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New Education Policy : मोदी सरकार साल के अंत तक लाएगी नई एजुकेशन पॉलिसी

केंद्र सरकार साल के अंत तक लाएगी नई एजुकेशन पॉलिसी, एचआरडी मंत्रालय 'सबको शिक्षा और अच्छी शिक्षा' देने की दिशा में काम कर रहा : जावेड़कर

मोदी सरकार साल के अंत तक लाएगी नई एजुकेशन पॉलिसी, एचआरडी मंत्रालय 'सबको शिक्षा और अच्छी शिक्षा' देने की दिशा में काम कर रहा : जावेड़कर
• हमने साबित किया है कि यह सरकार गांव, गरीब, किसान और मजदूर की सरकार है।
• देश के अलग अलग हिस्सों में शिक्षण मंथन कार्यक्रम कर रहे हैं।

• थ्री लैंग्वेज में भारतीय भाषाएं और इंग्लिश में से ही कोई भाषा होगी।
• इस साल से सभी स्कूल बोर्ड, यूनिवर्सिटी अपनी डिग्री अकैडमिक डिपॉजिटरी में अपलोड करेंगे।


● जावड़ेकर का कहना है...
एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि मोदी सरकार ने अपने तीन साल के कार्यकाल में लोगों का भरोसा जीता है। उनका मंत्रालय 'सबको शिक्षा और अच्छी शिक्षा' देने की दिशा में काम कर रहा है। मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर जावड़ेकर से बात की :




Q सरकार की तीन साल की मुख्य क्या उपलब्धि है?
A सरकार ने लोगों का भरोसा जीता है। आम तौर पर सरकार के तीन साल होने पर एंटी इनकंबेंसी हावी होने लगती है, लेकिन मोदी सरकार में लोगों का भरोसा लगातार बढ़ा है। यूपीए सरकार में इकॉनमिस्ट पीएम होने के बावजूद महंगाई बेलगाम थी, लेकिन मोदी सरकार ने महंगाई पर लगाम लगाई है। हमने साबित किया है कि यह सरकार गांव, गरीब, किसान और मजदूर की सरकार है।


Q क्या वजह है कि आपकी मिनिस्ट्री अब तक नई नैशनल एजुकेशन पॉलिसी नहीं ला पाई?
A जल्द ही हम पॉलिसी ड्राफ्ट करने के लिए कमिटी का ऐलान कर देंगे। इस साल के अंत तक नई एजुकेशन पॉलिसी आ जाएगी।



Q एजुकेशन पॉलिसी में किस पर  फोकस रहेगा?
A हम एजुकेशनिस्ट की कमिटी को पूरी स्वतंत्रता देंगे कि वह 2-3 दशकों के हिसाब से मीनिंगफुल एजुकेशन के लिए पॉलिसी ड्राफ्ट तैयार करें। एजुकेशन के जरिये स्किल डिवेलपमेंट होना चाहिए, साथ ही मानवीय मूल्य भी निखरने चाहिए। एजुकेशन सबकी पहुंच में होनी चाहिए।



Q स्मृति इरानी जब एचआरडी मिनिस्टर थीं उस वक्त वैदिक एजुकेशन बोर्ड बनाने पर विचार हो रहा था, उसका क्या हुआ?
A अभी ऐसा कोई प्रपोजल नहीं है।




Q नैशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी का क्या स्टेटस है/
A इस साल से सभी स्कूल बोर्ड, यूनिवर्सिटी अपनी डिग्री अकैडमिक डिपॉजिटरी में अपलोड करेंगे। नई डिग्री के साथ ही पुरानी डिग्री भी उसमें अपलोड की जाएंगी। डिग्री में अब स्टूडेंट का फोटो भी होगा, जिससे कोई दूसरा किसी और के नाम की डिग्री का गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।


Q प्राइवेट स्कूलों में फीस बेलगाम बढ़ती जा रही है। पैरंट्स परेशान हैं। उस पर लगाम कैसे लगेगी?
A प्राइवेट स्कूल अगर नियमों के विरुद्ध कुछ करते हैं तो राज्य सरकारें उनके खिलाफ कदम उठा रही हैं। हमारा मकसद है कि सरकारी स्कूलों को इतना अच्छा बना दिया जाए कि पैरंट्स के पास सरकारी स्कूल में बच्चों को भेजने का विकल्प हो।



Q क्या केवी में केजी क्लासेस शुरू करने की कोई योजना पर विचार चल रहा है?
A सिक्किम में ऐसा प्रयोग शुरू हुआ है। सिक्किम के सरकारी स्कूलों में केजी क्लास भी शुरू की गई है, जिससे पैरंट्स को केजी के लिए बच्चों को प्राइवेट स्कूल में ही भेजने की मजबूरी न हो। यह अच्छा प्रयोग है। हम देश के अलग अलग हिस्सों में शिक्षण मंथन कार्यक्रम कर रहे हैं।




Q कई संगठनों की तरफ से मांग आई है कि प्राइमरी एजुकेशन मातृ भाषा में होनी चाहिए, संघ के कई संगठन भी यह मांग उठा चुके हैं?
A मैं ऐसा नहीं सोचता। किस भाषा में पढ़ना है यह बच्चे की चॉइस होनी चाहिए। उन पर कोई भाषा थोपनी नहीं चाहिए।



Q रीजनल भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठा रही है मिनिस्ट्री?
A थ्री लैंग्वेज फॉर्मूला को सही से लागू कराया गया है। स्टूडेंट के पास 22 भारतीय भाषाएं और एक इंग्लिश यानी 23 भाषाओं में से तीन भाषा चुनने का विकल्प होता है। बीच में सीबीएसई ने काफी गड़बड़ कर दी थी। अगर किसी को इन 23 भाषाओं के अलावा कोई फॉरेन लैंग्वेज पढ़नी है तो वह चौथी लैंग्वेज हो सकती है। थ्री लैंग्वेज में भारतीय भाषाएं और इंग्लिश में से ही कोई भाषा होगी।



Q महिला और बाल विकास मंत्री ने सिंगल मदर्स की शिकायतों पर आपसे मांग की है कि डिग्री-सर्टिफिकेट्स में पिता का नाम लिखना जरूरी न हो और सिर्फ मां का नाम देने की इजाजत हो?
A इसमें कोई दिक्कत नहीं है। यह अच्छा सुझाव है। कोई मां का नाम देना चाहता है तो यह उसकी चॉइस है। मैं इसे सही मानता हूं।

Q एजुकेशन सेक्टर के लिए अलग इंडियन एजुकेशन सर्विस बनाने की मांग कई संगठन कर चुके हैं। टीएसआर सुब्रमण्यम कमिटी की रिपोर्ट में भी यह कहा गया है?
A मुझे ऐसी अलग सर्विस की जरूरत नहीं लगती। सर्विस एक डिसिप्लिन है। इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस एक डिसिप्लिन है। एक सिस्टम तैयार होता है, माइंड को ऑर्गनाइज करते हैं, एक डिसिप्लिन में लाते हैं तो उससे काम कर सकते हैं। उसके लिए अलग सर्विस की जरूरत नहीं।
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