड या परिषद द्वारा संचालित हाईस्कूल या इंटरमीडिएट परीक्षा में अलग विषय के रूप में कम्प्यूटर साइंस विषय लेने वाले आवेदन के लिए मान्य होंगे। यदि किसी अभ्यर्थी ने कम्प्यूटर साइंस में डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त की हो तो वह भी आवेदन के लिए पात्र होंगे। सिर्फ सीसीसी की अनिवार्यता के कारण अन्य कोर्स करने वाले अयर्थी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की आरओ/एआरओ, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग समेत अन्य कई पदों के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे थे।
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