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बेसिक शिक्षा परिषद में अध्यापक चयन हेतु प्रारम्भ हुई यह भर्तियाँ, जानिए किन -किन संसोधनो और केसों में फंसी यह भर्तियाँ

संक्षेप में कहा जाये तो सपा सरकार द्वारा की गयी सभी भर्तियाँ अवैध हो चुकी है और निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा उलटफेर होना तय है। यहाँ जो अभ्यर्थी मानक पूरा करते है और NCTE द्वारा निर्धारित सभी न्यूनतम योग्यता को पूर्ण करते है उन्हें चिंता करने की कोई आवश्यकता नही है।
सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश से उनका किसी भी प्रकार का कोई अहित नही होगा किन्तु मानक ना पूरा करने वालों की पूर्व पद पर वापसी तय है।
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद् में अध्यापक चयन हेतु प्रारम्भ हुई भर्तियाँ
==> मायावती शासनकाल में
★30/11/11 प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 (72,825पद,टेट मेरिट)


==> अखिलेश शासनकाल में
★08/10/2012 जूनियर बेसिक बी टी सी (9,770पद)
★07/12/12 जूनियर बेसिक बीएड (72,825पद,एकेडमिक )
★26/04/2013 जूनियर बेसिक बी टी सी (10,800पद)
★11/07/2013 सीनियर बेसिक बीएड (29,334पद)
★17/08/2013 जूनियर बेसिक उर्दू (4,280पद)
★15/10/2013 जूनियर बेसिक बी टी सी (10,000पद)
★30/05/2014 जूनियर बेसिक शिक्षक समायोजन (1,24,000 शिक्षामित्र)
★09/12/2014 जूनियर बेसिक बी टी सी (15,000पद)
★16/06/2016 जूनियर बेसिक बी टी सी (16,448पद)


माननीय इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश
==> 30/05/2013 माननीय न्यायधीश ऐ पी शाही जी की अध्यक्षता वाली लार्जर बैंच से
•शिक्षक चयन हेतु टेट परीक्षा पास करना अनिवार्य।
•शिक्षक चयन हेतु न्यूनतम अहर्ता टेट।

==> 20/11/2013 माननीय न्यायधीश अशोक भूषण जी की अध्यक्षता वाली डिवीज़न बेंच से
•12वें संशोधन बहाल 15वाँ/16वाँ संशोधन निरस्त।
•30/11/11 विज्ञापन अपनी सभी शर्तों के साथ बहाल।
•72,825 प्रशिक्षु शिक्षक चयन प्रक्रिया टेट की मेरिट से पूर्ण की जाये।

==> 12/09/2015 मुख्य न्यायाधीश डी बाई चंद्रचूर्ण जी की अध्यक्षता वाली लार्जर बैंच से
•19वाँ संशोधन असंवैधानिक बिना टेट पास शिक्षामित्र समायोजन निरस्त।
•सरकार को उपरोक्त संशोधन करने का अधिकार ही नही।

==> 24/11/2016 मुख्य न्यायधीश डी बी भोषले जी की अध्यक्षता में डिवीजन बैंच से
•बेसिक शिक्षा नियमावली में किया गया 16वां संशोधन पुनः अवैध है।
•NCTE द्वारा निर्धारित टीईटी भारांक को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
•राज्य सरकार द्वारा टेट वेटेज देना अनिवार्य।
•एनसीटीई गाइड लाइन संवैधानिक व् अनिवार्य।
•सुप्रीम कोर्ट से अंतिम आदेश आने तक सभी भर्तियाँ यथावत रहेंगी।

प्रथम दृष्ट्या देखा जाये तो वर्तमान सरकार द्वारा एक ही विभाग में, एक ही पद और सामान वेतनमान के लिए तीन न्यूनतम योग्यता स्थापित कर दिया गया है। एक तरफ अभ्यर्थियों का चयन टेट प्राप्ताकों के आधार पर किया गया है तो दूसरी तरफ टेट बस न्यूनतम योग्यता रखा गया है और गुणांक को चयन आधार बनाया गया है। वहीँ बहुत बड़ी संख्या में बिना टेट ही भर्तियाँ पूरी कर दी गयी है। जिसके समाधान में हाइकोर्ट के सभी आदेशों की महती भूमिका रहने वाली है तथा अब इस पहेली का समाधान किसी भी दशा में मानवीय रूप में होना संभव नही है। सुप्रीम कोर्ट को अंतिम निर्णय हेतु अंततः क्वेश्चन ऑफ़ लॉ पर जाना ही होगा।
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